विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa)

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) “जय श्री विश्वकर्म भगवाना” का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। विश्वकर्मा चालीसा में भगवान विश्वकर्मा की महिमा का वर्णन किया गया है। भगवान विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। वे सभी वस्तुओं के निर्माता हैं। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनके कार्यों में सफलता प्रदान करते हैं।

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ अक्षय तृतीया, विश्वकर्मा जयंती, या किसी भी अन्य शुभ दिन किया जा सकता है। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या तस्वीर रखनी चाहिए।

भगवान विश्वकर्मा को धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित करने चाहिए। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करते समय मन को शुद्ध रखना चाहिए और भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करनी चाहिए कि वे अपने कार्यों में सफलता प्रदान करें।

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनके कार्यों में सफलता प्रदान करते हैं।

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विश्वकर्मा चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Vishwakarma Chalisa lyrics in Hindi )

॥ दोहा ॥
श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं,
चरणकमल धरिध्यान ।
श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण,
दीजै दया निधान ॥

॥ चौपाई ॥
जय श्री विश्वकर्म भगवाना ।
जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥

शिल्पाचार्य परम उपकारी ।
भुवना-पुत्र नाम छविकारी ॥

अष्टमबसु प्रभास-सुत नागर ।
शिल्पज्ञान जग कियउ उजागर ॥

अद्‍भुत सकल सृष्टि के कर्ता ।
सत्य ज्ञान श्रुति जग हित धर्ता ॥ ४ ॥

अतुल तेज तुम्हतो जग माहीं ।
कोई विश्व मंह जानत नाही ॥

विश्व सृष्टि-कर्ता विश्वेशा ।
अद्‍भुत वरण विराज सुवेशा ॥

एकानन पंचानन राजे ।
द्विभुज चतुर्भुज दशभुज साजे ॥

चक्र सुदर्शन धारण कीन्हे ।
वारि कमण्डल वर कर लीन्हे ॥ ८ ॥

शिल्पशास्त्र अरु शंख अनूपा ।
सोहत सूत्र माप अनुरूपा ॥

धनुष बाण अरु त्रिशूल सोहे ।
नौवें हाथ कमल मन मोहे ॥

दसवां हस्त बरद जग हेतु ।
अति भव सिंधु मांहि वर सेतु ॥

सूरज तेज हरण तुम कियऊ ।
अस्त्र शस्त्र जिससे निरमयऊ ॥ १२ ॥

चक्र शक्ति अरू त्रिशूल एका ।
दण्ड पालकी शस्त्र अनेका ॥

विष्णुहिं चक्र शूल शंकरहीं ।
अजहिं शक्ति दण्ड यमराजहीं ॥

इंद्रहिं वज्र व वरूणहिं पाशा ।
तुम सबकी पूरण की आशा ॥

भांति-भांति के अस्त्र रचाए ।
सतपथ को प्रभु सदा बचाए ॥ १६ ॥

अमृत घट के तुम निर्माता ।
साधु संत भक्तन सुर त्राता ॥

लौह काष्ट ताम्र पाषाणा ।
स्वर्ण शिल्प के परम सजाना ॥

विद्युत अग्नि पवन भू वारी ।
इनसे अद्भुत काज सवारी ॥

खान-पान हित भाजन नाना ।
भवन विभिषत विविध विधाना ॥ २० ॥

विविध व्सत हित यत्रं अपारा ।
विरचेहु तुम समस्त संसारा ॥

द्रव्य सुगंधित सुमन अनेका ।
विविध महा औषधि सविवेका ॥

शंभु विरंचि विष्णु सुरपाला ।
वरुण कुबेर अग्नि यमकाला ॥

