दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है, इसे बुराई पर अच्छाई का प्रतिक मान कर रावण का दहन किया जाता है |

दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है, इसे बुराई पर अच्छाई का प्रतिक मान कर रावण का दहन किया जाता है |

भगवान शिव की तपस्या के दौरान रावण के अपने  ९ सर भगवान शिव को अर्पित करने के बाद भगवान शिव रावण से प्रसन्न हो गए ,इसलिए रावण को दशानन कहा जाता है |

भगवान शिव की तपस्या के दौरान रावण के अपने  ९ सर भगवान शिव को अर्पित करने के बाद भगवान शिव रावण से प्रसन्न हो गए ,इसलिए रावण को दशानन कहा जाता है |

रावण के १० सिरों के मायने ये  है - काम, क्रोध ,लोभ ,मोह, गौरव, ईर्ष्या ,मन, ज्ञान चित्त ,अहंकार इन नामो से जाना जाता है |  

रावण के १० सिरों के मायने ये  है - काम, क्रोध ,लोभ ,मोह, गौरव, ईर्ष्या ,मन, ज्ञान चित्त ,अहंकार इन नामो से जाना जाता है |  

रावण अपने गले में ९ मणियों की माला धारण किये हुए थे,जिसके लोग कारण लोग भ्रमित होकर रावण को १० सिर वाला कहते थे

रावण अपने गले में ९ मणियों की माला धारण किये हुए थे,जिसके लोग कारण लोग भ्रमित होकर रावण को १० सिर वाला कहते थे

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के दशमी तिथि को रावण का वध हुआ था ,इसलिए आज भी दशमी तिथि को रावण दहन के रूप में दसहरा मनाया जाता है |

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के दशमी तिथि को रावण का वध हुआ था ,इसलिए आज भी दशमी तिथि को रावण दहन के रूप में दसहरा मनाया जाता है |

इस वेब स्टोरी में  लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी कीपुष्टिनहीं करता है

इस वेब स्टोरी में  लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.in किसी भी जानकारी कीपुष्टिनहीं करता है