आदी लक्ष्मी - यह स्वरुप माता लक्ष्मी का मुख्य रूप है इन्हे ही महालक्ष्मी कहा जाता है इनका विवाह नारायण भगवान से हुआ था |आदी लक्ष्मी  ने ब्रम्हा विष्णु महेश तीनो भगवान को उत्पन्न किया था|

आदी लक्ष्मी - यह स्वरुप माता लक्ष्मी का मुख्य रूप है इन्हे ही महालक्ष्मी कहा जाता है इनका विवाह नारायण भगवान से हुआ था |आदी लक्ष्मी  ने ब्रम्हा विष्णु महेश तीनो भगवान को उत्पन्न किया था|

धन लक्ष्मी - धन लक्ष्मी धन सम्पदा की देवी होती है,ये माता लक्ष्मी की दूसरा स्वरुप है इनके एक हाथ में कलश तथा दूसरे हाथ में कमल का फूल होता है इनकी पूजा करने से धन में वृद्धि होती है | 

धन लक्ष्मी - धन लक्ष्मी धन सम्पदा की देवी होती है,ये माता लक्ष्मी की दूसरा स्वरुप है इनके एक हाथ में कलश तथा दूसरे हाथ में कमल का फूल होता है इनकी पूजा करने से धन में वृद्धि होती है | 

धान्य लक्ष्मी - यह माँ लक्ष्मी का तीसरा स्वरुप है इसे माँ अन्नपूर्णा का अवतार माना जाता है जो की खाद्यान्न की देवी होती  है माँ धान्य लक्ष्मी की पूजा करने से अन्न की कमी नहीं होती है | 

धान्य लक्ष्मी - यह माँ लक्ष्मी का तीसरा स्वरुप है इसे माँ अन्नपूर्णा का अवतार माना जाता है जो की खाद्यान्न की देवी होती  है माँ धान्य लक्ष्मी की पूजा करने से अन्न की कमी नहीं होती है | 

ग़ज लक्ष्मी - गज लक्ष्मी माँ लक्ष्मी का चौथा रूप है गज से हमें पता चलता है की माँ लक्ष्मी हाथी पर विराजमान होती है ,इन्हे किसानो की देवी भी कहा जाता है |

ग़ज लक्ष्मी - गज लक्ष्मी माँ लक्ष्मी का चौथा रूप है गज से हमें पता चलता है की माँ लक्ष्मी हाथी पर विराजमान होती है ,इन्हे किसानो की देवी भी कहा जाता है |

संतान लक्ष्मी - संतान लक्ष्मी माता का पाँचवा रूप है यह स्कंदमाता माता के सामान होती है इनकी गोदी में एक बच्चा बैठा होता है इन्हे संतान की देवी कहा जाता है| 

संतान लक्ष्मी - संतान लक्ष्मी माता का पाँचवा रूप है यह स्कंदमाता माता के सामान होती है इनकी गोदी में एक बच्चा बैठा होता है इन्हे संतान की देवी कहा जाता है| 

वीरा लक्ष्मी - यह माता लक्ष्मी का छठवां रूप है वीरा से तात्पर्य वीरता से है ,अर्थात माता वीरता का प्रतीक है, इनकी सभी भुजाये अस्त्र धारण किये हुए रहते है |  |

वीरा लक्ष्मी - यह माता लक्ष्मी का छठवां रूप है वीरा से तात्पर्य वीरता से है ,अर्थात माता वीरता का प्रतीक है, इनकी सभी भुजाये अस्त्र धारण किये हुए रहते है |  |

विजया लक्ष्मी - विजया लक्ष्मी  माता का सातवां रूप है इनकी पूजा आराधना करने से हमें सभी ओर से विजय प्राप्त होती है कोर्ट कचहरी के मामले से छुटकारा मिलता है तथा शत्रुओ की हार होती है,| |

विजया लक्ष्मी - विजया लक्ष्मी  माता का सातवां रूप है इनकी पूजा आराधना करने से हमें सभी ओर से विजय प्राप्त होती है कोर्ट कचहरी के मामले से छुटकारा मिलता है तथा शत्रुओ की हार होती है,| |

विद्या लक्ष्मी - विद्या लक्ष्मी माता का आठवां रूप है विद्या लकमी अर्थात माता विद्या की देवी है यह ब्रह्मचारिणी माता का स्वरुप है ,विद्यार्थियों को माँ विद्या लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए| 

विद्या लक्ष्मी - विद्या लक्ष्मी माता का आठवां रूप है विद्या लकमी अर्थात माता विद्या की देवी है यह ब्रह्मचारिणी माता का स्वरुप है ,विद्यार्थियों को माँ विद्या लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए| 

इस वेबस्टोरी  में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है

इस वेबस्टोरी  में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है