भगवान् शिव त्रिदेव में से एक देव है , इन्हे भोलेनाथ, शंकर , रूद्र ,महेश, विश्वेश, महारुद्र, विषधर, नीलकण्ठ, महाशिव और महाकाल नामो से भी जाना जाता है। जिस प्रकार इस ब्रम्हांड का न तो कोई आदि है और न ही अंत, उसी तरह शिव जी भी अनादि है। पूरा ब्रम्हांड शिव के अंदर समाया है, जब कुछ नहीं था तब थी शिव थे, जब कुछ नहीं होगा तब भी शिव होंगे।
शिवरात्रि में शिवजी की पूजा रात्रि के चारो प्रहर में की जानी चाहिए। शिव जी को बेल पट्टी, फूल और चन्दन का स्नान पसंद है , इनकी पूजा पंचामृत से की जाती है जिसमे दूध, घी, दही, शहद और चीनी का उपयोग होता है। इस पोस्ट में हम Shiv Chalisa करने के लाभ, पूजा विधि और कुछ सामान्य प्रश्नो और उनको उत्तरो के बारे में जानेंगे।
विषय सूची
शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ करने के लाभ
१. मानसिक शांति: Shiv Chalisa के पाठ से मन की शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। यह मन को विचारों से मुक्त करके चिंताओं को दूर करने में सहायता करता है।
२. आरोग्य: Shiv Chalisa का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का निवारण हो सकता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है और शारीरिक ऊर्जा को सुधारता है।
३. धार्मिक उन्नति: शिव चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति होती है। यह भक्ति और आत्मचिंतन को बढ़ावा देता है और ईश्वर के प्रति अनुराग विकसित करता है।
४. सुख और समृद्धि: शिव चालीसा के पाठ से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्यक्ति को संपूर्णता और अभिवृद्धि का अनुभव कराता है और विभिन्न जीवन क्षेत्रों में सफलता प्रदान करता है।
५. आत्मविश्वास और शक्ति: शिव चालीसा के पाठ से आत्मविश्वास मजबूत होता है और व्यक्ति मआगे रवाना होता है। यह अस्तित्ववादी सोच, साहस, और सामर्थ्य की प्रोत्साहना करता है।
६. अशुभ प्रभावों का निवारण: शिव चालीसा का पाठ करने से नकारात्मकता, कष्ट, और बुरे प्रभावों का निवारण होता है। यह रक्षा कवच की तरह काम करता है और अनिष्ट को दूर करने में सहायता करता है।
७. शिव भक्ति का विकास: शिव चालीसा के पाठ से शिव भक्ति में वृद्धि होती है। यह शिव के प्रति अनुराग और प्रेम को प्रकट करता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।
इस प्रकार, शिव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक, और आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यह भक्ति, शक्ति, और समृद्धि की प्राप्ति में सहायता करता है और एक सत्यिक और पूर्ण जीवन के मार्ग पर व्यक्ति को ले जाता है।
शिव चालीसा गीत हिंदी में (Shiv Chalisa lyrics in hindi)
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4
मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28
धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36
पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
शिव चालीसा इन हिंगलिश ( Shiv Chalisa lyrics in English )
॥ Doha ॥
jay ganesh girija suvan,
mangal mool sujaan.
kahat ayodaas tum,
dehu abhay bhooshana.
॥ Chaupaee ॥
jay girija pati deen dayaala.
sada karat santan pratipaala.
bhaal chandrama sohat neeke.
kaanan kundal naagaphanee ke.
ang gaur shree ganga bahaye.
mundamaal tan kshaaraprasthaan .
vastr kal baaghambar sohe.
chhavi ko dekhi naag man mohe. 4
maina maatu kee have dulaaree.
baam ang sohat chhavi nyaaree.
kar trishool sohat chhavi bhaaree.
karat sada shatrun kshayakaaree.
nandi ganesh sohai tahan kaise.
saagar madhy kamal hain aise.
kaartik shyaam aur garaaro.
ya chhavi ko kahi jaat na kooo. 8
devan jabahin jaay bulaay .
tab hee duhkh prabhu aap nivaara.
achhoota taarak bhaaree.
devan sab mili tumahin jauharee.
turat shaadaanan aap pathaayau.
lavanimesh mahan maari girayau.
aap jalandhar asur sanhaara.
suyash tumhaar vidit sansaara. 12
tripuraasur san yuddh machaee.
sabahin krpa kar leen bachaee.
kiya tapahin bhaageerath bhaaree.
poorab pratigya taasu puraari.
daanin mahan tum sam kooo nahin.
sevak stuti karat sadaahin.
ved naam mahima tav gaee.
akath anaadi bhed nahin paee. 16
prakatee udadhi math mein naav.
jarat surasur bhaye vihaala.
keenhee daya tahan karee sahaee.
neelakanth tab naam kahai.
vandan raamachandr jab keenha.
jeet ke lank vibheeshan deenha.
sahas kamal mein ho rahe dhaaree.
keenh pareeksha tabahin puraari. 20
ek kamal prabhu raakheu joee.
kamal nayan poojan chahan soi.
kathin bhakti darshan prabhu shankar.
bhe vishesh aalekh var .
jay jay jay anant avinaashee.
karat krpa sab ke ghatavaasee.
dusht sakal nit mohi sataavai.
bhramat rahaun mohi chain na aavai. 24
traahi traahi main naath pukaaro.
yehi avasar mohi an ubaaro.
trishool shatru ko maaro.
