हिन्दू धर्म में विट्ठल भगवान विष्णु एवं कृष्ण की अभिव्यक्ति माने जाते है, उनका निवास पंढरपुर माना जाता है और सवारी गरुड़ को कहा जाता है। इनकी पूजा मुख्य रूप से महाराष्ट्र , कर्णाटक और गोवा में की जाती है। भगवन को जगाने के लिए काकड़ आरती की जाती है फिर पंचामृत पूजा होती है। इस पोस्ट में हम भगवान विट्ठल के आरती गीत, पूजा विधि के बारे में जानेंगे और सामान्य प्रश्नो का उत्तर देने की कोशिश करेंगे।
विषय सूची
विठ्ठल आरती गीत लाभ (Vitthal Aarti Lyrics Benefits)
- आध्यात्मिक उन्नति:
विठ्ठल आरती गाने या पढ़ने से मानव मन और आत्मा की आध्यात्मिक वातावरण बनती है जो भक्त को दिव्य उपस्थिति की भावना कराती है। यह उन्हें परमात्मा विठ्ठल से जुड़ने और दिव्य उपस्थिति की भावना का अनुभव करने में मदद करती है। - भक्ति और समर्पण:
आरती करने का कार्य भगवान विठ्ठल के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को दिखाने की प्रक्रिया है। यह उनकी प्रति प्रेम, श्रद्धा और देवता के प्रति समर्पण की अभिव्यक्ति है। - मन की शुद्धि:
विठ्ठल आरती जैसे भक्तिपूर्ण आरतियों का गाना मानव मन की अशुद्धियों और नकारात्मक विचारों को शुद्ध करने में मदद करने में माना जाता है। इससे सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा मिलता है और आंतरिक शांति की भावना होती है। - आशीर्वाद और सुरक्षा:
भक्त विठ्ठल आरती का गान करके, वे उसके आशीर्वाद और सुरक्षा की याचना करते हैं। यह उनकी श्रद्धा की आवश्यकता होती है और उनके जीवन में उसकी कृपा और दिव्य हस्तक्षेप को आमंत्रित करने का एक तरीका होता है। - समुदाय और परंपरा:
आरतियों को अक्सर समूहों या सभाओं में किया जाता है, जिससे भक्तों के बीच सामुदायिक भावना और एकता की भावना बढ़ती है। यह उन्हें आगे की पीढ़ियों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को आगे बढ़ाने में भी मदद करते हैं। - सांस्कृतिक पहचान:
विठ्ठल आरती गाना मात्र एक धार्मिक प्रथा होने के साथ-साथ उनकी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का एक तरीका है, क्योंकि महाराष्ट्र क्षेत्र में भगवान विठ्ठल का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक महत्व है। - कृतज्ञता व्यक्त करना:
आरती भगवान विठ्ठल के आशीर्वाद, मार्गदर्शन और उनके जीवन में उपस्थिति के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका होती है।
विठ्ठल आरती का गान से भक्तों के लिए आध्यात्मिक विकास, भावनात्मक भलाई और भगवान विठ्ठल के साथ एक गहरे संबंध की अनुभूति होने का विश्वास होता है।
विठ्ठल आरती गीत (Vitthal Aarti Lyrics)
युगे अठ्ठावीस विटेवरी उभा
वामाङ्गी रखुमाईदिसे दिव्य शोभा ।
पुण्डलिकाचे भेटि परब्रह्म आले गा
चरणी वाहे भीमा उद्धरी जगा ॥१॥
जय देव जय देव जय पांडुरंगा ।
रखुमाई वल्लभा राईच्या वल्लभा पावे जिवलगा ॥धृ०॥
तुळसीमाळा गळा कर ठेऊनी कटी
कासे पीताम्बर कस्तुरी लल्लाटी ।
देव सुरवर नित्य येती भेटी
गरुड हनुमन्त पुढे उभे राहती ॥२॥
धन्य वेणूनाद अणुक्षेत्रपाळा
सुवर्णाची कमळे वनमाळा गळा ।
राई रखुमाबाई राणीया सकळा
ओवाळिती राजा विठोबा सावळा ॥३॥
ओवाळू आरत्या कुरवण्ड्या येती
चन्द्रभागेमाजी सोडुनिया देती ।
दिण्ड्या पताका वैष्णव नाचती
पण्ढरीचा महिमा वर्णावा किती ॥४॥
आषाढी कार्तिकी भक्तजन येती
चन्द्रभागेमाजी स्नाने जे करिती ।
दर्शन होळामात्रे तया होय मुक्ति
केशवासी नामदेव भावे ओवाळिती ॥५॥
विट्ठल आरती लिरिक्स हिंगलिश में (Vitthal Aarti Lyrics in English)
yuge athaavis vitevaree ubha
vaamaangee rahumaeedise divy shobha.
pundalikaache bheti paramabrahm aale ga
charanee vaahe bheema udhaari jag ॥1॥
jay jay dev jay paanduranga.
rakhumaee vallabha raayachya vallabha paave jeevalaga .dhr0.
tulaseemaala gala kar teunee katee
kaase peetaambar kastooree lallati.
dev suravar nity yati bheti
garud hanumant pudhe ubhe mukti ॥2॥
dhany venunaad atyakhtiyaapaala
suvarnaachee kamale vanamaala gala.
raay rukumaabaee raaniya sakala
ovaaliti raaja vithoba saavala ॥3॥
ovaalu aaratya kuravandya yeti
chandrabhaagemaajee soduniya.
