साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) – Overcome the difficult time

साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) भारतीय आध्यात्मिक गुरु और संत, शिरडी साईं बाबा से जुड़ी एक लोकप्रिय प्रार्थना है। शिरडी साईं बाबा, जिन्हें केवल साईं बाबा के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा आध्यात्मिक गुरु और परमात्मा की अभिव्यक्ति के रूप में पूजनीय हैं।

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साई कष्ट निवारण मंत्र के बारे में (About Sai Kasht Nivaran Mantra)

साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) उन लोगों को सांत्वना और राहत प्रदान करने के लिए है जो कठिन समय से गुजर रहे हैं या अपने जीवन में संकट का सामना कर रहे हैं। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के दौरान साईं बाबा के भक्तों द्वारा उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन पाने के लिए इसका पाठ किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मंत्र में दुखों को कम करने, शांति लाने और जरूरतमंद लोगों को आराम प्रदान करने की क्षमता है।

साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) क्षेत्रीय और व्यक्तिगत भिन्नताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन आमतौर पर पढ़ा जाने वाला संस्करण इस प्रकार है:

कष्टों की काली छाया दुखदायी है,
जीवन में घोर उदासी लायी है |

संकट को तालो साई दुहाई है,
तेरे सिवा न कोई सहाई है |

इस मंत्र को अक्सर आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में भक्ति और ईमानदारी के साथ जप या दोहराया जाता है। भक्तों का मानना है कि इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से, वे साईं बाबा की कृपा और आशीर्वाद को अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें आंतरिक शांति का एहसास होगा और उनकी परेशानियों का समाधान होगा।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस मंत्र की प्रभावशीलता, किसी भी अन्य मंत्र या प्रार्थना की तरह, व्यक्तिपरक है और किसी के व्यक्तिगत विश्वास और विश्वास पर आधारित है। यह संकट के समय में आध्यात्मिक आराम और सहायता प्राप्त करने का एक साधन है और साईं बाबा से जुड़ी भक्ति प्रथाओं का एक अभिन्न अंग है।

साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) 

कष्टों की काली छाया दुखदायी है,
जीवन में घोर उदासी लायी है |

संकट को तालो साई दुहाई है,
तेरे सिवा न कोई सहाई है |

मेरे मन तेरी मूरत समाई है,
हर पल हर शन महिमा गायी है

घर मेरे कष्टों की आंधी आई है,
आपने क्यूँ मेरी सुध भुलाई है |

तुम भोले नाथ हो दया निधान हो,
तुम हनुमान हो तुम बलवान हो |

तुम्ही राम और श्याम हो,
सारे जग त में तुम सबसे महान हो |

तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे,
करता हूँ प्राथना भव से तार दे |

तुम्ही मोहमद्‌ हो गरीब नवाज़ हो,
नानक की बानी में ईसा के साथ हो |

तुम्ही द्गम्बर तुम्ही कबीर हो,
हो बुध तुम्ही ओर महावीर हो |

सारे जगत का तुम्ही आधार हो,
निराकार भी और साकार हो |

करता हूँ वंदना प्रेम विशवास से,
सुनो साईं अल्लाह के वास्ते |

अधरों पे मेरे नहीं मुस्कान है,
घर मेरा बनने लगा शमशान है |

रहम नज़र करो उन्हे वीरान पे,
जिंदगी संवरेगी एक वरदान से |

पापों की घुप से तन लगा हारने,
आपका यह दास लगा पुकारने |

आपने सदा ही लाज बचाई है,
देर न हो जाये मन शंकाई है |

धीरे-धीरे धीरज ही खोता है,
मन में बसा विशवास ही रोता है |

मेरी कल्पना साकार कर दो,
सूनी जिंदगी में रंग भर दो |

ढोते-ढोते पापों का भार जिंदगी से,
में गया हार जिंदगी से |

नाथ अवगुण अब तो बिसारो,
कष्टों की लहर से आके उबारो |

करता हूँ पाप में पापों की खान हूँ,
ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर में अज्ञान हूँ |

करता हूँ पग-पग पर पापों की भूल में,
तार दो जीवन ये चरणों की धूल से |

तुमने ऊजरा हुआ घर बसाया,
पानी से दीपक भी तुमने जलाया |

तुमने ही शिरडी को धाम बनाया,
छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया |

