श्री कृष्ण अमृतवाणी (Shri Krishna Amritwani) स्त्रोत भगवान श्री कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्त्रोत हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय है। इसमें स्त्रोत का जाप करने से अनेक लाभ प्राप्त होते है। अनुराधा पौडवाल जी ने शिव अमृतवाणी को अपने मधुर स्वर में प्रस्तुत किया है।
विषय सूची
श्री कृष्ण अमृतवाणी के बारे में (About Shri Krishna Amritwani)
गीतकार | अनुराधा पौडवाल जी |
एल्बम | श्री कृष्ण अमृतवाणी |
लिरिक्स | श्री शिवपूजन पटवा जी |
म्यूजिक लेबल | सेमारो भक्ति |
श्री कृष्ण अमृतवाणी (Shri Krishna Amritwani)
वंदउँ सतगुरु के चरण, जाको कृष्ण कृपा सो प्यार।
कृष्ण कृपा तन मन बसी, श्री कृष्ण कृपा आधार॥
कृष्ण कृपा सम बंधु नहीं, कृष्ण कृपा सम तात।
कृष्ण कृपा सम गुरु नहीं, कृष्ण कृपा सम मात॥
रे मन कृष्ण कृपामृत, बरस रहयो दिन रैन।
कृष्ण कृपा से विमुख तूं, कैसे पावे चैन॥
नित उठ कृष्ण-कृपामृत, पाठ करे मन लाय।
भक्ति ज्ञान वैराग्य संग, कृष्ण कृपा मिल जाय ॥
आसा कृष्ण कृपा की राख।
योनी कटे चौरासी लाख॥
कृष्ण-कृपा जीवन का सार।
करे तुरंत भव सागर पार॥
कृष्ण-कृपा जीवन का मूल।
खिले सदा भक्ति के फूल॥
कृष्ण-कृपा के बलि बलि जाऊँ।
कृष्ण-कृपा में सब सुख पाऊँ॥
कृष्ण-कृपा सत-चित आनंद।
प्रेम भक्ति की मिले सुगंध॥
कृष्ण-कृपा बिन शांति न पावे।
जीवन धन्य कृपा मिल जावे॥
सिमरो कृपा कृपा ही ध्याओ।
गाए-गाए श्री कृष्ण रिझाओ॥
असमय होय नही कोई हानि।
कृष्ण कृपा जो पावे प्राणी॥
वाणी का संयम बने,
जग अपना हो जाए।
तीन काल चहुँ दिशि में,
कृष्ण ही कृष्ण ही लखाय॥
कृष्ण-कृपा का कर गुण गान।
कृष्ण-कृपा है सबसे महान।।
सोवत जागत बिसरे नाहीं।
कृष्ण-कृपा राखो उर माहि
कृष्ण-कृपा मेटे भव भीत।
कृष्ण-कृपा से मन को जीत॥
आपद दूर-दूर ते भागे।
कृष्ण-कृपा कह नित जो जागे॥
सोवे कृष्ण-कृपा ही कह कर।
ले आनंद मोद हिय भरकर॥
खोटे स्वप्न तहाँ कोउ नाहिँ।
कृष्ण-कृपा रक्षक निसि माहिँ॥
खावे कृष्ण-कृपा मुख बोल।
कृष्ण-कृपा का जग में डोल ॥
कृष्ण-कृपा कह पीवे पानी।
परम सुधा सम होवे वानी॥
कृष्ण-कृपा को चाहकर,
भजन करो निस काम।
प्रेम मिले आनंद मिले,
होवे पूरण काम॥
कृष्ण-कृपा सब काम संवारे।
चिंताओं का भार उतारे॥
ईर्ष्या लोभ मोह-हंकार।
कृष्ण-कृपा से हो निस्तार॥
कृष्ण-कृपा शशि किरण समान ।
शीतल होय बुद्धि मन प्राण॥
कोटि जन्म की प्यास बुझावे।
कृष्ण-कृपा की बूंद जो पावे ॥
कृष्ण-कृपा की लो पतवार ।
झट हो जाओ भव से पार॥
कृष्ण-कृपा के रहो सहारे ।
जीवन नैया लगे किनारे ॥
कृष्ण-कृपा मेरे मन भावे ।
कृष्ण-कृपा सुख सम्मति लावे ॥
कृष्ण-कृपा की देखी रीत ।
बढ़े नित्य कान्हा संग प्रीत॥
कृष्ण-कृपा के आसरे,
भक्त रहे जो कोय।
वृद्धि होये धन-धान्य की,
घर में मंगल होये॥
कृष्ण-कृपा जग मंगल करनी।
कृष्ण कृपा ते पावन धरनी॥
तीन लोक में करे प्रकाशा।
