पितरेश्वर हनुमान मंदिर ( Pitreshwar hanuman mandir)

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) मध्य प्रदेश के इंदौर के अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर पितृ पर्वत में विराजमान है पितरेश्वर हनुमान मंदिर 72 फीट ऊंचे पवन पुत्र हनुमान की ध्यान मुद्रा में बैठे, प्रतिमा का वजन 108 टन है। जिसे अष्टधातुओं से बनाया गया है, इस प्रतिमा का निर्माण ग्वालियर में 7 साल में किया गया था ।जिसने 125 कारीगर में अपने जीवन के हम पल इस विशाल प्रतिमा के निर्माण में लगे । इस धाम की कल्पना सबसे पहले इंदौर के समाजसेवी नेता कैलाश विजयवर्गीय और उनकी टीम ने की थी, सालों के कड़ी तपस्या के बाद , इस अनोखे धाम ने अपना अपने भव्य स्वरूप पूर्ण किया।

विषय सूची

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) मंदिर का इतिहास

सन 2002 में मध्य प्रदेश में इंदौर शहर के महापौर कैलाश विजयवर्गीय ने देव धर्म टेकरी पर हनुमान जी की सबसे बड़ी मूर्ति लगाने का विचार जनता के सामने लाया। इसके अलावा उन्होंने जनता से यह आग्रह भी किया कि इस टेकरी पर वह अपने स्वर्गीय परिजनों के नाम पर एक-एक पौधा लगाए, जिसकी देखभाल नगर निगम के कर्मचारी करेंगे कई , सालों तक लोगों द्वारा इस स्थान पर सैकड़ो पेड़ लगाया गया। जिनमें से कई पौधों ने विशाल वर्षों का रूप ले लिया है।

इस स्थान मंदिर के निर्माण के बाद इस स्थान का नाम पितरेश्वर धाम रख दिया गया। मंदिर निर्माण तक इस टेकरी पर शहर वाशियो ने अपने पितरों की स्मृति में एक लाख से अधिक पौधे लगाए हैं । हनुमान जी प्रतिमा को ग्वालियर से 264 भागों में लाया गया , जिसे जोड़ने में करीब 3 साल का समय लगा है । प्रतिमा पर सात चक्र मौजूद है जिसने ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रवाह होते हैं।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) वीडियो

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) की संरचना

पितरेश्वर धाम में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा अत्यंत विशाल रूप में स्थित है । सुनहरे रंग में चमकती यह प्रतिमा कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई देती है। प्रतिमा की संरचना इस प्रकार बनाई गई है , कि दिन की उजाले में इसका रूप दूर तक साफ दिखाई देता, तो वही रात के वक्त यहां पर आयोजित होने वाले लेजर शो इस प्रतिमा के रूप को और भी बढ़ा देता है।

प्रतिमा में हनुमान चालीसा और सुंदर कांड लेजर शो के माध्यम से दिखाई जाती हैं ।प्रतिमा में संकट मोचन हनुमान ध्यान मुद्रा में बैठे नजर आते हैं। जिनके ऊपर एक छात्र बना हुआ है ,जिस क्षेत्र में 108 बार राम के नाम लिखे हुए हैं। उनके बगल में एक विशाल 45 फुट का गदा मौजूद है। हनुमान जी के ठीक पीछे एक भगवा ध्वज लहराते हुए भी नजर आता है। यह प्रतिमा मुख्य मंदिर की छत पर स्थित है, जमीन से इसकी ऊंचाई 72 फीट बताई जा रही है और जिसका वजन 108 तन है।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) दर्शन का समय

पित्रेश्वर हनुमान मंदिर भक्तों के लिए साल के प्रत्येक दिन खुला रहता है इस मंदिर में आने वाले भक्त सुबह 9:00 बजे से रात के 11:30 के बीच किसी भी समय आकर इस मंदिर में दर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस मंदिर में त्यौहार वाले दिन सबसे अधिक भीड़ मौजूद रहती हैं शाम के समय जहां होने वाले लेजर शो के लिए दर्शक काफी संख्या में मंदिर पहुँचते हैं।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) आरती का समय

मंदिर में दिन में दो बार आरती की जाती है प्रथम आरती मंदिर खुलने के बाद सुबह 9:30 बजे की जाती है वही रात की शयन आरती 8:00 बजे की जाती है आरती में भक्तों की भारी संख्या मौज रहती है।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) लेजर शो

पितृ पर्वत पर विराजमान इस राम भक्त हनुमान जी की मूर्ति में रात के समय 6 बजे से 10 बजे तक जापान की टेक्नोलॉजी से 3D लेजर शो दिखाया जाता है जिसमे हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और हनुमान जी के कई लीलाओं व रूपो की झलकिया प्रोजेक्शन मैप के जरिए दिखाए जाते हैं ।