कष्ट पाप श्राप उतारो,
प्रेम दया दृष्टि से निहारो |

आपका दास हूँ ऐसे न टालिए,
गिरने लगा हूँ साईं संभालिये |

साईजी बालक में अनाथ हूँ,
तेरे भरोसे रहता दिन रात हूँ |

जैसा भी हूँ , हँ तो आपका,
कीजे निवारण मेरे संताप का |

तू है सवेरा और में रात हूँ,
मेल नहीं कोई फिर भी साथ हूँ

साईं मुझसे मुख न मोड़ो,
बीच मझधार अकेला न छोड़ो |

आपके चरणों में बसे प्राण हे,
तेरे वचन मेरे गुरु समान है |

आपकी राहों पे चलता दास है,
ख़ुशी नहीं कोई जीवन उदास है |

आंसू की धारा में डूबता किनारा,
जिंदगी में दर्द नहीं गुजारा |

लगाया चमन तो फूल खिलायो,
फूल खिले है तो खुशबू भी लायो |

कर दो इशारा तो बात बन जाये,
जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये |

बीता ज़माना यह गाके फ़साना,
सरहदे ज़िन्दगी मौत तराना |

देर तो हो गयी है अंधेर ना हो,
फ़िक मिले लकिन फरेब ना हो |

देके टालो या दामन बचा लो,
हिलने लगी रहनुमाई संभालो |

तेरे दम पे अल्लाह की शान है,
सूफी संतो का ये बयान है |

गरीबों की झोली में भर दो खजाना,
ज़माने के वली करो ना बहाना |

दर के भिखारी है मोहताज है हम,
शंहंशाये आलम करो कुछ करम |

तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत,
तुम सदगुरू साईं हो समरथ |

आये हो घरती पे देने सहारा,
करने लगे क्यूँ हमसे किनारा |

जब तक ये ब्रह्मांड रहेगा,
साईं तेरा नाम रहेगा |

चाँद सितारे तुम्हे पुकारेंगे,
जन्मोजनम हम रास्ता निहारेंगे |

आत्मा बदलेगी चोले हज़ार,
हम मिलते रहेंगे बारम्बार |

आपके कदमो में बेठे रहेंगे,
दुखड़े दिल के कहते रहेंगे |

आपकी मर्जी है दो या ना दो,
हम तो कहेंगे दामन ही भर दो |

तुम हो दाता हम है भिखारी,
सुनते नहीं क्यूँ अर्ज़ हमारी |

अच्छा चलो एक बात बता दो,
क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो |

जो नहीं देना है इनकार कर दो,
ख़तम ये आपस की तकरार कर दो |

लौट के खाली चला जायूँगा,
फिर भी गुण तेरे गायूँगा |

जब तक काया है तब तक माया है,
इसी में दुखो का मूल समाया है |

सबकुछ जान के अनजान हूँ में,
अल्लाह की तू शान तेरी शान हूँ में |

तेरा करम सदा सब पे रहेगा,
ये चक्र युग-युग चलता रहेगा |

जो प्राणी गायेगा साईं तेरा नाम,
उसको मुक्ति मिले पहुंचे परम धाम |

ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगे,
राहू , केतु , शनि निकट ना आयेंगे |

टाल जायेंगे संकट सारे,
घर में वास करें सुख सारे |

जो श्रधा से करेगा पठन,
उस पर देव सभी हो प्रस्सन |

रोग समूल नष्ट हो जायेंगे,
कष्ट निवारण मंत्र जो गायेंगे |

चिंता हरेगा निवारण जाप,
पल में दूर हो सब पाप |

जो ये पुस्तक नित दिन बांचे,
श्री लक्ष्मीजी घर उसके सदा विराजे |

ज्ञान, बुधि प्राणी वो पायेगा,
कष्ट निवारण मंत्र जो घयायेगा |

ये मंत्र भक्तों कमाल करेगा,
आई जो अनहोनी तो टाल देगा |

भूत-प्रेत भी रहेंगे दूर,
इस मंत्र में साईं शक्ति भरपूर |

जपते रहे जो मंत्र अगर,
जादू-टोना भी हो बेअसर |

इस मंत्र में सब गुण समाये,
ना हो भरोसा तो आजमाए |

ये मंत्र साई वचन ही जानो,
सवयं अमल कर सत्य पहचानो |

संशय ना लाना विशवास जगाना,
ये मंत्र सुखों का है खज़ाना |

इस पुस्तक में साईं का वास,
जय साईं श्री साईं जय जय साईं |

बोलो सदगुरू साईं नाथ महाराज की जय

साई कष्ट निवारण मंत्र अंग्रेजी में (Sai Kasht Nivaran Mantra In English) 