sankat se mohi an ubaro.
maata-pita bhraata sab hoee.
sankat mein prashnat nahin koee.
svaamee ek hain aasa vivaah.
ain harahu mam sankat bhaaree. 28
dhan nirdhan ko det sada heen.
jo koee jaanche so phal pae.
astuti kehi vidhi karan vivaah.
kshamahu naath ab viphal hamaaree.
shankar ho sankat ke naashan.
mangal kaaran vighn vinaashan .
yogee yati muni dhyaanan.
sharad naarad chamak navaanvai. 32
namo namo jay namah shivaay.
sur brahmaadik paar na paay.
jo yah paath kare man laee.
ta par hot hai shambhu sahaay.
rniyaan jo koee ho adhikaaree.
paath so kare param paavan .
putr heen kar ichchha joee.
nishchay shiv prasaad tehi hoi. 36
pandit trayodashee ko laave.
dhyaan den hom karaave .
trayodashee vrat karai sada.
taake tan nahin rahai kalesha.
dhoop deep naivedy chadaave.
shankar sammukh paath sunaave.
janm janm ke paap naasaave.
antim dhaam shivapur mein paave. 40
kahate hain ayodhyaadaas ka vivaah.
jaani sakal duhkh harahu hamaaree.
॥ Doha ॥
nitt nem kar subah hee,
paath karaun chaaleesa.
tum mere man,
poorn karo jagadeesh .
magasar chhathi hemant rtu,
sanvat chausath jaan.
astuti chaaleesa shivahi,
poorn keen kalyaan .
Shiv Chalisa Pdf (शिव चालीसा पीडीएफ)
Shiv Chalisa से समबन्धित सामान्य प्रश्न
शिव चालीसा क्या है?
Shiv Chalisa एक भक्ति भजन है जो भगवान शिव को समर्पित है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। इसमें चालीस छंद (चालीसा) शामिल हैं जो भगवान शिव के गुणों, विशेषताओं और किंवदंतियों की स्तुति और वर्णन करते हैं।
शिव चालीसा का पाठ करने का क्या महत्व है?
माना जाता है कि Shiv Chalisa का पाठ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी सुरक्षा, कृपा और मार्गदर्शन प्राप्त होता है। यह देवता के प्रति श्रद्धा और समर्पण व्यक्त करने का एक तरीका है।
आमतौर पर शिव चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है?
Shiv Chalisa का पाठ आमतौर पर किसी की दैनिक भक्ति प्रथाओं के हिस्से के रूप में सुबह या शाम को किया जाता है। कई लोग Shiv Chalisa पाठ मंदिरों में या अपने घरों में, व्यक्तिगत रूप से या समूह में करते हैं।
क्या गैर-हिन्दू Shiv Chalisa का पाठ कर सकते हैं?
हां, Shiv Chalisa सभी धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए खुला है। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो धार्मिक सीमाओं से परे है और भगवान शिव से संबंध चाहने वाला कोई भी व्यक्ति इसका पाठ कर सकता है।
शिव चालीसा का पाठ करने के कुछ लाभ क्या हैं?
भक्तों का मानना है कि Shiv Chalisa का ईमानदारी से पाठ करने से आध्यात्मिक विकास, आंतरिक शांति और सुरक्षा की भावना आ सकती है। ऐसा माना जाता है कि यह जीवन में चुनौतियों और कठिनाइयों पर काबू पाने में भी मदद करता है।
क्या शिव चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष समय या अवसर है?
हालांकि Shiv Chalisa का पाठ करने के लिए समय को लेकर कोई सख्त नियम नहीं है, लेकिन भगवान शिव को समर्पित त्योहारों, जैसे कि महाशिवरात्रि, के दौरान Shiv Chalisa का पाठ करना विशेष रूप से शुभ हो सकता है। कई लोग सोमवार का दिन भी चुनते हैं, जो भगवान शिव के लिए पवित्र माना जाता है।
क्या शिव चालीसा का पाठ किसी भी भाषा में किया जा सकता है?
हाँ, Shiv Chalisa का पाठ किसी भी भाषा में किया जा सकता है जिसमें भक्त सहज हो। हालाँकि, कई लोग पारंपरिक अनुभव के लिए इसे इसके मूल संस्कृत रूप में पढ़ना पसंद करते हैं।
क्या शिव चालीसा का पाठ करते समय पालन करने के लिए कोई विशिष्ट आसन या अनुष्ठान है?
Shiv Chalisa का पाठ करने के लिए किसी सख्त आसन या अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, बहुत से लोग शांत और साफ जगह पर बैठना, दीया या धूप जलाना और पाठ करते समय अपना ध्यान भगवान शिव पर केंद्रित करना पसंद करते हैं।
क्या मैं Shiv Chalisa का भक्तिपूर्वक पाठ कर सकता हूँ, भले ही मुझे सभी छंदों का अर्थ समझ में न आए?
बिल्कुल. भक्ति का कार्य शाब्दिक समझ से अधिक महत्वपूर्ण है। हालाँकि, यदि आप रुचि रखते हैं, तो आप मंत्र के साथ अपने संबंध को गहरा करने के लिए छंदों के अर्थ का पता लगा सकते हैं।
याद रखें, Shiv Chalisa आध्यात्मिक अभिव्यक्ति का एक रूप है, और इसका पाठ करते समय व्यक्तियों की अलग-अलग व्याख्याएँ और अनुभव हो सकते हैं।
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