Bhagwan Vishnu ki aarti (भगवान विष्णु की आरती)

भगवान विष्णु की आरती (Bhagwan Vishnu ki aarti) करने से भक्तों के संकट दूर होते हैं और सुख संपत्ति घर आती है। भगवान विष्णु मन से दुःख का विनाश करते हैं। भगवान विष्णु त्रिदेवो में से वो देव है जिन्होंने धरती पर नौ बार अवतार लिया। राम , कृष्ण , वराह और परशुराम उन्ही के अवतार माने जाते है।

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भगवान् विष्णु की आरती लिरिक्स हिंदी में (Bhagwan Vishnu ki aarti in Hindi)

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥


॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥

भगवान् विष्णु की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Bhagwan Vishnu ki aarti in English)

om jay jagadiish hare,
svaamii jay jagadiish hare .
bhakt janon ke sankaṭ,
daas janon ke sankaṭ,
kshaṇ men duur kare ॥
॥ om jay jagadiish hare..॥

jo dhyaave phal paave,
duahkh binase man kaa,
svaamii duahkh binase man kaa .
sukh sampati ghar aave,
sukh sampati ghar aave,
kashṭ miṭe tan kaa ॥
॥ om jay jagadiish hare..॥

maat pitaa tum mere,
sharaṇ gahuun kisakii,
svaamii sharaṇ gahuun main kisakii .
tum bin owr n duujaa,
tum bin owr n duujaa,
aas karuun main jisakii ॥
॥ om jay jagadiish hare..॥

tum puuraṇ paramaatmaa,
tum antaryaamii,
svaamii tum antaryaamii .
paarabrahm parameshvar,
paarabrahm parameshvar,
tum sab ke svaamii ॥

॥ om jay jagadiish hare..॥

tum karuṇaa ke saagar,
tum paalanakartaa,
svaamii tum paalanakartaa .
main muurakh phalakaamii,
main sevak tum svaamii,
kṛpaa karo bhartaa॥
॥ om jay jagadiish hare..॥

tum ho ek agochar,
sabake praaṇapati,
svaamii sabake praaṇapati .
kis vidhi miluun dayaamay,
kis vidhi miluun dayaamay,
tumako main kumati ॥
॥ om jay jagadiish hare..॥

diin-bandhu duahkh-hartaa,
ṭhaakur tum mere,
svaamii rakshak tum mere .
apane haath uṭhaao,
apane sharaṇ lagaao,
dvaar padaa tere ॥
॥ om jay jagadiish hare..॥

vishay-vikaar miṭaao,
paap haro devaa,
svamii paapa(kashṭa) haro devaa .
shraddhaa bhakti badhaao,
shraddhaa bhakti badhaao,
santan kii sevaa ॥

om jay jagadiish hare,
svaamii jay jagadiish hare .
bhakt janon ke sankaṭ,
daas janon ke sankaṭ,
kshaṇ men duur kare ॥

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Bhagwan Vishnu ki aarti से जुड़े सामान्य प्रश्न

“भगवान विष्णु की आरती” क्या है?

“Bhagwan Vishnu ki aarti” एक हिंदू प्रार्थना है जो ब्रह्मांड के संरक्षक विष्णु को समर्पित है। इसे आमतौर पर विष्णु पूजा के दौरान गाया या गाया जाता है, जो विष्णु की एक अनुष्ठानिक पूजा है। आरती विष्णु के प्रति भक्ति दिखाने और उनका आशीर्वाद पाने का एक तरीका है।

“भगवान विष्णु की आरती” का पाठ करने के क्या लाभ हैं?

“Bhagwan Vishnu ki aarti” का पाठ करने के कई लाभ हैं। इनमें से कुछ लाभों में शामिल हैं:
मन की शांति: आरती का पाठ करने से मन शांत होता है और मन को शांति मिलती है।
बुराई से सुरक्षा: माना जाता है कि आरती पढ़ने वाले को बुरी शक्तियों से बचाती है।
समृद्धि और खुशी: माना जाता है कि आरती पढ़ने वाले के लिए समृद्धि और खुशी लाती है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: माना जाता है कि आरती पढ़ने वाले की मनोकामनाओं को पूरा करने में मदद करती है।

“भगवान विष्णु की आरती” का पाठ कैसे करें?

“भगवान विष्णु की आरती” का पाठ करने के लिए, आपको कुछ वस्तुओं की आवश्यकता होगी, जिनमें शामिल हैं:
विष्णु की तस्वीर या मूर्ति: इसका उपयोग आरती के दौरान आपका ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाता है।
दीपक या दीया: इसका उपयोग आरती जलाने के लिए किया जाता है।
कपूर: इसका उपयोग आरती में सुगंध लाने के लिए किया जाता है।
अगरबत्ती: इनका प्रयोग आरती में सुगंध लाने के लिए किया जाता है।
एक बार जब आपके पास अपना सामान हो, तो आप आरती शुरू कर सकते हैं। आरती आमतौर पर संस्कृत में गाई या उच्चारित की जाती है। हालाँकि, आरती के कई अंग्रेजी अनुवाद भी उपलब्ध हैं।

आरती पढ़ने के लिए आपको इन चरणों का पालन करना होगा:
दीपक या दीया जलाएं.
अपने सामने विष्णु जी की तस्वीर या मूर्ति रखें।
कपूर को अपने हाथ में रखें और इसे विष्णु की तस्वीर या मूर्ति के चारों ओर घुमाएं।
जपें या आरती गाएँ।
विष्णु जी की तस्वीर या मूर्ति पर धूपबत्ती चढ़ाएं।
विष्णु की तस्वीर या मूर्ति को प्रणाम करें.

“भगवान विष्णु की आरती” के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

“भगवान विष्णु की आरती” के कई अलग-अलग प्रकार हैं। आरती के कुछ सबसे लोकप्रिय प्रकारों में शामिल हैं:
लक्ष्मी-नारायण आरती: यह आरती विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी को समर्पित है।
पद्म पुराण आरती: यह आरती एक हिंदू ग्रंथ पद्म पुराण पर आधारित है।
श्री विष्णु आरती: यह आरती एक सरल और सीधी आरती है।

“भगवान विष्णु की आरती” आमतौर पर कब की जाती है?

“भगवान विष्णु की आरती” आमतौर पर विष्णु पूजा के दौरान की जाती है। हालाँकि, यह अन्य अवसरों पर भी किया जा सकता है, जैसे विष्णु जयंती, विष्णु का जन्मदिन।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 11, 2024