श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)

श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)”गणपति गिरिजा पुत्र को” एक हिन्दू धार्मिक चालीसा है जो भगवान गोरखनाथ को समर्पित है। यह चालीसा गोरखपुर सम्प्रदाय में प्रतिदिन की पूजा और भक्ति के समय पर पढ़ी जाती है। गोरखनाथ भगवान के भक्त उनके जीवन और साधना के माध्यम से अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करते हैं, और इस चालीसा का पाठ उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।यह चालीसा अक्सर गोरखनाथ जी के मंदिरों और उनके भक्तों द्वारा पाठ की जाती है।

श्री गोरखनाथ चालीसा के लाभ (Shree Gorakhnath Chalisa Ke Benifits)

  1. आध्यात्मिक समृद्धि:
    श्री गोरखनाथ चालीसा(Shree Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास हो सकता है |
  2. मानसिक शांति:
    श्री गोरखनाथ चालीसा(Shree Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने से मानसिक चिंता और तनाव से मन को शान्ति मिलती हैं |
  3. रोग निवारण:
    श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)का पाठ लोग अपने स्वास्थ में सुधार करने के लिए भीकरते हैं|
  4. सफलता की प्राप्ति:
    श्री गोरखनाथचालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)का पाठ करने से हमरे जीवन में सुख की प्राप्ति होती हैं |
  5. भक्ति और श्रद्धा:
    श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)का पाठ करने से हम गोरखनाथ महराज के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को और भी मजबूत कर सकते हैं।

श्री गोरखनाथ चालीसा का वीडियो (Shree Gorakhnath Chalisa Ka Video)

श्री गोरखनाथ चालीसा हिंदी में (Shree Gorakhnath Chalisa Lyrics in Hindi)

दोहा-
गणपति गिरिजा पुत्र को,
सिमरूँ बारम्बार ।
हाथ जोड़ विनती करूँ,
शारद नाम अधार । ।चौपाई-
जय जय जय गोरख अविनाशी,
कृपा करो गुरुदेव प्रकाशी ।
जय जय जय गोरख गुणज्ञानी,
इच्छा रूप योगी वरदानी । ।
अलख निरंजन तुम्हरो नामा,
सदा करो भक्तन हित कामा ।
नाम तुम्हारा जो कोई गावे,
जन्म जन्म के दुःख नशावे ।
जो कोई गोरक्ष नाम सुनावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे ।
ज्ञान तुम्हारा योग से पावे,
रूप तुम्हार लख्या ना जावे ।
निराकार तुम हो निर्वाणी,
महिमा तुम्हरी वेद बखानी ।
घट घट के तुम अन्तर्यामी,
सिद्ध चौरासी करें प्रणामी ।
भस्म अङ्ग गले नाद विराजे,
जटा सीस अति सुन्दर साजे ।

