चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa)

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa) “जय चित्रगुप्त ज्ञान रत्नाकरएक हिन्दू धार्मिक गीत है जो भगवान चित्रगुप्त को प्रशंसा करने के लिए गाया जाता है। चित्रगुप्त हिन्दू परंपराओं में लिखे गए कर्मकांडों और धार्मिक रिकॉर्ड्स के पुराने प्राप्तिकर्ता के रूप में माने जाते हैं। वे भगवान यम के सचिव होते हैं और मृत्यु के बाद जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। चित्रगुप्त चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति भगवान चित्रगुप्त के प्रति भक्ति और आदर करता है चित्रगुप्त चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति अपने जीवन के कर्मों को सुधारने और धार्मिक उन्नति की दिशा के लिए प्रेरित होता है।

चित्रगुप्त चालीसा के लाभ (Chitragupt Chalisa Benefits)

  1. कर्मक्षय :
    चित्रगुप्त चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति अपने पिछले जन्मों के कर्मों का सफलता से निवारण करता है और उन्हें उनके वर्तमान और भविष्य के कर्मों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने का साहस मिलता है।
  2. धार्मिक उन्नति:
    चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति अपने जीवन को सुधार सकता है और अधिक धार्मिक जीवन जीने की कामना करता है।
  3. कल्याण:
    चित्रगुप्त चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का दुःख-दरिद्रता दूर होता है और उनका शारीरिक और मानसिक कल्याण होता है।
  4. कर्मिक सफलता:
    चित्रगुप्त चालीसा व्यक्ति को कर्मिक सफलता की दिशा में मदद करती है और उनके कर्मों में सफलता प्राप्त करने के लिए साहायक होती है।
  5. मानसिक शांति:
    चित्रगुप्त चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है, जो चिंता को कम कर सकती है।
  6. पुण्य का लाभ:
    चित्रगुप्त चालीसा का पाठ करने से पुण्य का अच्छा अवसर मिलता है, जिससे व्यक्ति का आत्मिक और धार्मिक उन्नति में सहयोग मिलता है।

चित्रगुप्त चालीसा का वीडियो (Chitragupt Chalisa Video)

चित्रगुप्त चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Chitragupt Chalisa Lyrics In Hindi)

॥ दोहा ॥

सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश।
ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥
करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती सहाय।
चित्रगुप्त जस विमलयश, वंदन गुरूपद लाय॥

