अन्नपूर्णा माता जी की आरती (Annapurna mata ki aarti)

अन्नपूर्णा माता की आरती(Annapurna mata ki aarti) “बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम” अन्नपूर्णा माता की महिमा की प्रशंसा करने के लिए गाई जाती है। भगवान अन्नपूर्णा माता अन्न (खाद्य) की देवी के रूप में पूजी जाती हैं और उन्हें जीवन की प्राप्ति में मदद करने वाली माना जाता है। इस आरती का पाठ भक्तों के द्वारा भगवान अन्नपूर्णा माता की कृपा की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

Annapurna mata ki aarti का वीडियो

Annapurna mata ki aarti के लाभ

  1. अन्न की प्राप्ति: अन्नपूर्णा माता की आरती का पाठ करने से भक्तों को अन्न की प्राप्ति में मदद मिलती है। यह आरती अन्न की महत्वपूर्णता को समझाने और उसकी कृपा की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
  2. मानसिक शांति: अन्नपूर्णा माता की आरती का पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति और सुख की भावना मिलती है। यह आरती भक्तों को संतुलित और प्रसन्न मानसिक स्थिति में रहने में मदद कर सकती है।
  3. धार्मिक उन्नति: अन्नपूर्णा माता की आरती का पाठ करने से भक्तों की धार्मिक उन्नति होती है। इसके माध्यम से, वे अपने आध्यात्मिक जीवन में सुधार कर सकते हैं और अपने धर्मिक आदर्शों का पालन कर सकते हैं।
  4. आर्थिक समृद्धि: अन्नपूर्णा माता की आरती का पाठ आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति में मदद कर सकता है। यह आरती भक्तों को आर्थिक संघर्षों के समय में सहयोग प्रदान कर सकती है और आर्थिक समृद्धि की ओर मार्गदर्शन कर सकती है।
  5. सामाजिक सहयोग: अन्नपूर्णा माता की आरती का पाठ करने से भक्तों की सामाजिक सहयोग और दान-दानशीलता की भावना मिलती है। यह आरती उन्हें दूसरों की मदद करने की भावना में बढ़ावा देती है और समाज में सहयोग का प्रचार करती है।

अन्नपूर्णा माता जी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Annapurna mata ki aarti in Hindi)

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम |

जो नहीं ध्यावे तुम्हें अमिबके, कहां उसे विश्राम |
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ||

प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम |
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहं राम ||

चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारू चक्रधर श्याम |
चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम ||

देवी देव | दयनीय दशा में, दया दया तब जाम |
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल, शरणरूप तब धाम ||

श्री ह्रीं श्रद्धा भी ऐ विधा, श्री कलीं कमला काम |
कानित भ्रांतिमयी कांतिशांति, सयीवर दे तू निष्काम ||

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।

अन्नपूर्णा माता जी की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Annapurna mata ki aarti in English)

Baarambaar praṇaam maiyaa baarambaar praṇaam .
Jo nahiin dhyaave tumhen amibake, kahaan use vishraam .
Annapuurṇaa devii naam tihaaro, let hot sab kaam ..

Pralay yugaantar owr janmaantar, kaalaantar tak naam .
Sur suron kii rachanaa karatii, kahaan kṛshṇ kaham raam ..

Chuumahi charaṇ chatur chaturaanan, chaaruu chakradhar shyaam .
Chandr chuud chandraanan chaakar, shobhaa lakhahi lalaam ..

Devii dev . dayaniiy dashaa men, dayaa dayaa tab jaam .
Traahi-traahi sharaṇaagat vatsal, sharaṇaruup tab dhaam ..

Shrii hriin shraddhaa bhii ai vidhaa, shrii kaliin kamalaa kaam .
Kaanit bhraantimayii kaantishaanti, sayiivar de tuu nishkaam ..

Baarambaar praṇaam, maiyaa baarambaar praṇaam .

यह आरती भी पढ़े



Annapurna mata ki aarti lyrics pdf

Annapurna mata ki aarti से सम्बंधित प्रश्न

अन्नपूर्णा माता कौन हैं?

अन्नपूर्णा माता को भोजन की देवी माना जाता है। वे भगवान शिव की पत्नी पार्वती का ही एक रूप हैं। अन्नपूर्णा माता को अन्न की देवी होने के कारण ही भोजन का स्वाद और गुणवत्ता अच्छी होती है।

अन्नपूर्णा माता की आरती का महत्व क्या है?

अन्नपूर्णा माता की आरती (Annapurna mata ki aarti) का बहुत महत्व है। यह आरती अन्नपूर्णा माता की महिमा का गुणगान करती है और उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करती है। अन्नपूर्णा माता की आरती करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

मन को शांति और शांति मिलती है।
अन्नपूर्णा माता की कृपा प्राप्त होती है।
जीवन में समृद्धि और सुख-शांति आती है।

अन्नपूर्णा माता की आरती कैसे करें?

अन्नपूर्णा माता की आरती (Annapurna mata ki aarti) करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जा सकता है:
सबसे पहले, एक पवित्र स्थान पर एक चौकी या आसन बिछाएं।
उस पर अन्नपूर्णा माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
आरती की थाली में कुछ फूल, धूप, दीप, और अगरबत्ती रखें।
आरती की थाली को अन्नपूर्णा माता के सामने रखें।
आरती की कथा को ध्यान से सुनें।
आरती की पंक्तियों को ध्यान से गाते हुए आरती की थाली को अन्नपूर्णा माता के सामने घुमाएं।
आरती के अंत में, आरती की थाली को अन्नपूर्णा माता के सामने रखकर प्रणाम करें।

अन्नपूर्णा माता की आरती के लाभ क्या हैं?

अन्नपूर्णा माता की आरती (Annapurna mata ki aarti) करने के कई लाभ हैं। यह मन को शांत और शांतिपूर्ण बनाता है। यह भक्तों को अन्नपूर्णा माता की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह जीवन में आने वाली बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने में भी मदद करता है।

अन्नपूर्णा माता की आरती करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

अन्नपूर्णा माता की आरती(Annapurna mata ki aarti) करने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम होता है। हालांकि, इसे किसी भी समय किया जा सकता है।

अन्नपूर्णा माता की आरती करने के लिए कौन सी सामग्री आवश्यक है?

अन्नपूर्णा माता की आरती करने के लिए निम्नलिखित सामग्री आवश्यक है:
आरती की थाली
फूल
धूप
दीप
अगरबत्ती

अन्नपूर्णा माता की आरती करने के लिए कौन सी विधि सबसे अच्छी है?

अन्नपूर्णा माता की आरती (Annapurna mata ki aarti) करने के लिए कोई एक विशेष विधि सबसे अच्छी नहीं है। भक्त अपनी सुविधानुसार किसी भी विधि का पालन कर सकते हैं।

आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।

इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Exit mobile version

Updated on May 11, 2024