तुम बिन देव और नहीं दूजा,
देव मुनी जन करते पूजा ।
चिदानन्द सन्तन हितकारी,
मङ़्गल करे अमङ़्गल हारी ।
पूरण ब्रह्म सकल घट वासी,
गोरक्षनाथ सकल प्रकासी ।
गोरक्ष गोरक्ष जो कोई ध्यावे,
ब्रह्म रूप के दर्शन पावे ।
शङ़्कर रूप धर डमरू बाजे,
कानन कुण्डल सुन्दर साजे ।
नित्यानन्द है नाम तुम्हारा,
असुर मार भक्तन रखवारा ।
अति विशाल है रूप तुम्हारा,
सुर नर मुनि जन पावं न पारा ।
दीन बन्धु दीनन हितकारी,
हरो पाप हम शरण तुम्हारी ।
योग युक्ति में हो प्रकाशा,
सदा करो सन्तन तन वासा ।
प्रातःकाल ले नाम तुम्हारा,
सिद्धि बढ़े अरु योग प्रचारा ।
हठ हठ हठ गोरक्ष हठीले,
मार मार वैरी के कीले ।
चल चल चल गोरक्ष विकराला,
दुश्मन मान करो बेहाला ।
जय जय जय गोरक्ष अविनासी,
अपने जन की हरो चौरासी ।
अचल अगम हैं गोरक्ष योगी,
सिद्धि देवो हरो रस भोगी ।
काटो मार्ग यम की तुम आई,
तुम बिन मेरा कौन सहाई ।
अजर अमर है तुम्हरो देहा,
सनकादिक सब जोहहिं नेहा ।
कोटि न रवि सम तेज तुम्हारा,
है प्रसिद्ध जगत उजियारा ।
योगी लखें तुम्हारी माया,
पार ब्रह्म से ध्यान लगाया ।
ध्यान तुम्हारा जो कोई लावे,
अष्ट सिद्धि नव निधि घर पावे ।
शिव गोरक्ष है नाम तुम्हारा,
पापी दुष्ट अधम को तारा ।
अगम अगोचर निर्भय नाथा,
सदा रहो सन्तन के साथा ।
शङ़्कर रूप अवतार तुम्हारा,
गोपीचन्द भर्तृहरि को तारा ।
सुन लीजो गुरु अरज हमारी,
कृपा सिन्धु योगी ब्रह्मचारी ।
पूर्ण आस दास की कीजे,
सेवक जान ज्ञान को दीजे ।
पतित पावन अधम अधारा,
तिनके हेतु तुम लेत अवतारा ।
अलख निरंजन नाम तुम्हारा,
अगम पंथ जिन योग प्रचारा ।
जय जय जय गोरक्ष भगवाना,
सदा करो भक्तन कल्याना ।
जय जय जय गोरक्ष अविनाशी,
सेवा करें सिद्ध चौरासी ।
जो पढ़ही गोरक्ष चालीसा,
होय सिद्ध साक्षी जगदीशा ।
बारह पाठ पढ़े नित्य जोई,
मनोकामना पूरण होई ।
और श्रद्धा से रोट चढ़ावे,
हाथ जोड़कर ध्यान लगावे ।

दोहा –
सुने सुनावे प्रेमवश,
पूजे अपने हाथ
मन इच्छा सब कामना,
पूरे गोरक्षनाथ ।
अगम अगोचर नाथ तुम,
पारब्रह्म अवतार ।
कानन कुण्डल सिर जटा,
अंग विभूति अपार ।
सिद्ध पुरुष योगेश्वरों,
दो मुझको उपदेश ।
हर समय सेवा करूँ,
सुबह शाम आदेश ।

श्री गोरखनाथ चालीसा अंग्रेजी में (Shree Gorakhnath Chalisa Lyrics in English)

Doha-
Ganapati Girija Putr Ko,
Simaroon Barambar ।
Hath Jod Vinti Karoon,
Sharad Naam Adhar ॥Chaupai-
Jai Jai Jai Gorakh Avinashi,
Krpa Karo Gurudev Prakashi ।
Jai Jai Jai Gorakh Gunagyani,
Ichchha Roop Yogi Varadani ॥
Alakh Niranjan Tumharo Nama,
Sada Karo Bhaktan Hit Kama ।
Naam Tumhara Jo Koi Gave,
Janm Janm Ke Duhkh Nashave ।
Jo Koi Goraksh Naam Sunave,
Bhoot Pishach Nikat Nahin Aave ।
Gyan Tumhara Yog Se Pave,
Roop Tumhar Lakhya Na Jave ।
Nirakar Tum Ho Nirvani,
Mahima Tumhari Ved Bakhani ।
Ghat Ghat Ke Tum Antaryami,
Siddh Chaurasi Karen Pranami ।
Bhasm Ang Gale Naad Viraje,
Jata Sis Ati Sundar Saje ।

