केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra)

केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra) केतु ग्रह को समर्पित एक मंत्र है जिसे एक छाया ग्रह के रूप में देखा जाता है। जिसका उपयोग केतु से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया है। ज्योतिशास्त्र में भी केतु ग्रह एक विशेष स्थान रखता है। व्यक्ति के जीवन में केतु का प्रभाव उसके जीवन में होने वाली अनिश्चित बदलाव से देखा जाता है। केतु का प्रभाव हमारी जन्मकुंडलियों पर भी देखा जा सकता है। हम इस ,मंत्र का उपयोग अपने ग्रहो की दिशा ठीक तथा शांति दिलाने के लिए कर सकते है।

केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra)

ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः

om sraan sriin srown sah ketave namah

केतु बीज मंत्र अर्थ (Ketu Beej Mantra Meaning)

“ॐ” – परब्रह्म, समस्त ब्रम्हांड का प्रतिक है।

“स्रां स्रीं स्रौं सः” – मन्त्र की शक्ति और एकाग्रता को प्रकट करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला एक बीज मंत्र है

“केतवे” – केतु ग्रह के लिए (केतु को संकेत करने के लिए)

“नमः” – नमस्कार या आदर का भाव

केतु बीज मंत्र वीडियो (Ketu Beej Mantra Video)

केतु बीज मंत्र की विधि और सावधानी (Ketu Beej MantraVIdhi Sawdhani)

सामग्री

  1. रुद्राक्ष माला की 108 मोतियों की
  2. सफ़ेद चन्दन
  3. अगरबत्ती और धुप दीपक पूजा करने के लिए
  4. ताम्बे के कलश में जल
  5. फूल, माला नारियल
  6. केतु की मूर्ति या फोटो

विधि

  1. शुद्धि: मंत्र के जाप करने से पहले शुद्धता का ध्यान करके की मंत्र को प्रारम्भ करे।
  2. स्थान: मंत्र जाप के लिए शांत और साफ़ सुथरी स्थान का चयन करे ,
  3. समय: केतु मंत्र का जाप आप किसी भी समय कर सकते हो प्रातः काल का समय शुभ माना जाता है।
  4. आसन: आप अपनी सहजता के अनुसार किसी में आसान में बैठकर अपनी सुविधा के अनुसार इस मंत्र का जाप कर सकते है।
  5. मंत्र जाप: मंत्र का जाप सही होना बहुत की आवश्यक होता है इसलिए इस मंत्र का जाप ध्यान लगाकर करे। इस मंत्र को अपनी सुविधा के अनुसार 7 ,11 , 21 , 108 बार कर सकते है इसके अलावा आप 40 दिनो तक भी के सकते है जिस के बाद आपको इसका फलअवश्य ही मिलता है।
  6. मेधावी भावना: मंत्र जाप के दौरान केतु ग्रह की शक्ति को महसूस करने का प्रयत्न करें और उनसे अच्छे फल की कामना करे।

सावधानियाँ

  1. मंत्र का जाप करने के समय मन का एकाग्र होना बहुत ही आवश्यक है। पूरा ध्यान हमें मंत्र पर ही लगाना चाहिये।
  2. आपको अपने गुरु से मंत्र को सही ढंग से करने की जानकारी अवश्य लेनी चाहिए
  3. इस मंत्र का जाप शुद्धतः को विशेष ध्यान देकर तथा किसी गलत कार्य के लिए इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।

केतु बीज मंत्र लाभ (Ketu Beej Mantra Benefit)

  1. केतु ग्रह के शांति: केतु बीज मंत्र का जाप ग्रह दोष को दूर करने के लिए किया जाता है इससे व्यक्ति को ग्रह से संबंधित समस्याओं में सुधार होता है।
  2. ज्ञान और बुद्धि का विकास: केतु को ज्ञान का केंद्र भी कहा जाता है, और इसलिए केतु मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की बुद्धि में सुधार हो ता है साथ में ही उसे आत्मज्ञान की प्राप्ति भी होती है।
  3. आत्मा के साथ संबंध: केतु को छाया ग्रह कहा जाता है जो हमारी आत्मा में छिपा हुआ रहता है। मंत्र की सहायता से व्यक्ति आत्मा के साथ अच्छा सम्बन्ध स्थापित कर सकता है।
  4. अन्य ग्रहों के साथ संतुलन: केतु के संतुलन का बिगड़ना अन्य ग्रहों के साथ संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। केतु मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को ग्रहों के संतुलन में सुधार होता है।
  5. दुर्भाग्य और दृष्टि दोष के निवारण: केतु बीज मंत्र का जाप करने से बुरी नजर तथा जीवन से दुर्भाग्य दूर हो जाते है।
  6. मानसिक स्पष्टता और शांति: केतु बीज मंत्र का जाप करने से मानसिक स्पष्टता और शांति में वृद्धि होती है।
  7. सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण: केतु बीज मंत्र का जाप करने से सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण में भी वृद्धि होती है।
  8. अवसरों का आकर्षण: केतु मंत्र का जाप करने से जीवन में नये -नये अवसरों में वृद्धि होती है।
  9. जीवन में सफलता: केतु मंत्र का जाप करने से हमें जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

केतु बीज मंत्र पीडीएफ (Ketu Beej Mantra PDF)

केतु बीज मंत्र से सबंधित कुछ प्रश्न (Ketu Beej Mantra FAQ)

केतु क्या है?

केतु एक नक्षत्र है जो हिन्दी ज्योतिष में उपयोग होता है और यह छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है। इसका आदान-प्रदान नवग्रहों में होता है।

केतु की भौतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेषताएँ क्या हैं?

केतु भौतिक दृष्टिकोण से एक छाया ग्रह है जो सूर्य और चंद्रमा के बीच राहु के साथ चलता है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, केतु को ज्ञान, मोक्ष, और अनुभव का केंद्रीय स्थान दिया जाता है।

केतु मंत्र का उच्चारण या जाप क्या फल प्रदान कर सकता है?

केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra) का जाप करते हैं ताकि उन्हें केतु ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सके और वे आत्मा के साथ संबंधित ऊँचाईयों तक पहुंच सकें।

केतु मंत्र का उच्चारण कब और कैसे करें?

केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra) का उच्चारण विशेष तिथि और समय के साथ ही उचित रूप से किया जाना आवश्यक है। यह अध्यात्मिक प्रगति और ग्रह शांति के लिए किया जाता है।

केतु बीज मंत्र क्या है?

केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra)केतु ग्रह को समर्पित एक मंत्र है जिसे एक छाया ग्रह के रूप में देखा जाता है। जिसका उपयोग केतु से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया है। केतु बीज मंत्र – ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः

केतु बीज मंत्र का जाप करने से कौन से नुकसान हो सकते हैं?

केतु बीज मंत्र (Ketu Beej Mantra) का जाप करने से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन यदि आप मंत्र का जाप करते समय किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों या भावनाओं को अपने मन में आने देते हैं, तो इससे आपको नुकसान हो सकता है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 10, 2024