कृष्ण-कृपा कह लेय उसासा ॥
कृष्ण-कृपा जग पावनी गंगा ।
कोटि -पाप करती क्षण भंगा॥
कृष्ण-कृपा अमृत की धार।
पीवत परमानन्द अपार॥
कृष्ण कृपा के रंगत प्यारी।
चढ़े प्रेम-आनंद खुमारी॥
उतरे नही उतारे कोय।
कृष्ण-कृपा संग गहरी होय॥
मीरा,गणिका,सदन कसाई।
कृष्ण-कृपा ते मुक्ति पाई ॥
व्याध,अजामिल ,गीध,अजान।
कृष्ण-कृपा ते भये महान ॥
भ्रमित जीव को चाहिये,
कृष्ण-कृपा को पाय ।
निश्चित हो जीवन सुखी,
सब संशय मिट जाय॥
कृष्ण-कृपा अविचल सुख धाम ।
कैसा मधुर मनोहर नाम॥
श्याम-श्याम निरंतर गावे ।
कृष्ण-कृपा सहजहिं मिल जावे ॥
ध्यावे कृष्ण-कृपा लौ लाय ।
सुरति दशम द्वार चढ़ि जाय॥
दिखे श्वेत -श्याम प्रकाश ।
पूरण होय जीव की आस॥
नाश होय अज्ञान अँधेरा।
कृष्ण-कृपा का होय सवेरा ॥
फेरा जन्म -मरण का छुटे ।
कृष्ण-कृपा का आनंद लूटे ॥
कृष्ण-कृपा ही हैं दुःख भंजन ।
कृष्ण-कृपा काटे भाव -बंधन ॥
कृष्ण-कृपा सब साधन का फल ।
कृष्ण-कृपा हैं निर्बल का बल ॥
तीन लोक तिहुँ काल में ,
वैरी रहे ना कोय।
कृष्ण-कृपा हिय धारि के ,
कृष्ण भरोसे होय॥
कृष्ण-कृपा ते मिटे दुरासा ।
राखो कृष्ण-कृपा की आसा ॥
कृष्ण-कृपा ते रोग नसावें ।
दुःख दारिद्र कभी पास न आवें॥
कृष्ण-कृपा मेटे अज्ञान ।
आत्म-स्वरूप का होवे भान ॥
कृष्ण-कृपा ते भक्ति पावे ।
मुक्ति सदा दास बन जावे॥
कृष्ण नाम हैं खेवन हार।
कृष्ण-कृपा से हो भव पार ॥
कृष्ण-कृपा ही नैया तेरी ।
पार लगे पल में भवबेरी ॥
कृष्ण-कृपा ही सच्चा मीत।
कृष्ण-कृपा ते ले जग जीत ॥
माता-पिता,गुरु,बन्धु जान।
कृष्ण-कृपा ते नाता मान ॥
काल आये पर मीत ना,
सुत दारा अरु मित्र।
सदा सहाय श्री कृष्ण-कृपा ,
मन्त्र हैं परम् पवित्र॥
कृष्ण-कृपा बरसे घन-वारी ।
भक्ति प्रेम की सरसे क्यारी॥
कृष्ण-कृपा सब दुःख नसावन ।
होवे तन-मन –जीवन पावन॥
कृष्ण-कृपा आत्म की भूख ।
विषय वासना जावे सूख॥
कृष्ण-कृपा ते चिंता नाहीं ।
कृष्ण-कृपा ही सच्चा साईं ॥
कृष्ण-कृपा दे सत् विश्राम ।
बोलो कृष्ण-कृपा निशि याम ॥
कृष्ण-कृपा बिन जीवन व्यर्थ ।
कृष्ण-कृपा ते मिटें अनर्थ॥
होये अनर्थ ना जीव का,
कृष्ण-कृपा जो पास ।
राखो हर पल हृदय में,
कृष्ण-कृपा की आस॥
कृष्ण-कृपा करो, कृष्ण-कृपा करो ।
कृष्ण-कृपा करो, कृष्ण-कृपा करो ॥
राधे-कृपा करो, राधे-कृपा करो ।
राधे-कृपा करो, राधे-कृपा करो ॥
सद्गुरु-कृपा करो, सद्गुरु-कृपा करो ।
सद्गुरु-कृपा करो, सद्गुरु-कृपा करो ॥
मो-पे कृपा करो, मो-पे कृपा करो ।
मो-पे कृपा करो, सब-पे कृपा करो ॥
श्री कृष्ण कृपा जीवन मेरा श्री कृष्ण कृपा मम प्राण
श्री कृष्ण कृपा करो सब विधि हो कल्याण
श्री कृष्ण कृपा विश्वास मम
श्री कृष्ण कृपा ही प्यास
रहे हरपल हर क्षण मुझे श्री कृष्ण कृपा की आस
राधा मम बाधा हरो श्री कृष्ण करो कल्याण
युगल छवि वंदन करो
जय जय राधे श्याम
वृन्दावन सो वन नही नन्द गांव सो गांव
वंशीवट सो वट नही श्री कृष्ण नाम सो नाम
