माँ स्कंदमातामाँ आरती( Maa Skandmata Aarti)”जय स्कन्द माता ” नवरात्रि के पांचवें दिन की आरती है। इस आरती में मां स्कंदमाता की स्तुति की जाती है। आरती में मां को शक्ति, बुद्धि, और ज्ञान की देवी के रूप में बताया गया है। माँ स्कंदमाता आरती, देवी स्कंदमाता की पूजा और आराधना के समय गाई जाती है। देवी स्कंदमाता हिन्दू धर्म की नवरात्रि के पांचवे दिन को पूजी जाती हैं, और वे पांचवे नवरात्रि दिन कुआर कुमार स्कंद (कार्तिक) के रूप में पूजी जाती हैं। इस आरती का उद्देश्य देवी स्कंदमाता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना होता है।
विषय सूची
माँ स्कंदमाता आरती के लाभ (Maa Skandmata Aarti Benifits)
- माँ स्कंदमाता की कृपा प्राप्त होती है। आरती में मां स्कंदमाता की स्तुति की जाती है, जिससे भक्तों में उनका प्रेम और श्रद्धा बढ़ती है। भक्ति भाव से आरती गाने से मां स्कंदमाता प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अपनी कृपा प्रदान करती हैं।
- मन को शांति और एकाग्रता मिलती है। आरती को गाते समय मन को शांत और एकाग्र रखना चाहिए।
- बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है। मां स्कंदमाता को शक्ति, बुद्धि, और ज्ञान की देवी माना जाता है।
- संकटों से मुक्ति मिलती है। मां स्कंदमाता को दुष्टों का नाश करने वाली देवी माना जाता है। आरती को गाने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आरती के अंत में मां स्कंदमाता से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। भक्ति भाव से प्रार्थना करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
माँ स्कंदमाता आरती का वीडियो (Maa Skandmata Aarti Video)
माँ स्कंदमाता आरती लिरिक्स हिंदी (Maa Skandmata Aarti Lyrics Hindi)
जय स्कन्द माता ,
ॐ जय स्कन्द माता ।
शक्ति भक्ति प्रदायिनी,
सब सुख की दाता ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
कार्तिकेय की हो माता ,
शंभू की शक्ति ।
भक्तजनों को मैया,
देना निज भक्ति ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
चार भुजा अति सोहे ,
गोदी में स्कन्द ।
द्या करो जगजननी,
बालक हम मतिमन्द ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
शुभ्र वर्ण अति पावन ,
सबका मन मोहे ।
होता प्रिय माँ तुमको,
जो पूजे तोहे ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
स्वाहा स्वधा ब्रह्माणी ,
राधा रुद्राणी ।
लक्ष्मी शारदे काली,
कमला कल्याणी ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
काम क्रोध मद ,
मैया जगजननी हरना ।
विषय विकारी तन मन,
को पावन करना ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
नवदुर्गो में पंचम ,
मैया स्वरूप तेरा ।
पाँचवे नवरात्रे को,
होता पूजन तेरा ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
तू शिव धाम निवासिनी,
महाविलासिनी तू ।
तू शमशान विहारिणी,
ताण्डव लासिनी तू ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
हम अति दीन दुखी माँ,
कष्टों ने घेरे ।
अपना जान द्या कर,
बालक हैं तेरे ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
स्कन्द माता जी की आरती,
जो कोई गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
मनवांछित फल पावे ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
जय स्कन्द माता ,
ॐ जय स्कन्द माता ।
