भाई दूज का पर्व भाई और बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है।

भाई दूज का पर्व भाई और बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण दिया यमराज जी प्रसन्नता के साथ अपनी बहन के घर गए |

पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण दिया यमराज जी प्रसन्नता के साथ अपनी बहन के घर गए |

यमुना अपने भाई यमराज को देखकर प्रसन्न हो गयी यमुना ने अपने भाई का पूजन किया उसके पश्चात स्वादिस्ट भोजन कराया यह सब देखकर यम देवता प्रसन्न हो गए और अपनी बहन को वरदान दिया |

यमुना अपने भाई यमराज को देखकर प्रसन्न हो गयी यमुना ने अपने भाई का पूजन किया उसके पश्चात स्वादिस्ट भोजन कराया यह सब देखकर यम देवता प्रसन्न हो गए और अपनी बहन को वरदान दिया |

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को जो भी जो भी बहन अपने भाई को घर बुलाकर माथे तिलक लगाकर उसे भोजन कराएगी तो उसे यम देवता आशीर्वाद प्राप्त होगा और आयु में वृद्धी होगी  |

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को जो भी जो भी बहन अपने भाई को घर बुलाकर माथे तिलक लगाकर उसे भोजन कराएगी तो उसे यम देवता आशीर्वाद प्राप्त होगा और आयु में वृद्धी होगी  |

इस दिन यम देवता व उनकी बहन यमुना की भी पूजा की जाती है बहन अपने भाई के लम्बी आयु के लिए पूजा करते है,भाई दूज की शुरुवात यमुना ने अपने भाई यम को बुलाकर की थी |

इस दिन यम देवता व उनकी बहन यमुना की भी पूजा की जाती है बहन अपने भाई के लम्बी आयु के लिए पूजा करते है,भाई दूज की शुरुवात यमुना ने अपने भाई यम को बुलाकर की थी |

इस वेबस्टोरी  में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है

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