कार्तिक मास की अमवस्या के दिन दीवाली का त्योहार मनाया जाता है इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है इस साल १२ नवंबर को दिवाली मनाया जायेगा |
दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा होती है भगवान विष्णु की नहीं क्योंकि चातुर्मास चलने के कारण भगवान विष्णु निंद्रा अवस्था में होते है |
दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा की जाती है क्योकिं गणेश जी बुद्धि के देवता है माँ लक्ष्मी धन सम्पति की इसलिए एक साथ पूजा करके दोनों की आराधना की जाती है |
दुर्वासा ऋषि के श्राप से जब माँ लक्ष्मी धरती पर आ गयी थी तब विष्णु ने माता को बुलाने के लिए समुद्र मंथन कराया कार्तिक अमावस्या के दिन माँ लक्ष्मी बाहर आयी इसलिए इस दिन माँ लक्क्ष्मी की पूजा होती है
कार्तिक अमावस्या के दिन ही प्रभु श्रीराम रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे उनके आने की ख़ुशी में पुरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था इसलिए दिवाली को रौशनी का त्योहार भी कहा जाता है
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