माँ कुष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन की देवी हैं। इनका स्वरूप अत्यंत सुंदर और शक्तिशाली है।माँ कुष्मांडा को कुष्मांडा, महात्रिपुरसुंदरी, आदि नामों से भी जाना जाता है।

माँ कुष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन की देवी हैं। इनका स्वरूप अत्यंत सुंदर और शक्तिशाली है।माँ कुष्मांडा को कुष्मांडा, महात्रिपुरसुंदरी, आदि नामों से भी जाना जाता है।

ऐसा माना जाता है की माँ कुष्मांडा की हंसी से ही इस ब्रम्हांड की उत्पत्ति हुई है।

ऐसा माना जाता है की माँ कुष्मांडा की हंसी से ही इस ब्रम्हांड की उत्पत्ति हुई है।  

माँ कुष्मांडा की पूजा से सभी रोग और दुख मिट जाते है और यश, स्वास्थ्य और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।

माँ कुष्मांडा की पूजा से सभी रोग और दुख मिट जाते है और यश, स्वास्थ्य और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।  

कुम्हड़े की बलि देने से माँ कुष्मांडा प्रसन्न होती है एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।  

कुम्हड़े की बलि देने से माँ कुष्मांडा प्रसन्न होती है एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।   

माँ कुष्मांडा की पूजा से कुंडली में राहु-केतु के दोषों का निवारण होता है

माँ कुष्मांडा की पूजा से कुंडली में राहु-केतु के दोषों का निवारण होता है