सब द्वारन को छोड़ के में आया तेरे द्वार
श्री वृषभानु की लाडली जरा मेरी ओर निहार
राधे मेरी स्वामिनी मै राधे जी को दास
जन्म जन्म मोहे दीजियो श्री वृन्दावन को वास
धन वृन्दावन नाम है,धन वृदावन धाम
धन वृन्दावन रसिक जन ,सुमरे श्यामा श्याम
वृन्दावन सो वन नही, नन्द गाव सौ गाव
वंशी वट सो वट नही ,श्री कृष्ण नाम सो नाम
सब दारन कू छाड़ी, मै आयो तेरे दावर
श्री विश्भानु की लाडली जरा मेरी ओर निहार
राधे मेरी मात है ,पिता मेरे घनश्याम
इन दोनों के चरणों मै, मेरा कोटि कोटिप्रणाम
इन दोनों के चरणों मे मेरा बार बार प्रणाम …
श्री कृष्ण अमृतवाणी अंग्रेजी में (Shri Krishna Amritwani In English)
Vandun Sataguru Ke Charan, Jaako Krishn Kripa So Pyaar
Krishn Kripa Tan Man Basi, Shri Krishn Kripa Aadhaar..
Krishn Kripa Sam Bandhu Nahi, Krishn Kripa Sam Taat
Krishn Kripa Sam Guru Nahi, Krishn Kripa Sam Maat..
Re Man Krishn Kripaamarat, Baras Rahayo Din Rain
Krishn Kripa Se Vimukh Toon, Kaise Paave Chain..
Nit Uth Krishnakripaamarat, Paath Kare Man Laay
Bhakti Gyaan Vairaagy Sang, Krishn Kripa Mil Jaay ..
Aasa Krishn Kripa Ki Raakh
Yoni Kate Chauraasi Laakh..
Krishnakripa Jeevan Ka Saar
Kare Turant Bhav Saagar Paar..
Krishnakripa Jeevan Ka Mool
Khile Sada Bhakti Ke Phool..
Krishnakripa Ke Bali Bali Jaaoon
Krishnakripa Me Sab Sukh Paaoon..
Krishnakripa Satchit Aanand
Prem Bhakti Ki Mile Sugandh..
Krishnakripa Bin Shaanti N Paave
Jeevan Dhany Kripa Mil Jaave..
Simaro Kripa Kripa Hi Dhayaao
Gaaegaae Shri Krishn Rijhaao..
Asamay Hoy Nahi Koi Haani
Krishn Kripa Jo Paave Praani..
Vaani Ka Sanyam Bane,
Jag Apana Ho Jaae
Teen Kaal Chahun Dishi Me,
Krishn Hi Krishn Hi Lkhaay..
Krishnakripa Ka Kar Gun Gaan
Krishnakripa Hai Sabase Mahaan
Sovat Jaagat Bisare Naaheen
Krishnakripa Raakho Ur Maahi
Krishnakripa Mete Bhav Bheet
Krishnakripa Se Man Ko Jeet..
Aapad Dooradoor Te Bhaage
Krishnakripa Kah Nit Jo Jaage..
Sove Krishnakripa Hi Kah Kar
Le Aanand Mod Hiy Bharakar..
Khote Svapn Tahaan Kou Naahin
Krishnakripa Rakshk Nisi Maahin..
Khaave Krishnakripa Mukh Bol
Krishnakripa Ka Jag Me Dol ..
Krishnakripa Kah Peeve Paanee
Param Sudha Sam Hove Vaani..
Krishnakripa Ko Chaahakar,
Bhajan Karo Nis Kaam
Prem Mile Aanand Mile,
Hove Pooran Kaam..
Krishnakripa Sab Kaam Sanvaare
Chintaaon Ka Bhaar Utaare..
Eershya Lobh Mohahankaar
Krishnakripa Se Ho Nistaar..
Krishnakripa Shshi Kiran Samaan
Sheetal Hoy Buddhi Man Praan..
Koti Janm Ki Pyaas Bujhaave
Krishnakripa Ki Boond Jo Paave ..
Krishnakripa Ki Lo Patavaar
Jhat Ho Jaao Bhav Se Paar..