kashto ki kaali chhaaya dukh daayi hai
jeevan mein ghor udhaasi laayi hai |

sankat ko taalo sai duhaai hai
tere sivaa naa koi sahaayi hai |

mere man teri murat samaayi hai
har pal har skhan mahimaa gaayi hai |

ghar mere kashto ki aandhi aayi hai
aapne kyu meri sudh bhulaayi hai |

tum bhole naath ho dayaa nidhaan ho
tum hanumaan ho mahaa balwaan ho |

tumhi ho raam aur tumhi shyaam ho
saare jagat mein tum sabse mahaan ho |

tumhi mahaakali tumhi maa shaarde
kartaa hu praarthanaa bhave se taar de |

tumhi mohammad ho garib navaaz ho
naanak ki vaani mein isaa ke saath ho |

tumhi digambar tumhi kabir ho
ho budha tumhi aur mahaavir ho |

saare jagat ka tumhi aadhar ho
niraakar bhi aur saakar ho |

kartaa hu vandanaa prem vishwaas se
suno sai allaah ke vaaste |

adhro mein mere nahi muskaan hai
ghar meraa banane lagaa smashaan hai |

rahem nazar karo ujhade viraan pe
jindagi savregi ek vardaan se |

paapo ki dhop se tan lagaa haarne
aapkaa ye daas lagaa pukaarne |

aapne sadaa hi laaj bachaae hai
der naa ho jaaye man shankaaye hai |

dhire dhire dhiraj hi khotaa hai
man mein basaa vishwaas hi rotaa hai |

meri kalpanaa saakaar kar do
suni jindagi mein rang bhar do |

dhote-dhote paapo kaa bhaar jindagi se
main haar gayaa jindagi se |

naath avgun ab to bisaaro
kashto ki leher se aake ubaaro |

kartaa hu paap main paapo ki khaan hu
gyaani tum gyneshwar main agyan hu |

kartaa hu pag-pag par paapo ki bhool main
taar do jeevan ye charon ke dhul se |

tumne ujaadaa huaa ghar basaayaa
paani se deepak bhi tumne jalaayaa |

tumne hi shirdi ko dhaam banaayaa
chhote gaon mein swarg sajaayaa |

kasht paap shraap utaaro
pren dayaa drishti se nihaaro |

aap kaa daas hu aise naa taaliye
girne lagaa hu sai sambhaaliye |

saiji baalak main anaath hu
tere bharose rehtaa din raat hu |

jaisaa bhi hu | hu to aapkaa
kije nivaaran mere santaap kaa |

tu hai saveraa aur main raat hu
mel nahi koi phir bhi saath hu |

sai mujse mukh naa modo
bhich majdhaar akelaa naa chhodo |

aapke charno mein base praan jai
tere vachan mere gurusamaan hai |

aapki raaho pe chaltaa daas hai
khushi nahi koi jeevan udaas hai |

aansu ki dhaaraa hai dubataa kinaaraa
jindagi mein dard | nahi gujaraa |

lagaayaa chaman to phool khilaao
phool khile hain to khushbu bhi lao |

kar do ishaaraa to baat ban jaaye
jo kismat mein nahi wo mil jaaye |

bitaa zamaanaa ye gaake fasaanaa
sarhade jindagi mout kaa taraanaa |

der ho gayi hai andhere naa ho
fikr mile lekin fareb naa ho |

deke talo yaa daaman bachaa lo
hilne lagi rahunayee sambhaalo |

tere dam pe allah ki shaan hai
sufi santo ke ye bayaan hai |

garib ki joli mein bhar do khazaanaa
zamaane ke waali karo naa bahaanaa |

dar ke bhikhaari hain mohtaaj hai hum
shahanshaahe aalam karo kuch karam |

tere khazaane mein allaah ki rehmat
tum sadguru ho samarth |

aaye to dharti pe dene sahaaraa
karne lage kyun hum se kinaaraa |

jab tak ye brahmaand rahegaa
sai teraa naam rahegaa |

chaand taare tumhe pukaarenge
janmojanam hum raastaa nihaarenge |

aatmaa badlegi chole hazaar
hum milte rahenge har baar |

aapke kadamo mein baithe rahenge
dukhde dil ke kehte rahenge |

aapke marze hai do yaa naa do
hum to kahenge daaman bhi bhar do |

tum ho daataa hum hai bhikhaari
sunate nahi kyun arag hamaari |

achhaa chalo ek baat bataa do
