जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति आरती (Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Aarti) भगवान श्री गणेश को समर्पित है, इस आरती के पाठ से आपको आध्यात्मिक और भौतिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यह आपकी आत्मा को शांति देने के साथ-साथ आपके जीवन को सफलता, सुख, और समृद्धि की दिशा में मदद कर सकता है। यह एक शक्तिशाली आरती है जो भक्तों को गणेश जी की कृपा प्राप्त करने में मदद करती है। यह आरती भक्तों को बुद्धि और ज्ञान प्रदान करती है। यह आरती भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाती है।
विषय सूची
Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Aarti करने के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: गणेश जी को सभी देवताओं के प्रमुख माना जाता है और उनकी पूजा से आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है। आरती के अनुष्ठान से आपकी आध्यात्मिक अनुभवणीयता और अंतरंग शांति बढ़ सकती है।
- बुद्धि और विद्या की प्राप्ति: गणेश जी बुद्धि और विद्या के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी आरती के प्रयास से आपकी बुद्धि में वृद्धि हो सकती है और आप अध्ययन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
- विघ्न निवारण: गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, जिनकी पूजा से आपके जीवन में आने वाली समस्याओं और बाधाओं का निवारण हो सकता है।
- सुख-शांति: गणेश जी की पूजा से परिवार में सुख और शांति की भावना बढ़ सकती है।
- कार्य सिद्धि: यदि आप कोई महत्वपूर्ण कार्य या परियोजना शुरू करने जा रहे हैं, तो गणेश जी की पूजा और आरती से आपको सिद्धि मिल सकती है।
- सामाजिक समृद्धि: गणेश जी की पूजा से सामाजिक संबंधों में मिलान सक्षमता और समृद्धि में वृद्धि हो सकती है।
- नेतृत्व और साहस: गणेश जी को नेता और साहसी भी माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा से आपके नेतृत्व और साहस में वृद्धि हो सकती है।
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति आरती (Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Aarti)
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।
कंठी झलके माल मुकताफळांची ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः,
कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः,
कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना ।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी, रक्षावे सुरवर वंदना ।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः,
कामना पूर्ति
जय देव जय देव ॥
॥ श्री गणेशाची आरती ॥
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको ।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको ।
हाथ लिए गुड लड्डू सांई सुरवरको ।
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय जय श्री गणराज ।
विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन
मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ॥
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि ।
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी ।
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी ।
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि ॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय जय श्री गणराज ।
विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन
मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ॥
भावभगत से कोई शरणागत आवे ।
संतत संपत सबही भरपूर पावे ।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ।
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे ॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय जय श्री गणराज ।
विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन
मेरा मन रमता,
जय देव जय देव ॥
॥ श्री शंकराची आरती ॥
लवथवती विक्राळा ब्रह्मांडी माळा,
वीषे कंठ काळा त्रिनेत्री ज्वाळा
लावण्य सुंदर मस्तकी बाळा,
तेथुनिया जळ निर्मळ वाहे झुळझुळा ॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय श्रीशंकरा ।
आरती ओवाळू,
तुज कर्पुरगौरा
जय देव जय देव ॥
कर्पुरगौरा भोळा नयनी विशाळा,
अर्धांगी पार्वती सुमनांच्या माळा
विभुतीचे उधळण शितकंठ नीळा,
ऐसा शंकर शोभे उमा वेल्हाळा ॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय श्रीशंकरा ।
आरती ओवाळू,
तुज कर्पुरगौरा
जय देव जय देव ॥
देवी दैत्यी सागरमंथन पै केले,
त्यामाजी अवचित हळहळ जे उठले
ते त्वा असुरपणे प्राशन केले,
नीलकंठ नाम प्रसिद्ध झाले ॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय श्रीशंकरा ।
आरती ओवाळू,
तुज कर्पुरगौरा
जय देव जय देव ॥
व्याघ्रांबर फणिवरधर सुंदर मदनारी,
पंचानन मनमोहन मुनिजनसुखकारी
शतकोटीचे बीज वाचे उच्चारी,
रघुकुलटिळक रामदासा अंतरी ॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव,
जय श्रीशंकरा ।
आरती ओवाळू,
तुज कर्पुरगौरा
जय देव जय देव ॥
॥ श्री देवीची आरती ॥
दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी,
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ।
वारी वारीं जन्ममरणाते वारी,
हारी पडलो आता संकट नीवारी ॥
जय देवी जय देवी..