॥ चौपाई ॥

जय चित्रगुप्त ज्ञान रत्नाकर।
जय यमेश दिगंत उजागर॥

अज सहाय अवतरेउ गुसांई।
कीन्हेउ काज ब्रम्ह कीनाई॥

श्रृष्टि सृजनहित अजमन जांचा।
भांति-भांति के जीवन राचा॥

अज की रचना मानव संदर।
मानव मति अज होइ निरूत्तर॥ ४ ॥

भए प्रकट चित्रगुप्त सहाई।
धर्माधर्म गुण ज्ञान कराई॥

राचेउ धरम धरम जग मांही।
धर्म अवतार लेत तुम पांही॥

अहम विवेकइ तुमहि विधाता।
निज सत्ता पा करहिं कुघाता॥

श्रष्टि संतुलन के तुम स्वामी।
त्रय देवन कर शक्ति समानी॥ ८ ॥

पाप मृत्यु जग में तुम लाए।
भयका भूत सकल जग छाए॥

महाकाल के तुम हो साक्षी।
ब्रम्हउ मरन न जान मीनाक्षी॥

धर्म कृष्ण तुम जग उपजायो।
कर्म क्षेत्र गुण ज्ञान करायो॥

राम धर्म हित जग पगु धारे।
मानवगुण सदगुण अति प्यारे॥ १२ ॥

विष्णु चक्र पर तुमहि विराजें।
पालन धर्म करम शुचि साजे॥

महादेव के तुम त्रय लोचन।
प्रेरकशिव अस ताण्डव नर्तन॥

सावित्री पर कृपा निराली।
विद्यानिधि माँ सब जग आली॥

रमा भाल पर कर अति दाया।
श्रीनिधि अगम अकूत अगाया॥ २० ॥

ऊमा विच शक्ति शुचि राच्यो।
जाकेबिन शिव शव जग बाच्यो॥

गुरू बृहस्पति सुर पति नाथा।
जाके कर्म गहइ तव हाथा॥

रावण कंस सकल मतवारे।
तव प्रताप सब सरग सिधारे॥

प्रथम् पूज्य गणपति महदेवा।
सोउ करत तुम्हारी सेवा॥ २४ ॥

रिद्धि सिद्धि पाय द्वैनारी।
विघ्न हरण शुभ काज संवारी॥

व्यास चहइ रच वेद पुराना।
गणपति लिपिबध हितमन ठाना॥

पोथी मसि शुचि लेखनी दीन्हा।
असवर देय जगत कृत कीन्हा॥

लेखनि मसि सह कागद कोरा।
तव प्रताप अजु जगत मझोरा॥ २८ ॥

विद्या विनय पराक्रम भारी।
तुम आधार जगत आभारी॥

द्वादस पूत जगत अस लाए।
राशी चक्र आधार सुहाए॥

जस पूता तस राशि रचाना।
ज्योतिष केतुम जनक महाना॥

तिथी लगन होरा दिग्दर्शन।
चारि अष्ट चित्रांश सुदर्शन॥ ३२ ॥

राशी नखत जो जातक धारे।
धरम करम फल तुमहि अधारे॥

राम कृष्ण गुरूवर गृह जाई।
प्रथम गुरू महिमा गुण गाई॥

श्री गणेश तव बंदन कीना।
कर्म अकर्म तुमहि आधीना॥

देववृत जप तप वृत कीन्हा।
इच्छा मृत्यु परम वर दीन्हा॥ ३६ ॥

धर्महीन सौदास कुराजा।
तप तुम्हार बैकुण्ठ विराजा॥

हरि पद दीन्ह धर्म हरि नामा।
कायथ परिजन परम पितामा॥

शुर शुयशमा बन जामाता।
क्षत्रिय विप्र सकल आदाता॥

जय जय चित्रगुप्त गुसांई।
गुरूवर गुरू पद पाय सहाई॥ ४० ॥

जो शत पाठ करइ चालीसा।
जन्ममरण दुःख कटइ कलेसा॥

विनय करैं कुलदीप शुवेशा।
राख पिता सम नेह हमेशा॥

॥ दोहा ॥

ज्ञान कलम, मसि सरस्वती, अंबर है मसिपात्र।
कालचक्र की पुस्तिका, सदा रखे दंडास्त्र॥
पाप पुन्य लेखा करन, धार्यो चित्र स्वरूप।
श्रृष्टिसंतुलन स्वामीसदा, सरग नरक कर भूप॥

चित्रगुप्त चालीसा लिरिक्स अंग्रेजी में (Chitragupt Chalisa Lyrics In English )

॥ Doha ॥

Sumir Chitragupt Ish Ko, Satat Navau Shisha ।
Brahma Vishnu Mahesh Sah, Riniha Bhe Jagadisha ॥
Karo Kripa Karivar Vadan, Jo Sarashuti Sahay ।
Chitragupt Jas Vimalayash, Vandan Guroopad Laay ॥