kyaa nahin tumhaare paas bataa do |

jo nahin denaa hai inkaar kar do
khatm ye aapas ki takraar kar do |

laut ke khaali chalaa jaaunga
phir bhi gun tere gaaunga |

jabtak kaayaa hai tabtak maayaa hain
isi mein dukhon kaa mul samaaya hain |

sab kuch jaan ke anjaan hu main
allaah ki tu shaan teri hu shaan main |

tera karam sadaa sabpe rahegaa
ye chakra yug-yug chaltaa rahegaa |

jo prani gaayega sai tero naam
usko mile mukhti pohchhe param dhaam |

ye mantra jo prani nit gaayenge
raahu ketu shani nikat naa aayenge |

tal jaayenge sankat saare
ghar mein daas vaas kare sukh saare |

jo shraddhaa se karegaa pathan
us par dev sabhi ho prasann |

rog samuhh nasht ho jaayenge
kasht nivaaran mantra jo gaayenge |

chinta harega nivaran jaap
pal mein dur ho sab paap |

jo ye pustak nit din baache
laxmiji ghar uske sadaa biraaje |

gyaan buddhi praani vo paayega
kasht nivaaran mein jo dhyaayega |

ye mantra bhakto kamaal karega
aaye jo anhoni to taal dega |

bhoot-pret bhi rahenge door
is mantra mein sai sakti bharpur |

japte rahe jo mantra agar
jadu tonaa bhi ho beasar |

is mantra mein sab gun samaaye
naa ho bharosaa to aajmaaye |

ye mantra sai bachan hi jaano
swayam amal kar satya pahchhaano |

sankat naa laanaa vishwaas jagaana
ye mantra sukho kaa hai khazaana |

is pustak mein sai kaa vaas
Jai Sai Sri Sai Jai Jai Sai |

Bolo sadguru sai nath maharaj ki jai ||

साई कष्ट निवारण मंत्र पीडीएफ (Sai Kasht Nivaran Mantra Pdf) 

साई कष्ट निवारण मंत्र विधि (Sai Kasht Nivaran Mantra Vidhi) 

  1. एक शांत जगह ढूंढें:
    एक शांतिपूर्ण और शांत जगह चुनें जहां आप बिना ध्यान भटकाए आराम से बैठ सकें।
  2. आरामदायक मुद्रा में आ जाएं:
    किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अपनी पीठ सीधी रखें और अपने हाथ अपनी गोद में रखें, आपकी हथेलियाँ ऊपर की ओर हों।
  3. अपनी आंखें बंद करें:
    ध्यान केंद्रित करने और आंतरिक शांति की भावना पैदा करने के लिए अपनी आंखें बंद करें।
  4. कुछ गहरी साँसें लें:
    साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) शुरू करने से पहले, अपने शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए कुछ गहरी साँसें लें।
  5. मंत्र का जाप करें:
    साईं बाबा के साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) का जाप शुरू करें। आप इसे मानसिक या श्रव्य रूप से, जो भी आपके लिए अधिक आरामदायक लगे,कर सकते हैं। मंत्र को अपनी गति से दोहराएं।
  6. ध्यान केंद्रित रखें:
    जैसे ही आप मंत्र का जाप करते हैं, अपना ध्यान साईं बाबा और उनका आशीर्वाद पाने के इरादे पर बनाए रखने की कोशिश करें। अन्य विचारों और विकर्षणों को जाने दें।
  7. भक्ति का अनुभव करें:
    मंत्र दोहराते समय अपने आप को साईं बाबा के प्रति भक्ति और प्रेम की भावना महसूस करने दें। उसकी दिव्य उपस्थिति की कल्पना करें और उसके रूप या छवि की कल्पना करें यदि यह आपको अधिक गहराई से जुड़ने में मदद करता है।
  8. वांछित अवधि तक जारी रखें:
    आप जब तक चाहें तब तक मंत्र का जाप कर सकते हैं, लेकिन प्रत्येक दिन अपने अभ्यास के लिए एक विशिष्ट समय समर्पित करने की सलाह दी जाती है।
  9. कृतज्ञता के साथ समापन:
    अपना जप सत्र समाप्त करने के बाद, साईं बाबा के आशीर्वाद और मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त करने के लिए कुछ समय निकालें। धन्यवाद की एक सरल प्रार्थना प्रस्तुत करें।
  10. नियमित अभ्यास:
    जब मंत्र जप की बात आती है तो निरंतरता महत्वपूर्ण है। समय के साथ इसके पूर्ण लाभों का अनुभव करने के लिए इसे दैनिक अभ्यास बनाने का प्रयास करें।

