श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) “सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची” एक हिंदू आरती है जो भगवान गणेश की स्तुति करती है। यह आरती भगवान गणेश के रूप, गुणों और शक्तियों की प्रशंसा करती है। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में बुद्धि, ज्ञान और सफलता के देवता के रूप में पूजा जाता है।सिद्धिविनायक आरती के पाठ से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। यह आरती भगवान गणेश के रूप, गुणों और शक्तियों की प्रशंसा करती है। यह आरती भक्तों को शांति, समृद्धि और सफलता प्रदान करती है।
विषय सूची
श्री सिद्धिविनायक आरती के लाभ (Shree Siddhivinayak Aarti Benefits)
- आध्यात्मिक उन्नति:
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) का पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है।श्री सिद्धिविनायक आरती भगवान गणेश की पूजा और आराधना के साथ की जाती है। - आर्थिक लाभ:
भगवान गणेश को सिद्धिविनायक भी कहा जाता है, और उनके पूजन से आर्थिक समृद्धि और व्यापारिक सफलता की प्राप्ति होती है। - कष्टों से मुक्ति:
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) का पाठ करने से व्यक्ति को कष्टों और संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन को सुखमय हो जाता है। - मानसिक शांति:
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) का पाठ करने से मानसिक चिंता कम होती है और मानसिक शांति बनी रह सकती है। - अपने उद्देश्य की प्राप्ति:
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) का पाठ करने से व्यक्ति अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है और सफलता प्राप्त करता है।
श्री सिद्धिविनायक आरती का वीडियो (Shree Siddhivinayak Aarti Video)
श्री सिद्धिविनायक आरती लिरिक्स हिंदी में (Shree Siddhivinayak Aarti Lyrics In Hindi)
|| श्री सिद्धिविनायक आरती ||
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव रत्नखचित फरा
तुझ गौरीकुमरा चंदनाची
उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो
बरा रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव लम्बोदर पीताम्बर
फनिवर वंदना सरल सोंड
वक्रतुंडा त्रिनयना दास रामाचा वाट
पाहे सदना संकटी पावावे
निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव शेंदुर लाल चढायो
अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय जय जय जी गणराज
विद्यासुखदाता धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव अष्ट सिधि दासी संकट को
बैरी विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
जय जय जय जय जय जय जय जी गणराज
विद्यासुखदाता धन्य तुम्हारो दर्शन
मेरा मत रमता जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता जय देव जय देव
श्री सिद्धिविनायक आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Shree Siddhivinayak Aarti Lyrics In English)
.. shrii siddhivinaayak aaratii ..
sukh karataa dukhahartaa, vaartaa vighnaachii
nuurvii puurvii prem kṛpaa jayaachii
sarvaangii sundar uṭii shendu raachii
kanṭhii jhalake maal mukataaphalaaamchii
jay dev jay dev, jay mangal muurti
darshanamaatre manahkamaanaa puurti
jay dev jay dev ratnakhachit pharaa
tujh gowriikumaraa chandanaachii
uṭii kumakum kesharaa
hiire jaḍit mukuṭ shobhato
baraa runjhunatii nuupure charanii ghaagariyaa
jay dev jay dev, jay mangal muurti
darshanamaatre manahkamaanaa puurti
jay dev jay dev lambodar piitaambar
phanivar vandanaa saral sonḍ
vakratunḍaa trinayanaa daas raamaachaa vaaṭ
paahe sadanaa sankaṭii paavaave
nirvaaṇii rakshaave suravar vandanaa
jay dev jay dev, jay mangal muurti
darshanamaatre manahkamaanaa puurti
jay dev jay dev shendur laal chaḍhaayo
achchhaa gajamukh ko
dondil laal biraaje suut gowrihar ko
haath lie guḍ laḍḍuu saaii suravar ko
mahimaa kahe naa jaay laagat huun pad ko
jay jay jay jay jay jay jay jii gaṇaraaj
vidyaasukhadaataa dhany tumhaaro darshan meraa mat ramataa
jay dev jay dev ashṭ sidhi daasii sankaṭ ko
bairii vighan vinaashan mangal muurat adhikaarii
koṭi suuraj prakaash aise chhabii terii
ganḍasthal madmastak jhuul shashi baharii
jay jay jay jay jay jay jay jii gaṇaraaj vidyaasukhadaataa dhany tumhaaro darshan
meraa mat ramataa jay dev jay dev
bhaavabhagat se koii sharaṇaagat aave
santati sampatti sabahii bharapuur paave
aise tum mahaaraaj moko ati bhaave
gosaaviinandan nishidin guṇ gaave
jay jay jii gaṇaraaj vidyaasukhadaataa
dhany tumhaaro darshan meraa mat ramataa jay dev jay dev
श्री सिद्धिविनायक आरती लिरिक्स पीडीएफ (Shree Siddhivinayak Aarti Lyrics PDF)
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श्री सिद्धिविनायक आरती से जुड़े कुछ प्रश्न (Shree Siddhivinayak Aarti FAQ)
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) का अर्थ क्या है?
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) का अर्थ भगवान गणेश के सभी रूपों की स्तुति करना है।श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) भगवान गणेश को एक बुद्धिमान, दयालु और विघ्नहर्ता देवता के रूप में दर्शाती है। आरती के माध्यम से, भक्त भगवान से जीवन में सफलता, ज्ञान और समृद्धि प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) कब गायी जाती है?
श्री सिद्धिविनायक आरती(Shree Siddhivinayak Aarti) गणेश चतुर्थी, अक्षय तृतीया और अन्य विशेष अवसरों पर गाई जाती है। यह आरती सिद्धिविनायक मंदिर में हर दिन सुबह और शाम को गयी जाती है।
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) कैसे गायी जाती है?
श्री सिद्धिविनायक आरती (Shree Siddhivinayak Aarti) को भक्ति भाव से गाया जाता है। आरती को गाते समय, भक्त भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने खड़े होते हैं और हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं।
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जीतू डनसेना स्नातक के अध्ययन से साथ साथ poojaaarti.com के भजन, चालीसा और आरती के पोस्ट में हमारा सहयोग करती है। उन्हें अध्यात्म के बारे में बारे जानना एवं उनके बारे में लेख लिखना बहुत पसंद है।