जय देवी जय देवी,
जय महिषासुरमथनी ।
सुरवर-ईश्वर-वरदे,
तारक संजीवनी
जय देवी जय देवी ॥
त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही,
चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं ।
साही विवाद करितां पडिले प्रवाही,
ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही ॥
जय देवी जय देवी..
जय देवी जय देवी,
जय महिषासुरमथनी ।
सुरवरईश्वरवरदे,
तारक संजीवनी
जय देवी जय देवी ॥
प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां,
क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा ।
अंवे तुजवांचून कोण पुरविल आशा,
नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा ॥
जय देवी जय देवी..
जय देवी जय देवी,
जय महिषासुरमथनी ।
सुरवरईश्वरवरदे,
तारक संजीवनी
जय देवी जय देवी ॥
॥ घालीन लोटांगण आरती ॥
घालीन लोटांगण, वंदीन चरण ।
डोळ्यांनी पाहीन रुप तुझें ।
प्रेमें आलिंगन, आनंदे पूजिन ।
भावें ओवाळीन म्हणे नामा ॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव ।
त्वमेव बंधुक्ष्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विध्या द्रविणं त्वमेव ।
त्वमेव सर्वं मम देवदेव ॥
कायेन वाचा मनसेंद्रीयेव्रा,
बुद्धयात्मना वा प्रकृतिस्वभावात ।
करोमि यध्य्त सकलं परस्मे,
नारायणायेति समर्पयामि ॥
अच्युतं केशवं रामनारायणं,
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम ।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं,
जानकीनायकं रामचंद्र भजे ॥
हरे राम हर राम,
राम राम हरे हरे ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति आरती अंग्रेजी में (Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Aarti In English)
Sukh Karta Dukhharta Varta Vighnachi ।
Noorvi Poorvi Prem Krupya Jaiachi ।
Sarwangi Sundar Utishendu Rachi ।
Kanthi Jhalke Maad Mukhta Padhanchi ।
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev
Jai Mangal Murti ।
Darshan Matre Mann,
Kamana Purti
Jai Dev Jai Dev ॥
Ratnakhachit Phara Tujh Gaurikumra ।
Chandanaachi Uti Kumkum Ke Shara ।
Hire Jadit Mukut Shobhato Bara ।
Runjhunati Nupure Charani Ghagriya ।
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev
Jai Mangal Murti ।
Darshan Matre Mann,
Kamana Purti
Jai Dev Jai Dev ॥
Lambodar Pitaambar Phanivar Vandana ।
Saral Sond Vakratunda Trinayana ।
Das Ramacha Vat Pahe Sadna ।
Sankati Pavave Nirvani Rakshave Survar Vandana ।
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev
Jai Mangal Murti ।
Darshan Matre Mann,
Kamana Purti
Jai Dev Jai Dev ॥
॥ Shri Ganeshaachi Aarti ॥
Shindur Laal Chadhayo Achchha Gajmukhko ।
Dondil Laal Biraje Sut Gauriharko ।
Haath Lie Gud Laddoo Saiin Survarko ।
Mahima Kahe Na Jaay Laagat Hoon Paadko ॥
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev,
Jai Jai Shri Ganraaj ।
Vidya Sukhdaata
Dhanya Tumhara Darshan
Mera Mann Ramta,
Jai Dev Jai Dev ॥
Astau Siddhi Dasi Sankatko Bairi ।
Vighnavinaashan Mangal Moorat Adhikari ।
Kotisurajprakash Aibi Chhabi Teri ।
Gandasthalamadamastak Jhoole Shashibihari ॥
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev,
Jai Jai Shri Ganraaj ।
Vidya Sukhdaata
Dhanya Tumhara Darshan
Mera Mann Ramta,
Jai Dev Jai Dev ॥
Bhavbhagat Se Koyi Sharnagat Aave ।