Tum Bin Dev Aur Nahin Dooja,
Dev Muni Jan Karate Pooja ।
Chidanand Santan Hitkari,
Mangal Kare Amangal Hari ।
Pooran Brahm Sakal Ghat Vasi,
Gorakshanath Sakal Prakasi ।
Goraksh Goraksh Jo Koi Dhyave,
Brahma Roop Ke Darshan Pave ।
Shankar Roop Dhar Damroo Baje,
Kanan Kundal Sundar Saje ।
Nityanand Hai Naam Tumhara,
Asur Mar Bhaktan Rakhavara ।
Ati Vishal Hai Roop Tumhara,
Sur Nar Muni Jan Pavan Na Para ।
Deen Bandhu Deenan Hitakari,
Haro Paap Ham Sharan Tumhari ।
Yog Yukti Mein Ho Prakasha,
Sada Karo Santan Tan Vasa ।
Pratahkal Le Naam Tumhara,
Siddhi Badhe Aru Yog Prachara ।
Hath Hath Hath Goraksh Hathile,
Maar Maar Vairi Ke Kile ।
Chal Chal Chal Goraksh Vikarala,
Dushman Maan Karo Behala ।
Jai Jai Jai Goraksh Avinasi,
Apane Jan Ki Haro Chaurasi ।
Achal Agam Hain Goraksh Yogi,
Siddhi Devo Haro Ras Bhogi ।
Kato Marg Yam Ki Tum Aai,
Tum Bin Mera Kaun Sahai ।
Ajar Amar Hai Tumharo Deha,
Sanakadik Sab Johahin Neha ।
Koti Na Ravi Sam Tej Tumhara,
Hai Prasiddh Jagat Ujiyara ।
Yogi Lakhen Tumhari Maya,
Paar Brahm Se Dhyan Lagaya ।
Dhyan Tumhara Jo Koi Lave,
Asht Siddhi Nav Nidhi Ghar Pave ।
Shiv Goraksh Hai Naam Tumhara,
Papi Dusht Adham Ko Tara ।
Agam Agochar Nirbhay Natha,
Sada Raho Santan Ke Satha ।
Shankar Roop Avatar Tumhara,
Gopichand Bhartrhari Ko Tara ।
Sun Lijo Guru Araj Hamari,
Krpa Sindhu Yogi Brahmachari ।
Poorn Aas Daas Ki Kije,
Sevak Jaan Gyan Ko Dije ।
Patit Pavan Adham Adhara,
Tinake Hetu Tum Let Avatara ।
Alakh Niranjan Naam Tumhara,
Agam Panth Jin Yog Prachara ।
Jai Jai Jai Goraksh Bhagavana,
Sada Karo Bhaktan Kalyana ।
Jai Jai Jai Goraksh Avinashi,
Seva Karen Siddh Chaurasi ।
Jo Padhahi Goraksh Chalisa,
Hoy Siddh Sakshi Jagadisha ।
Barah Path Padhe Nity Joi,
Manokamna Puran Hoi ।
Aur Shraddha Se Rot Chadhave,
Hath Jodkar Dhyan Lagave ।

Doha –
Sune Sunave Premavash,
Pooje Apne Hath
Man Ichchha Sab Kamana,
Poore Gorakshanath ।
Agam Agochar Nath Tum,
Parabrahm Avatar ।
Kanan Kundal Sir Jata,
Ang Vibhooti Apar ।
Siddh Purush Yogeshvaron,
Do Mujhako Upadesh ।
Har Samay Seva Karoon,
Subah Sham Adesh ।


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श्री गोरखनाथ चालीसा लिरिक्स पीडीएफ (Shree Gorakhnath Chalisa Lyrics PDF )

श्री गोरखनाथ चालीसा से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न (Shree Gorakhnath Chalisa se jude FAQ )

श्री गोरखनाथ चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है?

गोरखनाथ चालीसा(Shree Gorakhnath Chalisa) का पाठ विशेष ध्यान और भक्ति के साथ किया जाता है। व्यक्ति एक पूजा स्थल पर जाकर बैठकर किया जाता हैं |

श्री गोरखनाथ चालीसा(Shree Gorakhnath Chalisa) के कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियाँ क्या हैं?

गोरखनाथ चालीसा(Shree Gorakhnath Chalisa) का पंक्तियाँ हैं, जिनमें भगवान गोरखनाथ की महिमा की स्तुति होती है।
“जय गोरखनाथ जी की जय।”गोरखपुरी को गुरु नाम सुणावै।””गुरु की उर्फ मोती निशानी।”

श्री गोरखनाथ चालीसा का महत्व क्या है?

गोरखनाथ चालीसा(Shree Gorakhnath Chalisa) का पाठकरने से गोरखनाथ जी के भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त होता हैं | और उन्हें खुसी व शांति मिलती है |

गोरखनाथ चालीसा के कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियाँ क्या हैं?

“जय गोरखनाथ जी की जय।”
“गोरखपुरी को गुरु नाम सुणावै।”
“गुरु की उर्फ मोती निशानी।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 11, 2024