Narsingh Bhagwan Ki Aarti( नरसिंह भगवान की आरती)

धार्मिक ग्रंथो के अनुसर नरसिंह जी विष्णु के चौथे अवतार माने जाते हैं, Narsingh Bhagwan Ki Aarti का गायन परम हितकारी और सन्मार्ग पर ले जाने वाला होता है।भगवान नरसिंह की जयंती वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है।

Narsingh Bhagwan Ki Aarti का वीडियो

श्री नरसिंह भगवान् की आरती लिरिक्स हिंदी में (Shree Narsingh Bhagwan Ki Aarti lyrics in Hindi)

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की ।
वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥

पहली आरती प्रह्लाद उबारे ।
हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥

दुसरी आरती वामन सेवा ।
बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥

तीसरी आरती ब्रह्म पधारे ।
सहसबाहु के भुजा उखारे ॥

चौथी आरती असुर संहारे ।
भक्त विभीषण लंक पधारे ॥

पाँचवीं आरती कंस पछारे ।
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले ॥

तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा ।
हरषि-निरखि गावे दास कबीरा ॥

Narsingh bhagwan ki photo

श्री नरसिंह भगवान् की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Shree Narsingh Bhagwan Ki Aarti lyrics in English)

Aarti kijai Narsingh kunvar ki .
Ved vimal yash gaaun mere prabhuji ॥

Pahali aarti prahlaad ubaare .
Hiraṇaakush nakh udar vidaare ॥

Dusari aarti vaaman sevaa .
Bal ke dvaare padhaare hari devaa ॥

Tisari aarti brahm padhaare .
Sahasabaahu ke bhujaa ukhaare ॥

Chowthi aarti asur samhaare .
Bhakt vibhishaṇ lank padhaare ॥

Paanchavin aarti kams pachhaare .
Gopi gvaal sakhaa pratipaale ॥

Tulasi ko patr kanṭh maṇi hiraa .
Harashi-nirakhi gaave daas kabiraa ॥

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Shree Narsingh Bhagwan Ki Aarti lyrics pdf

Narsingh Bhagwan Ki Aarti से जुड़े सामान्य प्रश्न

नरसिंह भगवान की आरती क्या है?

Narsingh Bhagwan Ki Aarti एक भक्ति गीत है जो भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा करने के लिए की जाती है, जिन्होंने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने और ब्रह्मांड में व्यवस्था बहाल करने के लिए आधे आदमी, आधे शेर का रूप लिया था।

भगवान नरसिंह कौन हैं?

भगवान नरसिंह हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक हैं। उन्हें शेर के चेहरे वाले देवता के रूप में दर्शाया गया है और यह सुरक्षा और बुरी ताकतों के विनाश से जुड़ा है।

नरसिंह भगवान की आरती कब की जाती है?

Narsingh Bhagwan Ki Aarti आमतौर पर विशेष अवसरों, त्योहारों या भगवान नरसिंह की नियमित पूजा के दौरान की जाती है। यह घरों, मंदिरों या भगवान नरसिंह को समर्पित किसी भी पूजा स्थल पर किया जा सकता है।

नरसिंह भगवान की आरती का क्या महत्व है?

Narsingh Bhagwan Ki Aarti महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भक्तों के लिए अपनी भक्ति व्यक्त करने और भगवान नरसिंह का आशीर्वाद और सुरक्षा प्राप्त करने का एक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि इस आरती को ईमानदारी और भक्ति के साथ करने से व्यक्ति भगवान की कृपा प्राप्त कर सकता है और बाधाओं और बुरे प्रभावों पर काबू पा सकता है।

क्या कोई नरसिंह भगवान की आरती कर सकता है?

हां, Narsingh Bhagwan Ki Aarti कोई भी कर सकता है, चाहे उसकी उम्र या लिंग कुछ भी हो। यह पूजा का एक भक्तिपूर्ण कार्य है, और भक्त अक्सर भगवान नरसिंह का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए इसे करते हैं।

क्या इस आरती से जुड़े कोई विशिष्ट अनुष्ठान या प्रसाद हैं?

नरसिंह भगवान की आरती से जुड़े अनुष्ठान और प्रसाद अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आम तौर पर, इसमें दीपक जलाना, घंटियाँ बजाना, आरती गाना या पढ़ना और देवता को फूल, धूप और प्रसाद (पवित्र भोजन) चढ़ाना शामिल होता है।

क्या इस आरती को करने के लिए दिन का कोई विशेष समय है?

आरती दिन के विभिन्न समय में की जा सकती है, लेकिन यह अक्सर शाम या गोधूलि के समय की जाती है। हालाँकि, इसे व्यक्तिगत पसंद या मंदिर की परंपराओं के अनुसार अन्य समय पर भी किया जा सकता है।

नरसिंह भगवान की आरती करने के क्या फायदे हैं?

भक्तों का मानना ​​है कि भक्तिपूर्वक इस आरती को करने से बुरी शक्तियों से सुरक्षा, बाधाओं का निवारण और समग्र कल्याण हो सकता है। यह भगवान नरसिंह से जुड़ने और सौहार्दपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लेने का एक तरीका है।

भक्तों का मानना ​​है कि भक्तिपूर्वक इस आरती को करने से बुरी शक्तियों से सुरक्षा, बाधाओं का निवारण और समग्र कल्याण हो सकता है। यह भगवान नरसिंह से जुड़ने और सौहार्दपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लेने का एक तरीका है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।