Santati Sampatti Sabahi Bharpur Paave ।
Aise Tum Maharaaj Moko Ati Bhaave ।
Gosavinandan Nishidin Gun Gaave ॥
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev,
Jai Jai Shri Ganraaj ।
Vidya Sukhdaata
Dhanya Tumhara Darshan
Mera Mann Ramta,
Jai Dev Jai Dev ॥
॥ Shri Shankarachi Aarti ॥
Lavathavati Vikrala Brahmandi Mala,
Vishe Kantha Kala Trinetri Jwala
Lavanya Sundara Mastaki Bala,
Tethuniya Jala Nirmala Vahe Jhulajhula ॥
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev
Jai Shri Shankara ।
Aarti Ovalu,
Tuja Karpuragaura
Jai Dev Jai Dev ॥
Karpuragaura Bhola Nayani Vishala,
Ardhangi Parvati Sumananchya Mala,
Vibhutiche Udhalana Shitikantha Nila,
Aisa Shankar Shobhe Umavelhala ॥
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev
Jai Shri Shankara ।
Aarti Ovalu,
Tuja Karpuragaura
Jai Dev Jai Dev ॥
Devi Daityi Sagaramanthana Pai Kele
Tyamaji Avachita Halahala Je Uthle
Te Tva Asurapane Prashan Kele,
Nilakantha Nama Prasiddh Jhale ॥
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev
Jai Shri Shankara ।
Aarti Ovalu,
Tuja Karpuragaura
Jai Dev Jai Dev ॥
Vyaghrambara Phanivardharasundara Madnari,
Panchanana Manamohan Munijan Sukhkari
Shatakotiche Beej Vache Uchchari,
Raghukulatilaka Ramadasa Antari ॥
Jai Dev Jai Dev..
Jai Dev Jai Dev
Jai Shri Shankara ।
Aarti Ovalu,
Tuja Karpuragaura
Jai Dev Jai Dev ॥
॥ Shri Devichi Aarti ॥
Durge Durghat Bhari Tujvin Sansari,
Anathnathe Ambe Karuna Vistari ।
Vari Vari Janam Marante Vari,
Hari Padalo Ata Sankat Nivari ॥
Jai Devi Jai Devi..
Jai Devi Jai Devi,
Jai Mahishasurmathini ।
Survar Ishwar Varde,
Tarak Sanjivani
Jai Devi Jai Devi ॥
Tujaveen Bhuvani Pahata Tuj Aise Nahi,
Chari Shramale Parantu Na Bolve Kahin ।
Sahi Vivad Karita Padile Pravahi,
Te Tu Bhaktalagi Pavasi Lavlahi ॥
Jai Devi Jai Devi..
Jai Devi Jai Devi,
Jai Mahishasurmathini ।
Survar Ishwar Varde,
Tarak Sanjivani
Jai Devi Jai Devi ॥
Prasanna Vadane Prasanna Hosi Nijdasa,
Kleshapasuni Sodivi Todi Bhavpasha ।
Ambe Tujvachun Kon Purvil Asha,
Narhari Tallin Jhala Padpankajlesha ॥
Jai Devi Jai Devi..
Jai Devi Jai Devi,
Jai Mahishasurmathini ।
Survar Ishwar Varde,
Tarak Sanjivani
Jai Devi Jai Devi ॥
॥ Ghalin Lotangan Aarti ॥
Ghalin Lotangan Vandin Charan ।
Dolyani Pahin Rup Tujhe ।
Dev Preme Alingan Anande Pujin ।
Bhave Ovalin Mhane Nama ॥
Twamev Mata Cha Pita Twamev ।
Twamev Bandhusch Sakha Twamev ।
Twamev Vidhya Dravinam Twamev ।
Twamev Sarwam Mam Dev Dev ॥
Kayena Vacha Manasendriyenva ।
Buddhayatmna Va Prakrutiswabhavat ।
Karomi Yadhyat Sakalam Parasmai ।
Narayanayeti Samarpayami ॥
Achyutam Keshavam Ramnarayanam ।
Krushanadamodaram Vasudevam Bhaje ।
Shridharam Madhavam Gopikavallabham ।
Janaki Nayakam Ramchandra Bhaje ॥
Hare Ram Hare Ram Ram,
Ram Hare Hare ।
Hare Krishna Hare Krishna,
Krishna Krishna Hare Hare ।
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति आरती (Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Aarti) Pdf
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