dindya pataaka vaishnav naachati
pandhareecha mahima varnanava kiti ॥4॥
aashaadhee kaartikee bhaktajan yeti
chandrabhaagemaajee snaane je kareeti.
darshan holamaatre taya hoy mukti
keshavaasee naamadev bhaave ovaaleeti ॥5॥
विठ्ठल आरती की पूजा विधि (Vitthal Aarti Lyrics Pooja Vidhi)
पूजन सामग्री:
- विठ्ठल आरती का पाठ के लिए तैयार प्रार्थना पाठ या पुस्तक
- गीता प्रेसिंग या दिया
- पूजा की थाली (कलश, चावल, कुमकुम, दीपक आदि)
- फूलों का माला
- प्रासाद (फल, मिष्टान, पानी)
- आरती के लिए थाली
पूजा विधि:
- पूजा का आयोजन एक पवित्र और शांत वातावरण में करें।
- पूजा स्थल को सफाई और सजावट करें।
- पूजा की थाली पर विठ्ठल आरती की पुस्तक, गीता प्रेसिंग या दिया, दीपक, फूलों की माला और प्रासाद रखें।
- पूजा की थाली को किसी पवित्र स्थान पर रखें जैसे कि पूजा कक्ष, मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल पर।
- पूजा की शुरुआत करने से पहले, अपने मन को शुद्ध करके भगवान विठ्ठल के प्रति श्रद्धा और आदर से भावना को अभिव्यक्त करें।
- अब प्रार्थना पाठ या विठ्ठल आरती का पाठ करें। यह आरती विठ्ठल देवता की महिमा का गान होता है और उनके आदर्शों की महत्वपूर्ण बातों को प्रकट करता है।
- आरती के बाद, दीपक को जलाएं और फूलों की माला को प्रदर्शित करें।
- प्रासाद को भगवान के चरणों में रखें और उसे आरती करने वाले सभी को बांटें।
- आपके मन और आत्मा की शांति के लिए ध्यान और मेधा अभ्यास करें।
- पूजा को समाप्त करने के बाद, भगवान विठ्ठल की कृपा और आशीर्वाद की कामना करें और उन्हें धन्यवाद दें।
विठ्ठल आरती की पूजा विधि पूरी श्रद्धा और आदर के साथ इसे आयोजित करने से भक्ति और आत्मिक शांति मिल सकती है।
Vitthal Aarti Lyrics से जुड़े सामान्य प्रश्न
विठ्ठल भगवान कौन हैं?
विठ्ठल भगवान महाराष्ट्र राज्य, भारत में भगवान श्रीकृष्ण के एक रूप के रूप में पूजे जाते हैं। विठ्ठल को ‘पांडुरंग’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है “पांडरपूर का वही अवतार”।
विठ्ठल मंदिर कहाँ स्थित है?
विठ्ठल भगवान के प्रमुख मंदिर महाराष्ट्र राज्य के पांडरपूर नगर में स्थित हैं। पांडरपूर मंदिर महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थलों में से एक हैं।
विठ्ठल भगवान की कहानी क्या है?
विठ्ठल भगवान की कहानी उनके पूर्वज की कहानी से जुड़ी है, जिन्होंने भगवान के रूप में उनका सेवन किया था। एक प्रसिद्ध किस्सा है कि आलंबा, एक भक्त, ने अपने घर में भगवान का आवास किया था और उन्हें विठ्ठल के रूप में पूजा किया।
विठ्ठल आरती क्यों महत्वपूर्ण है?
विठ्ठल आरती का पाठ करने से भगवान के प्रति भक्ति, आदर, और समर्पण की भावना प्रकट होती है। यह आरती उनकी महिमा का गान करने का एक तरीका है और उनके प्रति समर्पण की भावना को व्यक्त करने में मदद करती है।
विठ्ठल भगवान के क्या आलंबर होते हैं?
विठ्ठल भगवान के पांडरपूर मंदिर में उनके प्रसिद्ध आलंबर होते हैं, जिनमें उनके विशेष पहनावे और आभूषण समाहित होते हैं। विठ्ठल के आलंबर में उनकी विशेष शृंगार की छवि दिखाई जाती है।
विठ्ठल भगवान के भक्ति संबंधी उपाय क्या हैं?
विठ्ठल भगवान की भक्ति में उनकी आरती, कीर्तन, पूजा, और सत्संग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भक्तों को उनकी भक्ति में निरंतरता और श्रद्धा बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
विठ्ठल भगवान के सांकीर्तन क्या होते हैं?
विठ्ठल भगवान के सांकीर्तन उनके भक्तों द्वारा किए जाने वाले भगवद्गीता के प्रकार होते हैं। यह गीत, कीर्तन और भक्ति रस के साथ भगवान के नाम की महिमा का गान करते हैं।
विठ्ठल भगवान से संबंधित परंपरागत मुद्दों की अध्ययन करने से आपकी जानकारी में वृद्धि हो सकती है।
Vitthal Aarti Lyrics Pdf (विठ्ठल आरती गीत पीडीऍफ़)
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किशन इजारदार एक ब्लॉगर है, जिनका ब्लॉग बनाने का उदेश्य यह है कि, poojaaarti.com की website के माध्यम से भक्ति से जुड़े हुए लोगो को एक ही जगह में देवी देवताओ से संबंधित समस्त जानकारी हिंदी वा अन्य भाषा में उपलब्ध करा सके.