साथ ही लेजर की रौशनी से ताल मिल हुए साउंड सिस्टम भी लगाए गए हैं जिनमे राम धून ,हनुमान चालीसा, और भजनों की आवाज आती रहती है । इसके साथ ही प्रतिमा के ऊपर मानस की चौपाई के साथ कई सारे अद्भुत रूप भी दिखाए जाते हैं । इस दृश्य को देखने सैकड़ो की संख्या में लोग पितरेश्वर धाम आते हैं। बरसात के दिनों में लेजर शॉप कुछ दिन यह कुछ दिन बंद रहता है।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) में रुकने की व्यवस्था

यदि आप पित्रेश्वर हनुमान मंदिर आए हैं और उसकी कीमत वाले होटल यह धर्मशालाएं खोज रहे हैं तो गंगा वाला बस स्टेशन के पास आपको कम कीमतों पर ठहरने के लिए सर्व सुविधायुक्त कमरे या धर्मशाला लॉज मिल जाएंगे यदि आपको कुछ अच्छे और ज्यादा सुविधा वाले होटल चाहिए तो आप कुछ ही दूरी पर स्थित विजयनगर क्षेत्र जा सकते हैं जहां पर थोड़े से ज्यादा पैसे देने पर और भी अच्छे सुविधा और लग्जरी वाले होटल मिल जाएंगे जिसकी दूरी मंदिर से केवल 10 किलोमीटर है।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) खाने की व्यवस्था

मंदिर परिसर शहर आबादी से काफी दूर होने की वजह से यहां कुछ खास भोजन व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। यदि आपको अच्छे भोजन की तलाश है । तो आप पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) से कुछ दूरी स्थित विजयनगर क्षेत्र जा सकते हैं। जहां पर अच्छे-अच्छे किश्म के भोजन उपलब्ध हो जाएंगे। मंदिर के आसपास आप नास्ता या हल्का फुल्का खान पान का मजा ले सकते हैं। यहां पर छोटे-छोटे ठेले वाले मौजूद रहते हैं।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir)कैसे पहुंचे

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) पहुंचने के लिए विभिन्न परिवहन के साधन मौजूद है ,यदि मंदिर आप मदिर चाहते है। तो हवाई मार्ग , रेल मार्ग, या सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते है। यहाँ मंदिर सभी परिवहन के साधनो से अच्छे से जुड़ा हुवा है। जिस वजह से श्रद्धालुओं को यहाँ पहुंचने में किसी भी प्रकार की समस्या से नहीं जूझना पड़ता है। पितरेश्वर हनुमान मंदिर तक पहुंचने के लिए आप इस साधनो का उपयोग कर सकते है।

रेल मार्ग

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, इंदौर रेलवे स्टेशन है, जिसकी दुरी लगभग 11 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से मंदिर पहुंचने के लिए आप स्थानीय परिवहन जैसे टेक्सी , बस का उपयोग कर सकते है। इंदौर शहर देश कई बड़े शहरो से अच्छे तरह से जुड़ा हुवा है। जिस वह यहाँ पहुंचने के लिए रेल परिवहन एक अच्छा विकल[ माना जा सकता है।

सड़क मार्ग

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) सड़क मार्ग के माध्यम से आसानी से आया जा सकता है,इंदौर राष्ट्र राजमार्ग 52 से जुड़े होने की वजह से पुरे देश से इंदौर की कनेक्टिविटी है। देश के किसी भी कोने से यह सड़क मार्ग से पंहुचा जा सकता है ,पितरेश्वर मंदिर से सबसे नजदीकी बस डिपो गंगवाल बस स्टैंड है। जिसकी दुरी मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर है ,इस बस स्टैंड से कई बड़े शहरो के लिए बस मिला जाता है ,इस मंदिर में इतनी भी होने का एक मुख्य करण यह भी है , की मंदिर की सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुवा है। जिस वजह से यहाँ प्रत्येक दिन हजारो की संख्या में भक्त प्रभु के दर्शन करने आते है।

हवाई मार्ग

कोई भी श्रद्धालु यदि पितरेश्वर हनुमान मंदिर हवाई मार्ग से आना चाहता है तो ,मंदिर से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अहिल्या बाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है,जिसकी दुरी मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर है ,जहा तक पहुंचने के लिए प्राइवेट टेक्सी का उपयोग कर सकते है ,मंदिर परिसर के समीप आपको कई सरे टेक्सी वाले मिल जायेंगे। परिवहन के विभिन्न साधनो से अच्छी तरह से जुड़ने की वजह से पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) में सदैव भक्तो की भरी भीड़ रहती है।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर (Pitreshwar hanuman mandir) के आस पास घूमने की जगह

अगर आप इंदौर के पित्तेश्वर हनुमान मंदिर घूमने आना चाह रहे हैं ,तो आप इस शहर में इसके अलावा और भी कई सारे ऐतिहासिक और प्राकृतिक घूमने लायक स्थान मौजूद हैं। जहां आप परिवार के साथ जाकर समय व्यतीत कर सकते हैं। इंदौर ऐतिहासिक शहर रहा है ,इस शहर में विभिन्न शासको ने कई वर्ष तक शासन किया है। इस वजह से ऐतिहासिक दृष्टि से यह शहर अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसकी छवि हमें यहाँ की प्रचीन इमारतों और ऐतिहासिक महलों में देखने को मिलती है।इंदौर के कुछ पर्यटन स्थल

