श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti)

श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) “चतुर्भुज जगन्नाथ” भगवान जगन्नाथ की पूजा और आराधना के समय गाई जाने वाली एक प्रमुख पूजा आरती है। यह आरती भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुबद्रा को समर्पित होती है यह आरती भगवान को प्रसन्न करने के लिए गया जाता है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। श्री जगन्नाथ आरती ओड़िशा राज्य के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर में हर दिन सुबह और शाम को गाई जाती है।

श्री जगन्नाथ आरती के लाभ (Shree Jagannath Arti Benefits)

  1. आध्यात्मिक उन्नति:
    श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) का पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शांति की प्राप्ति करते हैं. यह मानसिक स्थिति को स्थिर करने में मदद करता है.
  2. भक्ति और प्रेम:
    श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) का पाठ करके भगवान के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करते हैं और उनके साथ एक गहरा संबंध बनाते हैं.
  3. आरोग्य और सुख:
    श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) के पाठ से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.
  4. विशेष इवेंट्स में मदद:
    श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) का पाठ विशेषकर मंगलवार को या जब कोई महत्वपूर्ण दिन या पूजा आयोजित हो रही हो, तब किया जाता है.
  5. शांति और समृद्धि:
    श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) का पाठ करने परिवार के सदस्यों में सुखी और समृद्ध बनी रहती है.

श्री जगन्नाथ आरती का वीडियो (Shree Jagannath Aarti Video)

श्री जगन्नाथ आरती लिरिक्स हिंदी में (Shree Jagannath Aarti Lyrics In Hindi)

चतुर्भुज जगन्नाथ
कंठ शोभित कौसतुभः ॥

पद्मनाभ, बेडगरवहस्य,
चन्द्र सूरज्या बिलोचनः

जगन्नाथ, लोकानाथ,
निलाद्रिह सो पारो हरि

दीनबंधु, दयासिंधु,
कृपालुं च रक्षकः

कम्बु पानि, चक्र पानि,
पद्मनाभो, नरोतमः

जग्दम्पा रथो व्यापी,
सर्वव्यापी सुरेश्वराहा

लोका राजो, देव राजः,
चक्र भूपह स्कभूपतिहि

निलाद्रिह बद्रीनाथशः,
अनन्ता पुरुषोत्तमः

ताकारसोधायोह, कल्पतरु,
बिमला प्रीति बरदन्हा

बलभद्रोह, बासुदेव,
माधवो, मधुसुदना

दैत्यारिः, कुंडरी काक्षोह, बनमाली
बडा प्रियाह, ब्रम्हा बिष्णु, तुषमी

बंगश्यो, मुरारिह कृष्ण केशवः
श्री राम, सच्चिदानंदोह,

गोबिन्द परमेश्वरः
बिष्णुुर बिष्णुुर, महा बिष्णुपुर,

प्रवर बिशणु महेसरवाहा
लोका कर्ता, जगन्नाथो,
महीह करतह महजतहह ॥

महर्षि कपिलाचार व्योह,
लोका चारिह सुरो हरिह

वातमा चा जीबा पालसाचा,
सूरह संगसारह पालकह
एको मीको मम प्रियो ॥

ब्रम्ह बादि महेश्वरवरहा
दुइ भुजस्च चतुर बाहू,

सत बाहु सहस्त्रक
पद्म पितर बिशालक्षय

पद्म गरवा परो हरि
पद्म हस्तेहु, देव पालो

दैत्यारी दैत्यनाशनः
चतुर मुरति, चतुर बाहु
शहतुर न न सेवितोह …

पद्म हस्तो, चक्र पाणि
संख हसतोह, गदाधरह

महा बैकुंठबासी चो
लक्ष्मी प्रीति करहु सदा ।

श्री जगन्नाथ आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Shree Jagannath Aarti Lyrics In English)

chaturbhuj jagannaath
kanṭh shobhit kowsatubhah ॥

padmanaabh, beḍagaravahasy,
chandr suurajyaa bilochanah

jagannaath, lokaanaath,
nilaadrih so paaro hari

diinabandhu, dayaasindhu,
kṛpaalun ch rakshakah

kambu paani, chakr paani,
padmanaabho, narotamah

jagdampaa ratho vyaapii,
sarvavyaapii sureshvaraahaa

lokaa raajo, dev raajah,
chakr bhuupah skabhuupatihi

nilaadrih badriinaathashah,
anantaa purushottamah

taakaarasodhaayoh, kalpataru,
bimalaa priiti baradanhaa

balabhadroh, baasudev,
maadhavo, madhusudanaa

daityaariah, kunḍarii kaakshoh, banamaalii
baḍaa priyaah, bramhaa bishṇu, tushamii

bangashyo, muraarih kṛshṇ keshavah
shrii raam, sachchidaanandoh,

gobind parameshvarah
bishṇuur bishṇuur, mahaa bishṇupur,

pravar bishaṇu mahesaravaahaa
lokaa kartaa, jagannaatho,
mahiih karatah mahajatahah ॥

maharshi kapilaachaar vyoh,
lokaa chaarih suro harih

vaatamaa chaa jiibaa paalasaachaa,
suurah sangasaarah paalakah
eko miiko mam priyo ॥

bramh baadi maheshvaravarahaa
dui bhujasch chatur baahuu,

sat baahu sahastrak
padm pitar bishaalakshay

padm garavaa paro hari
padm hastehu, dev paalo

daityaarii daityanaashanah
chatur murati, chatur baahu
shahatur n n sevitoh …

padm hasto, chakr paaṇi
sankh hasatoh, gadaadharah

mahaa baikunṭhabaasii cho
lakshmii priiti karahu sadaa .

श्री जगन्नाथ आरती पीडीएफ (Shree Jagannath Aarti PDF)


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श्री जगन्नाथ आरती से जुड़े कुछ प्रश्न (Shree Jagannath Aarti FAQ)

श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) कब गाई जाती है?

श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannaath Aarti) सुबह और शाम के समय गयी जाती है। ओड़िशा राज्य के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर में हर दिन सुबह और शाम को आरती गाई जाती है।

श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) के माध्यम से भक्त भगवान जगन्नाथ से क्या प्रार्थना करते हैं?

श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannaath Aarti) के माध्यम से, भक्त भगवान जगन्नाथ से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। वे भगवान जगन्नाथ से अपने सभी पापों और दोषों को क्षमा करने की प्रार्थना करते है और एक अच्छा जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए भी प्रार्थना करते हैं।

श्री जगन्नाथ आरती (Shree Jagannath Aarti) के लाभ क्या हैं?

भक्ति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देती है।
मानसिक शांति और समृद्धि प्रदान करती है।
पापों और दोषों को क्षमा करती है।
एक अच्छा जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करती है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 11, 2024