हनुमान जी माता सीता की तलाश में विभीषण के महल पहुंचे और वहाँ उन्होंने भगवान श्री राम के चिन्ह अंकित को देखा वे प्रसन्न हो गए और हनुमान जी ने विभीषण को भगवान राम से मिलाने का वचन दिया।

हनुमान जी माता सीता की तलाश में विभीषण के महल पहुंचे और वहाँ उन्होंने भगवान श्री राम के चिन्ह अंकित को देखा वे प्रसन्न हो गए और हनुमान जी ने विभीषण को भगवान राम से मिलाने का वचन दिया।

सीत माता से मिलने के बाद उन्होंने अशोकवाटिका के फलो को खाया फिर उन्होंने अशोकवाटिका को तहस नहस कर दिया।

सीत माता से मिलने के बाद उन्होंने अशोकवाटिका के फलो को खाया फिर उन्होंने अशोकवाटिका को तहस नहस कर दिया।

हनुमान जी जब समुद्र पार करके लंका जा रहे थे तब समुद्र में रह रही सुरसा नामक राक्षसी का वध किया और लंका की ओर आगे बढे।

हनुमान जी जब समुद्र पार करके लंका जा रहे थे तब समुद्र में रह रही सुरसा नामक राक्षसी का वध किया और लंका की ओर आगे बढे।

हनुमान जी लंका में प्रवेश करते ही माता सीता को ढूंढ़ने लगे अशोकवाटिका में माँ सीता को देख कर अपनी पहचान के लिए राम द्वारा दी गयी अंगूठी को दिया।

हनुमान जी लंका में प्रवेश करते ही माता सीता को ढूंढ़ने लगे अशोकवाटिका में माँ सीता को देख कर अपनी पहचान के लिए राम द्वारा दी गयी अंगूठी को दिया।

हनुमान के द्वारा प्रभु  श्रीराम की शक्तियों का बखान सुनकर रावण ने उनकी पूंछ जला दी बदले में उसी जलते हुए पूंछ से हनुमान ने पूरे लंका को जला दिया |

हनुमान के द्वारा प्रभु  श्रीराम की शक्तियों का बखान सुनकर रावण ने उनकी पूंछ जला दी बदले में उसी जलते हुए पूंछ से हनुमान ने पूरे लंका को जला दिया |

इस वेबस्टोरी  में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है

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