॥ Chaupai ॥

Jay Chitragupt Gyan Ratnakar ।
Jay Yamesh Digant Ujagar ॥

Aj Sahay Avatareu Gusani ।
Kinheu Kaaj Brahm Kinai ॥

Shrrshti Srjanahit Ajaman Jancha ।
Bhanti-bhanti Ke Jeevan Raacha ॥

Aj Ki Rachana Manav Sandar ।
Manav Mati Aj Hoi Niroottar ॥ 4 ॥

Bhe Prakat Chitragupt Sahai ।
Dharmadharm Gun Gyan Karai ॥

Racheu Dharam Dharam Jag Manhi ।
Dharm Avatar Let Tum Panhi ॥

Aham Viveki Tumahi Vidhata ।
Nij Satta Pa Karahin Kughata ॥

Shrashti Santulan Ke Tum Swami ।
Tray Devan Kar Shakti Samani ॥ 8 ॥

Paap Mrtyu Jag Mein Tum Lae ।
Bhayaka Bhoot Sakal Jag Chhae ॥

Mahakal Ke Tum Ho Sakshi ।
Bramhu Maran Na Jaan Minakshi ॥

Dharm Krishna Tum Jag Upajayo ।
Karm Kshetra Gun Gyan Karayo ॥

Ram Dharm Hit Jag Pagu Dhare ।
Manavagun Sadagun Ati Pyare ॥ 12 ॥

Vishnu Chakra Par Tumahi Virajen ।
Palan Dharm Karam Shuchi Saje ॥

Mahadev Ke Tum Tray Lochan ।
Prerakashiv as Tandav Nartan ॥

Savitri Par Krpa Nirali ।
Vidyanidhi Maan Sab Jag Aali ॥

Rama Bhal Par Kar Ati Daya ।
Shrinidhi Agam Akoot Agaya ॥ 20 ॥

Uma Vich Shakti Shuchi Rachyo ।
Jakebin Shiv Shav Jag Bachyo ॥

Guru Brhaspati Sur Pati Natha ।
Jake Karm Gahi Tav Hatha ॥

Ravan Kans Sakal Matavare ।
Tav Pratap Sab Swarg Sidhare ॥

Pratham Poojya Ganapati Mahadeva ।
Sou Karat Tumhari Seva ॥ 24 ॥

Riddhi Siddhi Paay Dwainari ।
Vighn Haran Shubh Kaj Sanvari ॥

Vyas Chahi Rach Ved Purana ।
Ganapati Lipibadh Hitaman Thana ॥

Pothi Masi Shuchi Lekhani Dinha ।
Asavar Dey Jagat Krt Kinha ॥

Lekhani Masi Sah Kagad Kora ।
Tav Pratap Aju Jagat Majhora ॥ 28 ॥

Vidya Vinay Parakram Bhari ।
Tum Adhar Jagat Abhari ॥

Dwadas Poot Jagat as Lae ।
Rashi Chakra Adhar Suhae ॥

Jas Poota Tas Rashi Rachana ।
Jyotish Ketum Janak Mahana ॥

Tithi Lagan Hora Digdarshan ।
Chari Asht Chitransh Sudarshan ॥ 32 ॥

Rashi Nakhat Jo Jatak Dhare ।
Dharam Karam Phal Tumahi Adhare ॥

Ram Krshn Guroovar Grh Jai ।
Pratham Guru Mahima Gun Gai ॥

Shri Ganesh Tav Bandan Kina ।
Karm Akarm Tumahi Adhina ॥

Devavrat Jap Tap Vrat Kinha ।
Ichchha Mrityu Param Var Dinha ॥ 36 ॥

Dharmahin Saudas Kuraja ।
Tap Tumhar Baikunth Viraja ॥

Hari Pad Dinh Dharm Hari Nama ।
Kayath Parijan Param Pitama ॥

Shur Shuyashama Ban Jamata ।
Kshatriy Vipr Sakal Adata ॥

Jay Jay Chitragupt Gusani ।
Guruvar Guroo Pad Paay Sahai ॥ 40 ॥

Jo Shat Path Kari Chalisa ।
Janmamaran Duhkh Kati Kalesa ॥

Vinay Karain Kuladip Shuvesha ।
Rakh Pita Sam Neh Hamesha ॥

॥ Doha ॥

Gyan Kalam, Masi Sarasvati, Ambar Hai Masipatr ।
Kalachakra Ki Pustika, Sada Rakhe Dandastr ॥
Paap Punya Lekha Karan, Dharyo Chitra Swaroop ।
Shrishti Santulan Swamisada, Sarag Narak Kar Bhoop ॥

॥ Iti Shri Chitragupt Chalisa Samapt ॥

चित्रगुप्त चालीसा लिरिक्स पीडीएफ (Chitragupt Chalisa Lyrics PDF)


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Chitragupt Chalisa से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न FAQ

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa) क्या है?

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa) एक हिन्दू धार्मिक चालीसा है, जिसमें भगवान चित्रगुप्त की प्रशंसा की जाता है, जो मृत्यु के बाद जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं।

चित्रगुप्त चालीसा(Chitragupt Chalisa) कब और कैसे पढ़नी चाहिए?

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa) को विशेष अवसरों पर पढ़ना अच्छा माना जाता है, जैसे कि पितृ पक्ष (श्राद्ध) में या मृत्यु के बाद की कार्यवाही के समय। चित्रगुप्त चालीसा किसी भी समय पढ़ी जा सकती है।

चित्रगुप्त चालीसा(Chitragupt Chalisa) क्या महत्व है?

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa) का पाठ विभिन्न धार्मिक अवसरों पर किया जाता है और यह भगवान चित्रगुप्त के प्रति भक्ति और आदर का अभिवादन करता है। यह चालीसा व्यक्ति को कर्मक्षय और कर्मिक सफलता की प्राप्ति की कामना करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

क्या चित्रगुप्त चालीसा(Chitragupt Chalisa) के पाठ से कोई विशेष प्राप्ति होती है?

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa)के पाठ से व्यक्ति को कर्मिक सफलता, कर्मक्षय, और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

क्या चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa) का पाठ विशेष विधि से करना चाहिए?

चित्रगुप्त चालीसा (Chitragupt Chalisa) का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। कोई विशेष विधि की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यह अच्छा होता है कि व्यक्ति शुद्धि के साथ चालीसा का पाठ करे और धार्मिक वातावरण में करे।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 11, 2024