श्री गणेश जी की आरती (Shri Ganesh ji ki aarti)

श्री गणेश जी की आरती जय गणेश देवा(Shri Ganesh ji ki aarti) भगवान गणेश की महिमा की प्रशंसा करने के लिए गाई जाती है। गणेश चतुर्थी और अन्य गणेश जयंती जैसे विशेष अवसरों पर यह आरती अक्सर पूजा के दौरान पढ़ी जाती है। गणेश जी की आरती का पाठ भक्तों को आदर्श जीवन और धर्मिकता की भावना को बढ़ावा देता है और उनके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।

Shri Ganesh ji ki aarti का वीडियो

Shri Ganesh ji ki aarti के लाभ

  1. आध्यात्मिक लाभ: गणेश जी की आरती का पाठ करने से व्यक्ति अपने आध्यात्मिक जीवन को सुधार सकता है। यह आरती भक्तों को गणेश जी के साथ गहरा जुड़ने में मदद करती है और उनके आध्यात्मिकता को बढ़ावा देती है।
  2. मानसिक शांति: गणेश जी की आरती का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है। यह चिंता और उदासी को दूर कर सकती है और व्यक्ति को मानसिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
  3. सुख-शांति: गणेश जी की आरती का पाठ करने से व्यक्ति को सुख और शांति मिलता है। यह उनके जीवन में समृद्धि लाता है ।
  4. आर्थिक लाभ: गणेश जी की आरती का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। यह व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं के समाधान में मदद कर सकता है और वित्तीय स्थिति को सुधार सकता है।
  5. सुरक्षा: गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है, जिससे भक्तों को सुरक्षा प्राप्त होती है।
  6. समस्त कार्यों में सफलता: गणेश जी की आरती का पाठ करने से व्यक्ति के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है, क्योंकि वह विघ्नहर्ता के देवता हैं और हर कार्य में सामर्थ्य प्रदान करते हैं।

श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Shri Ganesh ji ki aarti lyrics in Hindi)

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Shri Ganesh ji ki aarti lyrics in English)

Jai Gaṇesh Jai Gaṇesh,
Jai Gaṇesh deva .
mata jaaki paarvati,
pita maha deva ॥

ek dant dayaavant,
chaar bhujaa dhaari .
maathe sinduur sohe,
muuse ki savaari ॥

Jai Gaṇesh Jai Gaṇesh,
Jai Gaṇesh deva .
mata jaaki paarvati,
pita maha deva ॥

paan chadhe phal chadhe,
owr chadhe mevaa .
laḍḍuan kaa bhog lage,
sant karen sevaa ॥

Jai Gaṇesh Jai Gaṇesh,
Jai Gaṇesh deva .
mata jaaki paarvati,
pita maha deva ॥

amdhan ko aankh det,
kodhin ko kaayaa .
baanjhan ko putr det,
nirdhan ko maayaa ॥

Jai Gaṇesh Jai Gaṇesh,
Jai Gaṇesh deva .
mata jaaki paarvati,
pita maha deva ॥

‘suura’ shyaam sharaṇ aae,
saphal kije sevaa .
mata jaaki paarvati,
pita maha deva ॥

Jai Gaṇesh Jai Gaṇesh,
Jai Gaṇesh deva .
mata jaaki paarvati,
pita maha deva ॥

dinan ki laaj rakho,
shambhu sutakaari .
kaamanaa ko puurṇ karo,
jaauun balihaari ॥

Jai Gaṇesh Jai Gaṇesh,
Jai Gaṇesh deva .
mata jaaki paarvati,
pita maha deva ॥

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Shri Ganesh ji ki aarti lyrics pdf

Shri Ganesh ji ki aarti से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

श्री गणेश जी की आरती क्या होती है?

श्री गणेश जी की आरती(Shri Ganesh ji ki aarti) “जय गणेश देवा” एक प्राथना है जिसमें भगवान गणेश की महिमा की प्रशंसा की जाती है। यह आरती गणेश चतुर्थी और अन्य गणेश जयंती जैसे अवसरों पर पूजा के दौरान पढ़ी जाती है और भक्तों के द्वारा गणेश जी की पूजा के समय भी किया जा सकता है।

श्री गणेश जी की आरती कब और कैसे की जाती है?

श्री गणेश जी की आरती (Shri Ganesh ji ki aarti) का पाठ गणेश चतुर्थी और अन्य गणेश जयंती जैसे महत्वपूर्ण पर्वों पर किया जाता है, और भक्तों के द्वारा गणेश जी की पूजा के समय भी किया जा सकता है। पाठ के दौरान, भक्त गणेश जी की मूर्ति के सामने जल, दूध, धूप, और प्रसाद के साथ आरती गाते हैं और पूजा करते हैं।

श्री गणेश जी की आरती का महत्व क्या है?

श्री गणेश जी की आरती (Shri Ganesh ji ki aarti) का पाठ भगवान गणेश की पूजा करने वाले भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से, वे गणेश जी की महिमा का गान करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। यह आरती भक्तों के आध्यात्मिक और मानसिक शांति को प्राप्त करने में मदद करती है और उनके जीवन में धार्मिकता की भावना को बढ़ावा देती है।

श्री गणेश जी की आरती के क्या प्रकार होते हैं?

श्री गणेश जी की आरती (Shri Ganesh ji ki aarti) के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे “जय गणेश देवा” आरती और “सुखकर्ता दुःखहर्ता” आरती। इन आरतियों के बोल और प्रक्रिया थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य गणेश जी की पूजा और स्तुति करना है।

श्री गणेश जी की आरती के क्या फायदे होते हैं?

श्री गणेश जी की आरती (Shri Ganesh ji ki aarti) का पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक, मानसिक, और आर्थिक लाभ हो सकते हैं। यह उनके आत्मा के साथ संबंध बढ़ावा देता है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी कीपुष्टिनहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले.

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Updated on May 9, 2024