श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa): Gateway to Ultimate Spiritual Bliss

श्री राम हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख देवताओं में से एक है, वे भगवान विष्णु के सबसे प्रमुख अवतार माने जाते है। रामजी का जन्मस्थल अयोध्या , माता का नाम कौसल्या और पिताजी का नाम दशरथ है। रामचरितमानस के अनुसार राम ने अपने १४ वर्ष के वनवास के दौरान कई राक्षसों का संहार किया। वे विष्णु भगवान के सातवे अवतार माने जाते है। भारत का सबसे प्रमुख पर्व दीपावली रावण पर राम के जीत की खुशी में मनाया जाता है। कहा जाता है की इस दिन भगवान राम , रावण पर युद्ध में विजय प्राप्त करके श्रीलंका के अयोध्या लौटे थे। इस पोस्ट में हम Shri Ram chalisa को पढ़ने की विधियों, लाभ और सामान्य प्रश्न के बारे में जानेंगे।

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) पाठ के प्रमुख लाभ

  1. आशीर्वाद और कृपा: श्री राम चालीसा के पाठ से आप भगवान श्री राम के आशीर्वाद और कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। यह चालीसा आपके जीवन को सुख, समृद्धि, शांति, और सम्पूर्णता के साथ भर देती है।
  2. पापों का नाश: श्री राम चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन से नकारात्मकता और पापों का नाश होता है। यह चालीसा आपको धार्मिकता, पवित्रता, और उच्च आदर्शों की प्राप्ति में सहायता करती है।
  3. संतान की कल्याण: श्री राम चालीसा का पाठ करने से पुत्रोत्तर धर्म की प्राप्ति होती है। यह चालीसा आपके और आपके परिवार के सदस्यों की संतान के कल्याण एवं समृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावी है।
  4. स्वास्थ्य और रोगों का निवारण: श्री राम चालीसा का नियमित पाठ करने से आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और आपकी सेहत बनी रहती है। यह चालीसा रोगों को दूर करने और अच्छी स्वास्थ्य प्राप्त करने में सहायता करती है।
  5. मनोकामनाओं की पूर्ति: श्री राम चालीसा के पाठ से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। यह चालीसा आपके इच्छाओं एवं आकांक्षाओं को सिद्ध करने में सहायता करती है।

ये थे कुछ मुख्य लाभ जो श्री राम चालीसा के पाठ से प्राप्त हो सकते हैं। ध्यान दें कि ये लाभ संबंधित व्यक्ति की श्रद्धा, भक्ति, और नियमितता पर भी निर्भर कर सकते हैं।

Shri Ram chalisa हिंदी में

॥चौपाई
 

श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥

निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥

ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं॥

दूत तुम्हार वीर हनुमाना। जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना॥

तब भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला। रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥

तुम अनाथ के नाथ गुंसाई। दीनन के हो सदा सहाई॥

ब्रह्मादिक तव पारन पावैं। सदा ईश तुम्हरो यश गावैं॥

चारिउ वेद भरत हैं साखी। तुम भक्तन की लज्जा राखीं॥

गुण गावत शारद मन माहीं। सुरपति ताको पार न पाहीं॥

नाम तुम्हार लेत जो कोई। ता सम धन्य और नहिं होई॥

राम नाम है अपरम्पारा। चारिहु वेदन जाहि पुकारा॥

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो। तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो॥

शेष रटत नित नाम तुम्हारा। महि को भार शीश पर धारा॥

फूल समान रहत सो भारा। पाव न कोऊ तुम्हरो पारा॥

भरत नाम तुम्हरो उर धारो। तासों कबहुं न रण में हारो॥

नाम शक्षुहन हृदय प्रकाशा। सुमिरत होत शत्रु कर नाशा॥

लखन तुम्हारे आज्ञाकारी। सदा करत सन्तन रखवारी॥

ताते रण जीते नहिं कोई। युद्घ जुरे यमहूं किन होई॥

महालक्ष्मी धर अवतारा। सब विधि करत पाप को छारा॥

सीता राम पुनीता गायो। भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥

घट सों प्रकट भई सो आई। जाको देखत चन्द्र लजाई॥

सो तुमरे नित पांव पलोटत। नवो निद्घि चरणन में लोटत॥

सिद्घि अठारह मंगलकारी। सो तुम पर जावै बलिहारी॥

औरहु जो अनेक प्रभुताई। सो सीतापति तुमहिं बनाई॥

इच्छा ते कोटिन संसारा। रचत न लागत पल की बारा॥

जो तुम्हे चरणन चित लावै। ताकी मुक्ति अवसि हो जावै॥

जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा। नर्गुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा॥

सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी। सत्य सनातन अन्तर्यामी॥

सत्य भजन तुम्हरो जो गावै। सो निश्चय चारों फल पावै॥

सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं। तुमने भक्तिहिं सब विधि दीन्हीं॥

सुनहु राम तुम तात हमारे। तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे॥

तुमहिं देव कुल देव हमारे। तुम गुरु देव प्राण के प्यारे॥

जो कुछ हो सो तुम ही राजा। जय जय जय प्रभु राखो लाजा॥

राम आत्मा पोषण हारे। जय जय दशरथ राज दुलारे॥

ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा। नमो नमो जय जगपति भूपा॥

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा। नाम तुम्हार हरत संतापा॥

सत्य शुद्घ देवन मुख गाया। बजी दुन्दुभी शंख बजाया॥

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन। तुम ही हो हमरे तन मन धन॥

याको पाठ करे जो कोई। ज्ञान प्रकट ताके उर होई॥

आवागमन मिटै तिहि केरा। सत्य वचन माने शिर मेरा॥

और आस मन में जो होई। मनवांछित फल पावे सोई॥

तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै। तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै॥

साग पत्र सो भोग लगावै। सो नर सकल सिद्घता पावै॥

अन्त समय रघुबरपुर जाई। जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥

श्री हरिदास कहै अरु गावै। सो बैकुण्ठ धाम को पावै॥

॥ दोहा॥

सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय।

हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय॥

राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय।

जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्घ हो जाय॥

।।इतिश्री प्रभु श्रीराम चालीसा समाप्त:।।

Shri Ram chalisa पाठ हिंगलिश में

Shri Ram chalisa

॥Chaupaee॥

shree raghuveer bhakt hitakaaree. sun leejai prabhu araj hamaaree

nishidin dhyaan dharai jo koee. ta sam bhakt aur nahin hoi

dhyaan dhare shivajee man maaheen. brahm indr paar nahin paahin

doot tumhaara veer hanumaana. jaasu prabhaav tihoon pur jaana

tab bhuj dand prachand krpaala. raavan maari suran pratipaala

tum anaath ke naath gunsaee. deen ke ho sada sahaee

brahmaadik tav paaran paavain. sada eesh tumharo yash gaavain

chaariu ved bharat hain saakhee. tum bhakton kee lajja rakham

gun gaavat sharad man maaheen. surapati taako paar na paahin

naam tumhaara let jo koee. ta sam dhany aur nahin hoi

raam naam aparampaar hai. chaarihu vedan jaahi pukaara

ganapati naam tumhaaro leenho. tinako pratham poojy tum kinho

shesh ratat nit naam . mahi ko bhaar sheesh par dhaara

phool samaan rahat so bhara. paav na kou tummharo paara

bharat naam tummharo ur dharo. taason kabahun na ran mein haaro .

