माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini)

माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) हिंदू पौराणिक कथाओं में देवी दुर्गा का दूसरा अवतार है, जिसे नवरात्रि के नौ दिवसीय त्योहार के दौरान मनाया जाता है। वह भक्ति, तपस्या और आध्यात्मिक खोज के गुणों का प्रतीक है। दुर्गा के इस रूप को एक ध्यानमग्न और शांत देवी के रूप में दर्शाया गया है, जिसे अक्सर सफेद पोशाक पहने और माला और पानी का बर्तन पकड़े हुए दिखाया जाता है।

“ब्रह्मचारिणी” का अर्थ है ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली, जो ज्ञान और दिव्य ज्ञान की खोज के प्रति उसके समर्पण का प्रतीक है। भक्त अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर आंतरिक शक्ति, आत्म-नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए उनका आशीर्वाद चाहते हैं। माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा से अज्ञानता को दूर करने और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

विषय सूची

माँ ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Brahmacharini Ki Aarti)

ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ,
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माँ,
अपने भक्त जनो पे,
अपने भक्त जनों पे,
करती सदा ही दया
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

ॐ जय ब्रह्मचारिणी माँ
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माँ
अपने भक्तों जनो पे
अपने भक्तों जनो पे
करती सदा ही दया
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

दर्शन अनुपम मधुरम,
साद नारद रेहती,
मैया साद नारद रेहती,
शिव जी की आराधना,
शिव जी की आराधना,
मैया सदा करती,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

बाये हाथ कमंडल,
दाहिन में माला,
मैया दाहिन में माला,
रूप जो तिरीमय अद्भुत,
रूप जो तिरीमय अद्भुत,
सुख देने वाला,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

देव ऋषि मुनि साधु
गुण माँ के गाते,
सब गुण माँ के गाते,
शक्ति स्वरूपा मैया,
शक्ति स्वरूपा मैया,
सब तुझको ध्याते,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

सन जम तब वैराग्य,
प्राणी वो पाता,
मैया प्राणी वो पाता
ब्रह्मचारिणी माँ को,
ब्रह्मचारिणी माँ को,
जो निशिदिनी ध्याता,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

नव दुर्गो में मैया,
दूजा तुम्हारा स्वरूप,
मैया दूजा तुम्हारा स्वरूप,
श्वेत वस्त्र धारिणी माँ,
श्वेत वस्त्र धारिणी माँ,
ज्योतिर्मय तेरा रूप,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

दूजे नवरात्रे मैया,
जो तेरा व्रत धारे,
मैया जो तेरा व्रत धारे,
करके दया जग जननी,
करके दया जग जननी,
तू उसको तारे,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

शिव प्रिय शिवा ब्रम्हाणी,
हम पे दया करियो,
मैया हम पे दया करियो,
बालक है तेरे ही,
बालक है तेरे ही,
दया दृष्टि रखियो,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

शरण तिहारी आए,
ब्रम्हाणी माता,
हे ब्रम्हाणी माता,
करुणा हम पे दिखाओ,
करुणा हम पे दिखाओ,
शुभ फल की दाता,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

ब्रह्मचारिणी की आरती,
जो कोई गावे,
मैया जो कोई गावे,
कहत शिवानंद स्वामी,
कहत शिवानंद स्वामी,
मन वांछित फल पावे,
ओम जय ब्रह्मचारिणी माँ।

माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र (Maa Brahmacharini Mantra)

ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

माँ ब्रह्मचारिणी पूजा दिशा-निर्देश (Maa Brahmacharini Pooja Disha-Nirdesh)

नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में अनुष्ठान, प्रार्थना और भक्ति का संयोजन शामिल होता है। उनकी पूजा कैसे करें इस पर एक सामान्य दिशानिर्देश यहां दिया गया है:

स्वयं को शुद्ध करें:
पवित्रता के प्रतीक के रूप में स्नान करके और साफ और ताजे कपड़े पहनकर शुरुआत करें।

वेदी स्थापित करें:
अपने घर में एक पवित्र स्थान या वेदी बनाएं जहां आप मां ब्रह्मचारिणी की तस्वीर या मूर्ति रख सकें। आप उसकी एक तस्वीर का भी उपयोग कर सकते हैं।

वेदी सजाएँ:
वेदी को फूल, धूप और दीप से सजाएं। सफेद फूल और पोशाक पारंपरिक रूप से देवी के इस रूप से जुड़े हुए हैं।

प्रस्ताव:
देवी को भोग (पवित्र भोजन) के रूप में फल, मिठाई और अन्य शाकाहारी व्यंजन चढ़ाएं। आप साफ बर्तन में दूध या जल भी चढ़ा सकते हैं.

मंत्र का आह्वान करे :
उनकी उपस्थिति का आह्वान करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए ब्रह्मचारिणी मंत्र का जाप करें। मंत्र है:
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:। या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

प्रार्थना करे :
प्रार्थनाएँ करें और माँ ब्रह्मचारिणी के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करें। अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर उनका मार्गदर्शन लें और आंतरिक शक्ति और आत्म-नियंत्रण मांगें।

ध्यान करे :
मां ब्रह्मचारिणी के शांत और ध्यानपूर्ण स्वरूप पर ध्यान केंद्रित करते हुए कुछ समय ध्यान में बिताएं। उसके समर्पण और आध्यात्मिक अनुसरण के गुणों पर विचार करें।

आरती करे :
देवी के सामने आरती (जलता हुआ दीपक लहराने की एक रस्म) करके अपनी पूजा समाप्त करें। आरती के दौरान भक्ति गीत या मंत्र गाएं।