तुम्हरे ढिग सब मिलकर गयऊ ।
करि प्रमाण पुनि अस्तुति ठयऊ ॥ २४ ॥

भे आतुर प्रभु लखि सुर-शोका ।
कियउ काज सब भये अशोका ॥

अद्भुत रचे यान मनहारी ।
जल-थल-गगन मांहि-समचारी ॥

शिव अरु विश्वकर्म प्रभु मांही ।
विज्ञान कह अंतर नाही ॥

बरनै कौन स्वरूप तुम्हारा ।
सकल सृष्टि है तव विस्तारा ॥ २८ ॥

रचेत विश्व हित त्रिविध शरीरा ।
तुम बिन हरै कौन भव हारी ॥

मंगल-मूल भगत भय हारी ।
शोक रहित त्रैलोक विहारी ॥

चारो युग परताप तुम्हारा ।
अहै प्रसिद्ध विश्व उजियारा ॥

ऋद्धि सिद्धि के तुम वर दाता ।
वर विज्ञान वेद के ज्ञाता ॥ ३२ ॥

मनु मय त्वष्टा शिल्पी तक्षा ।
सबकी नित करतें हैं रक्षा ॥

पंच पुत्र नित जग हित धर्मा ।
हवै निष्काम करै निज कर्मा ॥

प्रभु तुम सम कृपाल नहिं कोई ।
विपदा हरै जगत मंह जोई ॥

जै जै जै भौवन विश्वकर्मा ।
करहु कृपा गुरुदेव सुधर्मा ॥ ३६ ॥

इक सौ आठ जाप कर जोई ।
छीजै विपत्ति महासुख होई ॥

पढाहि जो विश्वकर्म-चालीसा ।
होय सिद्ध साक्षी गौरीशा ॥

विश्व विश्वकर्मा प्रभु मेरे ।
हो प्रसन्न हम बालक तेरे ॥

मैं हूं सदा उमापति चेरा ।
सदा करो प्रभु मन मंह डेरा ॥ ४० ॥

॥ दोहा ॥
करहु कृपा शंकर सरिस,
विश्वकर्मा शिवरूप ।
श्री शुभदा रचना सहित,
ह्रदय बसहु सूर भूप ॥

विश्वकर्मा चालीसा लिरिक्स अंग्रेजी में (Vishwakarma Chalisa lyrics in English )

॥ Doha ॥
Shri Vishwakarama Prabhune Vandu,
Charan Kamal Dhari Dhyan।
Shri Shambu Bal Aru Shrip Gun
Dije Daya Nidhaan॥

॥ Chaupai ॥
Jai Jai Shri Vishwakarma Bhagwana।
Jai Jai Shri Vishweshwar Krupa Nidhana॥
Shrilpacharya Param Upkari।
Bhuwan Putra Naam Gunkari॥ 2 ॥

Ashtam Basu Sut Nagar।
Shrilp Gnaan Jag Kiawu Ujagar॥
Adbhut Sakal Shrusti Karta।
Satya Gnaan Shruti Jag Heet Dharta॥ 4 ॥

Atul Tej Tumharo Jag Maahi।
Koi Vishwa Mahi Janat Nahi॥
Vishwa Shrusti Karta Vishwesha।
Adbhut Varan Viraj Suvesha॥ 6 ॥

Ekanan Panchanan Rajey।
Dwibhuj Chaturbhuj Dhasbhuj Kaje॥
Chakra Sudarshan Dharan Keedha।
Vaari Kamadal Haathma Leedha॥ 8 ॥

Shrilp Shashtra Aru Shankh Anupam।
Sohey Sutra Gajmaap Anupaa॥
Dhuinushya Baan Trishul Sohey।
Navle Haath Kamal Man Mohe॥ 10 ॥

Veevidh Sashtra Sahit Mantra Apara।
Veerchehu Turn Samast Sansara॥
Divya Sugandhit Suman Aneka।
Veevidh Maha Aushadh Saviveka॥ 12 ॥

Shambhu Veerchi Vishnu Surpala।
Varun Kuber Asi Mahakala॥
Tumhare Dhing Sab Milkar Gavawu।
Kari Praman Astutti Kavawu॥ 14 ॥

Mei Prasan Turn Lakhi Sur Sauka।
Kivawu Kaaj Sab Bhaye Ashoka॥
Darshva Varad Hast Jag Hetu।
Atibhav Sindu Mahi V Setu॥ 16 ॥

Suraj Tej Haran Tumne Keawu।
Ashtray Shashtra Jesase Neermewu॥
Chakra Shakti Vraj Trishul Aeko।
Dand Pasha Aur Shashtra Aneka॥ 18 ॥

Vishnuhi Chakra Trishul Shankrahi।
Ajahi Shakti Dand Yamrajhi॥
Indra He Vraj Varun He Paasha।
Tumne Sabki Puran Ki Aashu॥ 20 ॥

Bhati Bhati Ke Ashtray Rachaye।
Sat Panthako Prabhu Sada Bachaye॥
Amrut Ghat Ke Turn Nirmata।
Sadhu Sant Bhaktanke Sur Trata॥ 22 ॥

