नवरात्री के दौरान मांस खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह एक आध्यात्मिक उपासना का समय होता है।
नवरात्री वह समय होता है जब भक्त अपनी आत्मा और शरीर को पवित्र रखकर माता से जुड़ना चाहते है, और शराब उसमे बढ़ा बन सकती है।
नवरात्री के दौरान और अन्य समयों पर भी दया, करुणा, और अहिंसा का पालन करना चाहिए, क्युकी हिंसा धार्मिक और नैतिक कारणों से भी गलत है।
नवरात्री के दौरान झूठ बोलना भी नहीं चाहिए, क्योंकि यह धार्मिकता के खिलाफ होता है।
अश्लील भाषा का प्रयोग करना धार्मिकता के खिलाफ होता है और आध्यात्मिकता के लिए अनुचित होता है। नवरात्री के दौरान और अन्य समयों पर भी सभ्यता से रहना चाहिए।