कमल झील,गुलावत

देश के सबसे खूबसूरत शहर इंदौर के हतोड तहसील के पास गुलावत नामक गांव स्थित है , जहां पर लोटस लेक मौजूद है । कमल फूल के इस झील की खूबसूरती देखते ही बनती है । इंदौर वासियों के लिए यह काफी लोकप्रिय स्थान है। क्योंकि इसकी दूरी इंदौर से केवल 30 किलोमीटर है । इस झील का मनोरम दृश्य प्रकृति के सुंदर एहसासों का अहसास करवाता है । यहां आकर लोगों का मन इस स्थान पर मोहित हो जाता है । इस झील के खुलने का समय सुबह 6:00 बजे है और यह लोटस झील रात के 10:00 बजे तक खुला रहता है
यहां आप सब परिवार जाकर खूबसूरत वादियों का मजा ले सकते हैं।

तिंछा फॉल

खूबसूरत शहर इंदौर से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, इंदौर वाशियो का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल तिंछा फॉल । दूध सा सफेद गिरता हुआ पानी लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। यहाँ जगह मानसून के दिनों में एक टूरिस्ट हम बन जाता है। इस झरने में 300 फीट ऊपर से पानी गर्जना के साथ इंद्रधनुष बनाते हुए जमीन पर गिरता है ।

तिंछा गांव में स्थित यह स्थान आकर्षक हरी-भरी का घाटियों और वादियों से गिरे होने की वजह से लोगों के अधिक आने का कारण बना हुआ है। यह एक सबसे लोकप्रिय पिकनिक डेस्टिनेशन बन चुका है ।खासकर यहां भीड़ मानसून के महीने में देखने को मिलती है ,यहां आने के लिए केवल प्राइवेट टैक्सी या खुद के वहन का उपयोग कर सकते हैं।

राजबाड़ा


मध्य प्रदेश का दिल कहीं जाने वाले इंदौर शहर के ऐतिहासिक धरोहर काफी खास है, क्योंकि यहां के धरोहरों ने महान शासकों के इतिहास को अपने अंदर संजय हुए है। इंदौर में स्थापित यह ऐतिहासिक इमारत है। राजवाड़ा जिसे राजशाही का प्रतीक भी माना जाता है । यह राजवंशों का एक शक्ति केंद्र है, जो आधुनिक शहर इंदौर में प्राचीन यादों को अपने अंदर संजोए हुए हैं ।

महल की ऊपरी तीन मंजिल इट, चट्टान और अधिकांश लड़कियों से बनाई गई है। राजबाड़ी की चौकोर इमारत के अंदर प्रवेश करते ही सामने की ओर आंगन में दो वाले पत्थरों से निर्मित भवन बनाया गया है । इसके नीचे तरफ आधार स्तंभ और ऊपर कक्षा के रूप में बनाया गया है ,ऊपर जाने के लिए पत्थरों की सीढ़ियां भी बनाई गई है। इतिहास में इस इमारत का एक अलग स्थान स्थान मौजूद है।

लाल बाग पैलेस


खान नदी के तट पर खड़ी खूबसूरत तीन मंजिला संरचना इंदौर के सबसे शानदार महलों में से एक लाल बाग पैलेस को बनती है। जिसका निर्माण महाराज शिवाजी राव होल्कर ने करवाया था। लाल बाग पैलेस को बनाने का उद्देश्य बाहर से आने वाले शाही परिवार के मेहमानों की मेजबानी करना था। अनूठी वास्तु कला वाला यह महल इंदौर में सबसे प्रसिद्ध महलों में से एक है ।

इस महल से इंदौर के होल्कर शासको की जीवन शैली दिखाई पड़ती है । महल में भारत के सबसे सुंदर गुलाबों का बगीचा भी मौजूद है। इस लाल बाग पैलेस को भारत और इटली के कई चित्रों और मूर्तियों से सजाया गया है । महल के दीवारों पर खूबसूरत नक़्क़ाशी की गई है। 28 एकड़ तक पहले इस पैलेस में एक संग्रहालय भी बनाया गया है।


यह मंदिर भी देखे


पितरेश्वर हनुमान मंदिर कहा स्थित है ?

पितरेश्वर हनुमान मंदिर इंदौर शहर के अहिल्य बाई होलकर अंतरराष्ट्र से लगभग 3 किलोमीटर दूर पितृ पर्वत पर स्थित है।

हनुमान जी की सबसे विशाल प्रतिमा कहा स्थित है ?

इंदौर के पितरेश्वर हनुमान मंदिर में ध्यान मुद्रा में बैठे हनुमान जी की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित है।

पितरेश्वर हनुमान मंदिर में हनुमान जी प्रतिमा की ऊँचाई कितनी है ?

पितरेश्वर हनुमान मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा की ऊँचाई 72 फुट है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 10, 2024