naam shakshuhan hrday prakaasha. sumirat hot shatru kar naasha

laakhanaphe kaamakaaree. sada karat santan rakhavaari

taate ran jeete nahin koee. yuddh jure yamahoon kin hoi

mahaalakshmee dhara avataar. sab vidhi karat paap kohaara

seeta raam puneeya gaayo. babeeree prabhaavo

ghat son prakat bhee so aaee. jaako dekhat chandr laajai

so tumare nit palot. navo nidhi charanan mein lotat

siddhee aath mangalakaaree. so tum par jaavai balihaaree

aurahu jo anek prabhutaee. so seetaapati tumahin nirmit

ichchha te kotin sansaara. rachat na laagat pal kee baara

jo chaar charanan chit laavai. taakee mukti avasee ho jaavai

jay jay jay prabhu jyoti svaroopa. nargun brahm akhand anupama

saty saty jay satyavrat svaamee. saty sanaatan antaryaamee

saty bhajan tummharo jo gaavai. so saaye chaaron or phal paavai

saty shapath gaureepati keenheen. tum bhaktihin sab vidhi deenheen

sunahu raam tum taat hamaare. tumahin bharat kul poojy prachaare

tumahin dev kul dev hamaare. tum guru dev praan ke priye

jo kuchh ho so tum hee raaja. jay jay jay prabhu raakho laaja

raam aatma poshan haare. jay jay chandrashekhar raaj dulaare

gyaan hrday do gyaan svaroopa. namo namo jay jagapati bhoopa

dhany dhany tum dhany prataapa. naam tumhaara harat santaapa

saty shuddh devan mukh gaya. baji dundubhi shankh bajaaya

saty saty tum saty sanaatan. tum hee ho hamaare tan man dhan

yaako paath kare jo koee. gyaan prakat taake ur hoi

siddhaant mitai tihi kera. saty vachan maane shree mera

aur aas man mein jo hoee. manavaanchhit phal paave soi

teenahoon kaal dhyaan jo lyaavai. tulasee aru phool chadhaavai

saaga patr so bhog lagaavai. so nar sakal siddhata paavai

ant samay raghubarapur jaee. jahaan janm hari bhakt kahaee

shree haridaas kahai aru gaavai. so baikunth dhaam ko paavai

.॥Doha॥

saat din jo nem kar, paath kare chit laay

haridaas hari krpa se, avasi bhakti ko paay

raam chaaleesa jo padha, raam charan chit laay

jo chaah man mein karai, sakal siddh ho jaay

itishree prabhu shri ram chalisa samaapt

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Shri Ram chalisa के सामान्य प्रश्न

श्री राम चालीसा क्या है?

Shri Ram chalisa एक भक्ति भजन है जिसमें चालीस छंद (चालीसा) शामिल हैं जो हिंदू धर्म में पूजनीय देवता भगवान राम को समर्पित हैं। यह भगवान राम के दिव्य गुणों, कार्यों और विशेषताओं की प्रशंसा करता है।

Shri Ram chalisa का पाठ करने का क्या महत्व है?

माना जाता है कि श्री राम चालीसा का पाठ करने से भगवान राम का आशीर्वाद और सुरक्षा मिलती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की भक्ति के माध्यम से आध्यात्मिक विकास, आंतरिक शांति और किसी की इच्छाओं की पूर्ति होती है।

श्री राम चालीसा का पाठ कब किया जाता है?

भक्त अक्सर अपने दैनिक भक्ति अभ्यास के हिस्से के रूप में या भगवान राम से संबंधित विशेष अवसरों, जैसे उनकी जयंती (राम नवमी) या अन्य त्योहारों के दौरान Shri Ram chalisa का पाठ करते हैं।

क्या कोई Shri Ram chalisa का पाठ कर सकता है?

हां, श्री राम चालीसा का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो भगवान राम के प्रति श्रद्धा रखता हो। यह उम्र, लिंग या जाति से प्रतिबंधित नहीं है।

क्या Shri Ram chalisa का पाठ करने के कोई विशेष लाभ हैं?

भक्तों का मानना है कि भक्तिपूर्वक Shri Ram chalisa का पाठ करने से भगवान राम का आशीर्वाद, सुरक्षा और दिव्य मार्गदर्शन मिल सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करता है।

क्या श्री राम चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष समय है?

हालांकि Shri Ram chalisa पढ़ने का कोई सख्त समय नहीं है, बहुत से लोग अपनी दैनिक आध्यात्मिक दिनचर्या के हिस्से के रूप में सुबह या शाम को चालीसा का पाठ करना पसंद करते हैं। हालाँकि, इसे व्यक्तिगत सुविधा के आधार पर किसी भी समय पढ़ा जा सकता है।

क्या श्री राम चालीसा की कोई विशेष धुन या धुन है?

Shri Ram chalisa को क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर विभिन्न धुनों या धुनों में पढ़ा जा सकता है। इसके लिए एक भी मानकीकृत राग नहीं है।

श्री राम चालीसा का पाठ करने में कितना समय लगता है?

Shri Ram chalisa का पाठ करने में लगने वाला समय पाठ की गति के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। इसे पूरा होने में औसतन 10 से 15 मिनट का समय लग सकता है।

क्या श्री राम चालीसा का पाठ सामूहिक रूप से किया जा सकता है?

हाँ, Shri Ram chalisa का पाठ सामूहिक रूप से किया जा सकता है, जैसे कि मंदिरों में या धार्मिक समारोहों के दौरान। इसे एक साथ पढ़ने से साझा भक्ति और समुदाय की भावना बढ़ती है।

याद रखें कि ये उत्तर Shri Ram chalisa के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। हिंदू धर्म के भीतर व्यक्तियों, क्षेत्रों और संप्रदायों के बीच वास्तविक प्रथाएं और मान्यताएं भिन्न-भिन्न हो सकती हैं।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 11, 2024