एक बार यमराज मुनि का रूप धारण करके अयोध्या आए ,वे श्रीराम से अकेले में  बातचीत करना चाहते थे,श्रीराम  ने मुनि को वचन दिया कोई बीच में आएगा तो उसे मृत्युदंड मिलेगा |

एक बार यमराज मुनि का रूप धारण करके अयोध्या आए ,वे श्रीराम से अकेले में  बातचीत करना चाहते थे,श्रीराम  ने मुनि को वचन दिया कोई बीच में आएगा तो उसे मृत्युदंड मिलेगा |

श्रीराम ने अपने भाई को लक्ष्मण को द्वारपाल बनाकर बोले अगर हमारे बातचीत के दैरान कोई अंदर आ गया तोह उसे मृत्युदंड मिलेगा इतना कहकर वे मुनि के पास चले गए |

श्रीराम ने अपने भाई को लक्ष्मण को द्वारपाल बनाकर बोले अगर हमारे बातचीत के दैरान कोई अंदर आ गया तोह उसे मृत्युदंड मिलेगा इतना कहकर वे मुनि के पास चले गए |

इसी समय श्री राम से मिलने  दुर्वासा ऋषि आय वे प्रभु राम से मिलना चाहते थे ,लक्ष्मण ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा यह बात सुनकर ऋषि को गुस्सा आ गया |

इसी समय श्री राम से मिलने  दुर्वासा ऋषि आय वे प्रभु राम से मिलना चाहते थे ,लक्ष्मण ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा यह बात सुनकर ऋषि को गुस्सा आ गया |

दुर्वासा ऋषि क्रोध से पुरे अयोध्या को भष्म करने की बात कह दी ,यह सुनकर लक्ष्मण अपनी प्राण की चिंता न करते हुए अंदर चले गए |

दुर्वासा ऋषि क्रोध से पुरे अयोध्या को भष्म करने की बात कह दी ,यह सुनकर लक्ष्मण अपनी प्राण की चिंता न करते हुए अंदर चले गए |

लक्ष्मण ने दुर्वासा ऋषि की आने की सुचना राम को दी ,लेकिन श्रीराम को अपने वचन अनुसार बातचीत के बीच में लक्ष्मण के पहुंचने के कारण उनको मृत्युदंड देना पड़ा |

लक्ष्मण ने दुर्वासा ऋषि की आने की सुचना राम को दी ,लेकिन श्रीराम को अपने वचन अनुसार बातचीत के बीच में लक्ष्मण के पहुंचने के कारण उनको मृत्युदंड देना पड़ा |

इस वेब स्टोरी में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी कीपुष्टिनहीं करता है

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