पितृ पक्ष की पूजा करने से पहले, शुद्धि करें और स्नान करें। इससे आपका शरीर और मन पवित्र होता है, जिससे पूजा का फल अधिक होता है।
पितृ पक्ष की पूजा के लिए एक अग्नि कुण्ड बनाएं और उसमें आग दान करें। यह आग पितरों को प्रसन्न करने में मदद करती है।
पितृ पक्ष की पूजा करते समय, श्रद्धा और भक्ति से काम करें। यह पूजा पितरों के प्रति आपकी विशेष स्नेह और समर्पण का प्रतीक होना चाहिए।
पितृ पक्ष की पूजा में धूप, दीप, पुष्प, फल, और अन्य पूजा सामग्री का उपयोग करें। इसके लिए पूजा सामग्री को अच्छे से तैयार रखें।
पितृ पक्ष की पूजा में विशेष मन्त्रों का जप करें, जैसे कि "ओम् नमः शिवायै श्री पितृभ्यो नमः" और "ओम् आकाशेऽदित्यवर्णे त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्मासि" आदि।
पितृ पक्ष में दान करने का विशेष महत्व होता है। यह दान पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है, इसलिए यह मान्यता है कि दान करने से आपके पितरों को आशीर्वाद मिलते हैं।
पितृ पक्ष की पूजा का सही समय पर करना महत्वपूर्ण है। यह पक्ष श्राद्ध और तिथि आधारित होता है, इसलिए पूजा का समय सही रूप से चुनना चाहिए।