Krishnakripa Ke Raho Sahaare
Jeevan Naiya Lage Kinaare ..
Krishnakripa Mere Man Bhaave
Krishnakripa Sukh Sammati Laave ..
Krishnakripa Ki Dekhi Reet
Badahe Nity Kaanha Sang Preet..
Krishnakripa Ke Aasare,
Bhakt Rahe Jo Koy
Vriddhi Hoye Dhandhaany Ki,
Ghar Me Mangal Hoye..
Krishnakripa Jag Mangal Karanee
Krishn Kripa Te Paavan Dharani..
Teen Lok Me Kare Prakaashaa
Krishnakripa Kah Ley Usaasa ..
Krishnakripa Jag Paavani Gangaa
Koti Paap Karati Kshn Bhangaa..
Krishnakripa Amarat Ki Dhaar
Peevat Paramaanand Apaar..
Krishn Kripa Ke Rangat Pyaaree
Chadahe Premaanand Khumaari..
Utare Nahi Utaare Koy
Krishnakripa Sang Gahari Hoy..
Meera,Ganika,Sadan Kasaaee
Krishnakripa Te Mukti Paai ..
Vyaadh,Ajaamil ,Geedh,Ajaan
Krishnakripa Te Bhaye Mahaan ..
Bhramit Jeev Ko Chaahiye,
Krishnakripa Ko Paay
Nishchit Ho Jeevan Sukhi,
Sab Sanshay Mit Jaay..
Krishnakripa Avichal Sukh Dhaam
Kaisa Mdhur Manohar Naam..
Shyaamashyaam Nirantar Gaave
Krishnakripa Sahajahin Mil Jaave ..
Dhayaave Krishnakripa Lau Laay
Surati Dsham Dvaar Chadahi Jaay..
Dikhe Shvet Shyaam Prakaash
Pooran Hoy Jeev Ki Aas..
Naash Hoy Agyaan Andheraa
Krishnakripa Ka Hoy Savera ..
Phera Janm Maran Ka Chhute
Krishnakripa Ka Aanand Loote ..
Krishnakripa Hi Hain Duhkh Bhanjan
Krishnakripa Kaate Bhaav Bandhan ..
Krishnakripa Sab Saadhan Ka Phal
Krishnakripa Hain Nirbal Ka Bal ..
Teen Lok Tihun Kaal Me ,
Vairi Rahe Na Koy
Krishnakripa Hiy Dhaari Ke ,
Krishn Bharose Hoy..
Krishnakripa Te Mite Duraasaa
Raakho Krishnakripa Ki Aasa ..
Krishnakripa Te Rog Nasaaven
Duhkh Daaridr Kbhi Paas N Aaven..
Krishnakripa Mete Agyaan
Aatmasvaroop Ka Hove Bhaan ..
Krishnakripa Te Bhakti Paave
Mukti Sada Daas Ban Jaave..
Krishn Naam Hain Khevan Haar
Krishnakripa Se Ho Bhav Paar ..
Krishnakripa Hi Naiya Teree
Paar Lage Pal Me Bhavaberi ..
Krishnakripa Hi Sachcha Meet
Krishnakripa Te Le Jag Jeet ..
Maataapita,Guru,Bandhu Jaan
Krishnakripa Te Naata Maan ..
Kaal Aaye Par Meet Na,
Sut Daara Aru Mitr
Sada Sahaay Shri Krishnakripa ,
Mantr Hain Param Pavitr..
Krishnakripa Barase Ghanavaaree
Bhakti Prem Ki Sarase Kyaari..
Krishnakripa Sab Duhkh Nasaavan
Hove Tanaman Jeevan Paavan..
Krishnakripa Aatm Ki Bhookh
Vishay Vaasana Jaave Sookh..
Krishnakripa Te Chinta Naaheen
Krishnakripa Hi Sachcha Saaeen ..
Krishnakripa De Sat Vishram
Bolo Krishnakripa Nishi Yaam ..
Krishnakripa Bin Jeevan Vyarth
Krishnakripa Te Miten Anarth..
Hoye Anarth Na Jeev Ka,
Krishnakripa Jo Paas
Raakho Har Pal Haraday Me,
Krishnakripa Ki Aas..
Krishnakripa Karo, Krishnakripa Karo
Krishnakripa Karo, Krishnakripa Karo ..
Radhekripa Karo, Radhekripa Karo
Radhekripa Karo, Radhekripa Karo ..
Sadgurukripa Karo, Sadgurukripa Karo
Sadgurukripa Karo, Sadgurukripa Karo ..
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Mope Kripa Karo, Sabape Kripa Karo ..
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