Loh, Kaasht, Traamba Paashana।
Suvarna Shrilp Ke Param Sujana॥
Vidhyut Agni Pawan Bhu Vari।
Inke Kaj Adbhutki Samvari॥ 24 ॥

Aanpaan Heet Bhaajan Nana।
Bhuvan Vibhushrit Vividh Vidhana॥
Riddhi Siddhi Ke Turn Vardata।
Ved Gnaan Ke Aap Gnaata॥ 28 ॥

Shrilpi, Twashta, Manu, May, Taksha।
Sabki Neet Karte Prabhu Raksha॥
Panch Putra Neet Jag Heet Karta।
Kar Nishkaam Karm Neej Dharma॥ 30 ॥

Tumhare Sam Koi Krupadu Naahi।
Vipada Hare Sada Jag Mahi॥
Jai Jai Shri Bhuvna Vishwakarma।
Krupa Kare Shri Gurudev Sudharma॥ 32 ॥

Shriv Aru Vishwakarma Mahi।
Vigyaani Kahey Antar Nahi॥
Barne Kaun Swarup Tumhara।
Sakal Shrushti Ko Aapne Vistara॥ 34 ॥

Rachewu Vishwa Heet Trividh Sharira।
Tum Bin Kaun Harey Bhav Pira॥
Mangal Mul Bhuwan Bhay Haari।
Shake Rahit Trilok Vihari॥ 36 ॥

Charo Joog Pratap Tumhara।
Te Hay Prasidh Jagat Ujiyara॥
Ekshoh Aath Jap Kare Koi।
Naasho Vipati Maha Such Koi॥ 38 ॥

Padhiye Jo Vishwakarma Chalisa।
Hoi Sidh Sakhi Gaurisha॥
Vishwa Vishwakarma Prabhu Mere।
Ho Prasann Hum Balak Tere॥ 40

Mai Hu Sada Umapati Chera।
Sada Karo Prabhu Man Mah Dera॥

॥ Doha ॥
Karahu Kripa Shankar Saris,
Vishwakarma Shivroop।
Shri Shubhda Rachna Sahit,
Hriday Basahu Sur Bhoop॥

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) के लाभ

  • भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है। विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa)का पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनके कार्यों में सफलता प्रदान करते हैं।
  • भक्तों के कार्यों में सफलता मिलती है। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने से भक्तों के कार्यों में सफलता मिलती है। भगवान विश्वकर्मा को सभी वस्तुओं के निर्माता माना जाता है। वे भक्तों को उनके कार्यों में सफलता प्रदान करते हैं।
  • भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान विश्वकर्मा को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला देवता माना जाता है। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

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विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) lyrics pdf

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) से सम्बंधित प्रश्न

विश्वकर्मा चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ अक्षय तृतीया, विश्वकर्मा जयंती, या किसी भी अन्य शुभ दिन किया जा सकता है। हालांकि, विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा दिन अक्षय तृतीया माना जाता है। अक्षय तृतीया को भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिन माना जाता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा और उपासना करने से भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है।

विश्वकर्मा चालीसा का पाठ कैसे करें?

उत्तर: विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ करने से पहले स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या तस्वीर रखनी चाहिए। भगवान विश्वकर्मा को धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित करने चाहिए। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करते समय मन को शुद्ध रखना चाहिए और भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करनी चाहिए कि वे अपने कार्यों में सफलता प्रदान करें।

विश्वकर्मा चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ एक बार, तीन बार, पांच बार, सात बार या अधिक बार किया जा सकता है। विश्वकर्मा चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के कार्यों में सफलता मिलती है।

विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है।
भक्तों के कार्यों में सफलता मिलती है।
भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
भक्तों को धन, समृद्धि और वैभव प्राप्त होता है।
भक्तों को सभी तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करने के लिए क्या शर्तें हैं?

विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa) का पाठ करने के लिए निम्नलिखित शर्तें हैं:
पाठ करने वाला व्यक्ति शुद्ध मन से भगवान विश्वकर्मा की पूजा और उपासना करे।
पाठ करने वाला व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या तस्वीर को सामने रखकर पाठ करे।
पाठ करने वाला व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा को धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित करे।
पाठ करने वाला व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करे कि वे अपने कार्यों में सफलता प्रदान करें।

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Updated on May 11, 2024