शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra)

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है और उनसे भक्तों की रक्षा करने की प्रार्थना करता है। यह स्तोत्र 12 श्लोकों में विभाजित है और भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का इस स्तोत्र में वर्णन किया गया है।

शिव रक्षा स्तोत्र लिरिक्स (Shiv Raksha Stotra)

विनियोग
ॐ अस्य श्री शिवरक्षास्तोत्रमंत्रस्य याज्ञवल्क्यऋषिः,
श्री सदाशिवो देवता, अनुष्टुपछन्दः
श्री सदाशिवप्रीत्यर्थं शिव रक्षा स्तोत्रजपे विनियोगः।
चरितम् देवदेवस्य महादेवस्य पावनम् ।
अपारम् परमोदारम् चतुर्वर्गस्य साधनम् ।1।

गौरी विनायाकोपेतम् पंचवक्त्रं त्रिनेत्रकम् ।
शिवम् ध्यात्वा दशभुजम् शिवरक्षां पठेन्नरः।2।

गंगाधरः शिरः पातु भालमर्धेन्दु शेखरः।
नयने मदनध्वंसी कर्णौ सर्पविभूषणः ।3।

घ्राणं पातु पुरारातिर्मुखं पातु जगत्पतिः ।
जिह्वां वागीश्वरः पातु कन्धरां शितिकन्धरः ।4।

श्रीकण्ठः पातु मे कण्ठं स्कन्धौ विश्वधुरन्धरः ।
भुजौ भूभार संहर्ता करौ पातु पिनाकधृक् ।5।

हृदयं शङ्करः पातु जठरं गिरिजापतिः।
नाभिं मृत्युञ्जयः पातु कटी व्याघ्रजिनाम्बरः ।6।

सक्थिनी पातु दीनार्तशरणागत वत्सलः।
उरु महेश्वरः पातु जानुनी जगदीश्वरः ।7।
जङ्घे पातु जगत्कर्ता गुल्फौ पातु गणाधिपः ।
चरणौ करुणासिन्धुः सर्वाङ्गानि सदाशिवः ।8।

एताम् शिवबलोपेताम् रक्षां यः सुकृती पठेत्।
स भुक्त्वा सकलान् कामान् शिवसायुज्यमाप्नुयात्।9।

गृहभूत पिशाचाश्चाद्यास्त्रैलोक्ये विचरन्ति ये।
दूराद् आशु पलायन्ते शिवनामाभिरक्षणात्।10।

अभयम् कर नामेदं कवचं पार्वतीपतेः ।
भक्त्या बिभर्ति यः कण्ठे तस्य वश्यं जगत्त्रयम् ।11।

इमां नारायणः स्वप्ने शिवरक्षां यथाऽदिशत् ।
प्रातरुत्थाय योगीन्द्रो याज्ञवल्क्यस्तथाऽलिखत् ।12।

।इति श्री शिवरक्षास्तोत्रं सम्पूर्णम।

शिव रक्षा स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Shiv Raksha Stotra Lyrics In English)

viniyog
Om Asy Shrii Shivarakshaastotramantrasy Yajñavalkyaṛshiah,
Shri Sadashivo Devata, Anushṭupachhandah
Shri Sadashivaprityartham Shiv Raksha Stotrajape Viniyogah.
Charitam Devadevasy Mahadevasy Pavanam .
Aparam Paramodaram Chaturvargasy Sadhanam .1.

Gowri Vinayakopetam Panchavaktram Trinetrakam .
Shivam Dhyatva Dashabhujam Shivarakshaan Paṭhenarah.2.

Gangadharah Shirah Patu Bhalamardhendu Shekharah.
Nayane Madanadhvamsi Karṇow Sarpavibhushaṇah .3.

Ghraṇam Patu Puraratirmukham Patu Jagatpatiah .
Jhvan Vagishvarah Patu Kandharan Shitikandharah .4.

Shrikaṇṭhah Patu Me Kaṇṭham Skandhow Vishvadhurandharah .
Bhujow Bhubhaar Samharta Karow Patu Pinakadhṛk .5.