शक्ति भक्ति प्रदायिनी,
सब सुख की दाता ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
माँ स्कंदमाता आरती लिरिक्स अंग्रेजी (Maa Skandmata Aarti Lyrics English)
Jai Skandmata
Om Jai Skandmata
Shakti Bhakti Pradayani
Sab Sukh Ki Daata
Om Jai Skandmata
Kartikey Ki Ho Mata
Shambhu Ki Shakti
Bhaktjano Ko Maiya
Dena Nij Bhakti
Om Jai Skandmata
Chaar Bhuja Ati Sohe
Godi Me Skand
Dha Karo Jagjan’ni
Baalak Hum Matimand
Om Jai Skandmata
Shubhr Varn Ati Paawan
Sabka Man Mohe
Hota Priya Ma Tumko
Jo Puje Tohe
Om Jai Skandmata
Swaha Swadha Bramini
Radha Rukmani
Lakshmi Sharde Kaali
Kamla Kalyani
Om Jai Skandmata
Kaam Krodh Mad
Maiya Jagjan’ni Harna
Vishay Vikari Tan Man
Ko Paawan Kara
Om Jai Skandmata
Navdurgo Me Pancham
Maiya Swroop Tera
Panchwe Navratre Ko
Hota Poojan Tera
Om Jai Skandmata
Tu Shiv Dham Nivashini
Mahavilashini Tu
Tu Shamshan Viharini
Taandav Laasini Tu
Om Jai Skandmata
Hum Ati Deen Dukhi Maa
Kastho Ne Ghere
Apna Jaan Dha Kar
Baalak Hai Tere
Om Jai Skandmata
Skandmata Ji Ki Aarti
Jo Koi Aave
Kahat Shivanand Swami
Manwanchhit Fal Paave
Om Jai Skandmata
Jai Skandmata
Om Jai Skandmata
Shakti Bhakti Pradayani
Sab Sukh Ki Daata
Om Jai Skandmata
माँ स्कंदमाता आरती पीडीएफ (Maa Skandmata Aarti PDF)
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माँ स्कंदमाता आरती से सम्बंधित कुछ प्रश्न (Maa Skandmata Aarti FAQ)
माँ स्कंदमाता आरती (Maa Skandmata Aarti)क्या हैं
माँ स्कंदमाता आरती(Maa Skandmata Aarti) नवरात्रि के पांचवें दिन की आरती है। इस आरती में मां स्कंदमाता की स्तुति की जाती है। आरती में मां को शक्ति, बुद्धि, और ज्ञान की देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
माँ स्कंदमाता आरती(Maa Skandmata Aarti) का हिंदी अर्थक्या हैं |
हे स्कंदमाता, आपकी जय हो। आपका पांचवा नाम है। आप सभी के मन को भाती हैं, आप ही जग की माता हैं। जो कोई आपको ध्यान करता है, उसकी बिगड़ी बन जाती है। जब दुष्ट दैत्य आक्रमण करते हैं, तो आप ही खंडा उठाकर उनका संहार करती हैं। हे मां स्कंदमाता, कृपा करो महारानी। सभी के संकटों को दूर करो, सुख और समृद्धि प्रदान करो।
माँ स्कंदमाता आरती (Maa Skandmata Aarti)का महत्व क्या हैं |
माँ स्कंदमाता आरती(Maa Skandmata Aarti) नवरात्रि के पांचवें दिन की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस आरती को गाकर भक्त मां स्कंदमाता की कृपा प्राप्त करते हैं। आरती में मां स्कंदमाता की महिमा का वर्णन किया गया है, जिससे भक्तों में उनका प्रेम और श्रद्धा बढ़ती है।
माँ स्कंदमाता आरती(Maa Skandmata Aarti) को कैसे गाना चाहिए:
माँ स्कंदमाता आरती(Maa Skandmata Aarti) को भक्ति भाव से गाना चाहिए। आरती को गाते समय मन को शांत और एकाग्र रखना चाहिए।
माँ स्कंदमाता आरती (Maa Skandmata Aarti)की विधि क्या हैं |
माँ स्कंदमाता आरती(Maa Skandmata Aarti) को गाने से पहले मां स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर को सामने रखना चाहिए। फिर, आरती के बोलों को ध्यान से सुनना चाहिए और उन्हें गाना चाहिए। आरती के अंत में, मां स्कंदमाता से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।