प्रसाद बांटें:
पूजा के बाद, माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) के आशीर्वाद के प्रतीक के रूप में अपने परिवार के सदस्यों और मेहमानों को प्रसाद (पवित्र भोजन) वितरित करें।

व्रत का पालन जारी रखें:
नवरात्रि के दौरान कई भक्त व्रत रखते हैं। यदि आप उपवास करना चुनते हैं, तो आत्म-अनुशासन बनाए रखें और दिन में केवल एक बार भोजन करें या विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर उपवास करें।

भक्ति और आत्मचिंतन:
पूरे दिन अपने कार्यों और विचारों में माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) के गुणों को अपनाते हुए भक्ति और संयम की भावना बनाए रखें।

मंदिरों के दर्शन करें:
यदि संभव हो तो, विशेष प्रार्थनाओं और उत्सवों में भाग लेने के लिए नवरात्रि के दौरान माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित नजदीकी मंदिर में जाएँ।

याद रखें कि पूजा एक गहरा व्यक्तिगत अनुभव है, और आपकी ईमानदारी और भक्ति सबसे अधिक मायने रखती है। नवरात्रि के दौरान माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) से जुड़े महत्व और प्रतीकवाद को ध्यान में रखते हुए पूजा को अपनी प्राथमिकताओं और क्षमताओं के अनुसार बनाएं।

माँ ब्रह्मचारिणी आरती वीडियो (Maa Brahmacharini Aarti Video)

माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) FAQ

मां ब्रह्मचारिणी कौन हैं ?

माँ ब्रह्मचारिणी हिंदू पौराणिक कथाओं में देवी दुर्गा का दूसरा रूप है, जिसे नवरात्रि के नौ दिवसीय त्योहार के दौरान मनाया जाता है।

“ब्रह्मचारिणी” नाम का क्या अर्थ है?

“ब्रह्मचारिणी” नाम दो शब्दों से बना है: “ब्रह्मा”, जो परमात्मा का प्रतीक है, और “चारिणी”, जिसका अर्थ है अभ्यास करने वाली। इसलिए, ब्रह्मचारिणी का अर्थ है “वह जो ब्रह्मचर्य का पालन करती है” या “वह जो परमात्मा के मार्ग का अनुसरण करती है।”

माँ ब्रह्मचारिणी का क्या महत्व है?

माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) ज्ञान और आध्यात्मिकता की खोज का प्रतीक है। उनका शांत और ध्यानपूर्ण रूप दैवीय कार्यों के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतिनिधित्व करता है। भक्त अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर आंतरिक शक्ति, आत्म-नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए उनका आशीर्वाद चाहते हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी को आमतौर पर कैसे चित्रित किया जाता है?

माँ ब्रह्मचारिणी को अक्सर सफेद पोशाक पहने एक देवी के रूप में चित्रित किया जाता है, जिसके एक हाथ में माला (जप माला) और दूसरे हाथ में पानी का बर्तन (कमंडल) होता है। उनकी शांत अभिव्यक्ति उनके ध्यानपूर्ण और केंद्रित स्वभाव को दर्शाती है।

माँ ब्रह्मचारिणी का मंत्र क्या है?

माँ ब्रह्मचारिणी का मंत्र है:
१. “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥”
(ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः)
२. ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:। या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

नवरात्रि में कैसे की जाती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा?

भक्त उनकी छवि या तस्वीर के साथ एक पवित्र स्थान या वेदी बनाते हैं, फूल, धूप और दीपक चढ़ाते हैं और उनके मंत्र का जाप करते हैं। वे उनसे आंतरिक शक्ति और आत्म-नियंत्रण के लिए आशीर्वाद मांगते हैं, उनके गुणों पर ध्यान करते हैं और आरती करते हैं। नवरात्रि के दौरान उपवास और भक्ति के कार्य भी आम हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से कौन से गुण विकसित हो सकते हैं?

माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा करके, भक्तों का लक्ष्य समर्पण, आत्म-नियंत्रण, भक्ति और ज्ञान और आध्यात्मिकता की केंद्रित खोज जैसे गुणों को विकसित करना है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा से व्यक्तियों को अज्ञानता पर काबू पाने और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है।

क्या माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से जुड़े कोई विशेष आहार प्रतिबंध हैं?

कई भक्त आत्म-अनुशासन और भक्ति के रूप में नवरात्रि के दौरान उपवास रखना चुनते हैं। उपवास के दौरान, वे आम तौर पर दिन में एक बार भोजन करते हैं या अपने आहार को फल, दूध और गैर-अनाज वस्तुओं जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों तक सीमित रखते हैं।

क्या गैर-हिन्दू माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा कर सकते हैं?

हां, हिंदू धर्म में मां ब्रह्मचारिणी या परमात्मा के किसी अन्य रूप की पूजा करने के लिए सभी पृष्ठभूमि के लोगों का स्वागत है। देवता के प्रतीकवाद और शिक्षाओं के प्रति भक्ति और सम्मान किसी की धार्मिक पृष्ठभूमि से अधिक महत्वपूर्ण है।

नवरात्रि में कब की जाती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा?

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है, जो आमतौर पर हिंदू चंद्र कैलेंडर के आधार पर सितंबर या अक्टूबर में आती है।


याद रखें कि माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा, किसी भी आध्यात्मिक अभ्यास की तरह, एक व्यक्तिगत और सार्थक यात्रा है, और ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न उनके और उनके महत्व के बारे में अधिक जानने में रुचि रखने वालों के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।


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माँ ब्रह्मचारिणी जी की आरती पीडीएफ (Maa Brahmacharini Ji Ki Aarti Pdf)

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

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Updated on May 11, 2024