Hṛdayam Shaṅkarah Patu Jaṭharam Girijapatiah.
Nabhin Mṛtyuñjayah Patu Kaṭi Vyaaghrajinambarah .6.

Sakthini Patu Dinartasharaṇagat Vatsalah.
Uru Maheshvarah Patu Janunii Jagadishvarah .7.

Jaṅghe Paatu Jagatkarta Gulphow Patu Gaṇadhipah .
Charaṇow Karuṇasindhuah Sarvaṅgani Sadashivah .8.

Etam Shivabalopetam Rakshan Yah Sukṛti Paṭhet.
S Bhuktva Sakalan Kaman Shivasayujyamapnuyat.9.

Gṛhabhut Pishachashchadyastrailokye Vicharanti Ye.
Durad Ashu Palayante Shivanamabhirakshaṇat.10.

Abhayam Kar Namedam Kavacham Parvatiipateah .
Bhaktyaa Bibharti Yah Kaṇṭhe Tasy vashyam Jagatrayam .11.

Iman Narayaṇah Svapne Shivarakshan Yathasdishat .
Pratarutthay Yogindro Yajñavalkyastathaslikhat .12.

.Iti Shrii Shivarakshastotram Sampurṇama.

शिव रक्षा स्तोत्र लिरिक्स पीडीएफ (Shiv Raksha Stotra PDF)

शिव रक्षा स्तोत्र लिरिक्स वीडियो (Shiv Raksha Stotra Video)

शिव रक्षा स्तोत्र विधि (Shiv Raksha Stotra Vidhi)

  • शुद्धि: शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से पहले, स्नान आदि से शुद्धि कर लेना चाहिए।
  • पूजा: शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठें और उन्हें गंगाजल, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
  • ध्यान: शिव जी का ध्यान करें और उनके पावन चरित्र का स्मरण करें।
  • पाठ: शांत मन से शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  • प्रार्थना: पाठ के अंत में, भगवान शिव से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करनी चाहिए।

शिव रक्षा स्तोत्र लाभ (Shiv Raksha Stotra Benefit)

  1.  शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। भगवान शिव सभी भक्तों के रक्षक हैं और वे उन्हें सभी प्रकार की विपत्तियों से बचाते हैं।
  2. शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को सभी प्रकार की विपत्तियों से सुरक्षा प्राप्त होती है। इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की विपत्तियाँ शामिल हैं। शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को रोग, शोक, दुर्घटना, शत्रुओं के डर आदि से मुक्ति मिलती है।
  3. शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों में आत्मविश्वास बढ़ता है। वे अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त महसूस करते हैं।
  4. शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वे अपने जीवन में खुशी, शांति और समृद्धि का अनुभव करते हैं।

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शिव रक्षा स्तोत्र से सबंधित प्रश्न (Shiv Raksha Stotra FAQ)

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का पाठ कब करना चाहिए?

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का पाठ करने के लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है। आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन प्रदोष काल में इसका पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। प्रदोष काल शाम 6:00 बजे से 7:30 बजे के बीच का समय होता है।

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का पाठ कैसे करना चाहिए?

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का पाठ करने से पहले, स्नान आदि से शुद्धि कर लें। फिर, शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठें और उन्हें गंगाजल, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद, शिव जी का ध्यान करें और उनके पावन चरित्र का स्मरण करें। फिर, शांत मन से शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। पाठ के अंत में, भगवान शिव से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करें।

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) में कितने श्लोक हैं?

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) में 12 श्लोक है।

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) को किस अवसर पर करना चाहिए?

यह स्तोत्र किसी भी समय पठा जा सकता है, लेकिन अधिकांश भक्त इसे महाशिवरात्रि, प्रदोष काल, और सोमवार को पठते हैं।

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का महत्व क्या है?

इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को भगवान शिव की कृपा, सुरक्षा और आशीर्वाद मिलता है, और उसे दुखों और कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त होती है।

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) क्या है?

शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) एक पौराणिक श्लोक संग्रह है जो भगवान शिव की स्तुति, आराधना और सुरक्षा के लिए पठा जाता है।

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