जय शनि देवा – आरती (Jai Shani Deva – Aarti)

जय शनि देवा – आरती (Jai Shani Deva – Aarti) का पाठ अक्सर शनि देव की मूर्ति के सामने किया जाता है, और इसमें शनि देव की महिमा, गुण, और कथाओं का वर्णन होता है। आरती में भक्त शनि देव की प्रार्थना करते हैं कि वे सभी कष्टों को दूर करके उनके जीवन से सुख, समृद्धि, और शांति प्रदान करें।

किसी भी देवी देवता की पूजा करने के बाद उनकी श्रद्धा पूर्वक आरती का शास्त्रोंक्त विधान है। शनिवार को पड़ने वाली शनि अमावस्या के दिन शनि देव की इस अत्यंत ही चमत्कारी आरती का गायन करने से शनि महाराज तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।

जय शनि देवा – आरती (Jai Shani Deva – Aarti) हिंदी में

जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ।
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,
घोर कष्ट वह पावे ।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे ।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
सकल सिद्धि वह पावे ।
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे ।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

हर शनिवार तुम्हारी,
जय-जय कार जगत में होवे ।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे ।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

जय शनि देवा – आरती (Jai Shani Deva – Aarti) अंग्रेजी में

Jai Shani Deva, Jai Shani Deva,
Jai Jai Jai Shani Deva ।
Akhil Srishti Mein Koti-koti Jan,
Karen Tumhari Seva ।
Jai Shani Deva, Jai Shani Deva,
Jai Jai Jai Shani Deva ॥

Ja Par Kupit Hou Tum Swami,
Ghor Kasht Vah Pave ।
Dhan Vaibhav Aur Maan-kirti,
Sab Palbhar Mein Mit Jave ।
Raja Nal Ko Lagi Shani Dasha,
Rajpat Har Leva ।
Jai Shani Deva, Jai Shani Deva,
Jai Jai Jai Shani Deva ॥

Ja Par Prasann Hou Tum Swami,
Sakal Siddhi Vah Pave ।
Tumhari Kripa Rahe to,
Usko Jag Mein Kaun Satave ।
Tanba, Tel Aur Til Se Jo,
Karen Bhaktajan Seva ।
Jai Shani Deva, Jai Shani Deva,
Jai Jai Jai Shani Deva ॥

Har Shanivar Tumhari,
Jai-jai Kar Jagat Mein Hove ।
Kaliyug Mein Shanidev Mahattam,
Du:Kh Daridrata Dhove ।
Karu Arti Bhakti Bhav Se,
Bhent Chadhaun Meva ।
Jai Shani Deva, Jai Shani Deva,
Jai Jai Jai Shani Deva ॥

जय शनि देवा – आरती (Jai Shani Deva – Aarti) पीडीएफ

शनि देव की आरती करने के लाभ

  • शनि देव को प्रसन्न करने में मदद करती है: श्री शनि देव आरती भगवान शनि को प्रसन्न करने में मदद करती है। शनि देव न्याय और कर्म के देवता हैं। उनकी कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
  • भगवान शनि के आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है: श्री शनि देव आरती भगवान शनि के आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है। शनि देव के आशीर्वाद से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करती है: श्री शनि देव आरती जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। शनि देव के आशीर्वाद से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
  • बुरी शक्तियों से बचाव में मदद करती है: श्री शनि देव आरती बुरी शक्तियों से बचाव में मदद करती है। शनि देव की कृपा से व्यक्ति बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहता है।

शनि देव की आरती गाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • आरती को शांत और श्रद्धापूर्वक गाया जाना चाहिए।
  • आरती को चकित या जल्दबाजी में नहीं गाया जाना चाहिए।
  • आरती को भगवान शनि की मूर्ति या तस्वीर के सामने गाया जाना चाहिए।
  • आरती को हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर गाया जाना चाहिए।

शनि देव की आरती से सम्बंधित प्रश्न

श्री शनि देव की आरती क्यों और कब की जाती है?

श्री शनि देव की आरती (Shri Shani Dev Ki Aarti) उनके पूजन के समय गाई जाती है, विशेष रूप से शनिवार को। यह उनके भक्तों द्वारा उनके कृपा और आशीर्वाद के लिए किया जाता है।

श्री शनि देव की आरती के क्या महत्व हैं?

श्री शनि देव की आरती (Shri Shani Dev Ki Aarti) का पाठ उनके भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से वे उनके पूजन से संबंधित भावनाओं को व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा मांगे गए आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।

श्री शनि देव की आरती के लाभ क्या हैं?

श्री शनि देव की आरती का पाठ करने से भक्त उनके कष्टों को दूर कर सकते हैं और उनके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त कर सकते हैं। यह आरती शनि देव की कृपा और आशीर्वाद के लिए भक्तों की प्रार्थना का माध्यम होती है।

श्री शनि देव की आरती का पाठ कैसे किया जाता है?

श्री शनि देव की आरती का पाठ उनकी मूर्ति के सामने किया जाता है। आरती के बोल भक्तों द्वारा गुणगान के साथ गाए जाते हैं और उनकी पूजा के लिए दीपक जलाया जाता है। यह पूजा विधि विभिन्न स्थलों और परंपराओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।

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