याद रखें कि किसी भी मंत्र की शक्ति सिर्फ शब्दों में नहीं बल्कि उस ईमानदारी और भक्ति में निहित होती है जिसके साथ उसका जाप किया जाता है। साईं बाबा मंत्र का जाप करते समय, शुद्ध हृदय बनाए रखें, और आपके अभ्यास से गहरा आध्यात्मिक संबंध और आंतरिक शांति प्राप्त हो सकती है।

साई कष्ट निवारण मंत्र वीडियो (Sai Kasht Nivaran Mantra Video) 


यह मंत्र भी पढ़े


साई कष्ट निवारण मंत्र FAQ

साईं बाबा कौन हैं?

साईं बाबा, जिन्हें शिरडी साईं बाबा के नाम से भी जाना जाता है, एक श्रद्धेय भारतीय आध्यात्मिक गुरु और संत थे, जो 19वीं और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में शिरडी शहर में रहते थे। उनकी शिक्षाओं के लिए उनका व्यापक रूप से सम्मान किया जाता है और कई लोग उन्हें दैवीय अवतार मानते हैं।

साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) जाप का क्या महत्व है?

साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) उन लोगों को सांत्वना और राहत प्रदान करने के लिए है जो कठिन समय से गुजर रहे हैं या अपने जीवन में संकट का सामना कर रहे हैं।

मैं साईं बाबा के साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra)  का प्रभावी ढंग से जाप कैसे करूँ?

साईं बाबा के साई कष्ट निवारण मंत्र (Sai Kasht Nivaran Mantra) का प्रभावी ढंग से जाप करने के लिए, एक शांत जगह ढूंढें, आराम से बैठें, अपनी आँखें बंद करें और भक्ति और ईमानदारी के साथ “ओम साईं राम” का जाप करें। आप दोहराव गिनने और फोकस बनाए रखने के लिए माला (प्रार्थना माला) का उपयोग कर सकते हैं।

क्या मैं मन ही मन साईं बाबा मंत्र का जाप कर सकता हूं, या क्या इसे ऊंची आवाज में जाप करने की जरूरत है?

आप अपनी पसंद के आधार पर साईं बाबा मंत्र का जाप मन में चुपचाप या सुन कर कर सकते हैं। मुख्य बात यह है कि इसे ईमानदारी और भक्ति के साथ जपें।

क्या कोई साईं बाबा मंत्र का जाप कर सकता है, या क्या आपको साईं बाबा का भक्त होने की आवश्यकता है?

कोई भी व्यक्ति साईं बाबा मंत्र का जाप कर सकता है, चाहे उसकी धार्मिक या आध्यात्मिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। यह सभी धर्मों और विश्वासों के लोगों के लिए खुला है। हालाँकि, इसके प्रभावी होने के लिए ईमानदारी और भक्ति के साथ जप करना महत्वपूर्ण है।

क्या साईं बाबा के मंत्रों के जाप से जुड़े कोई विशिष्ट अनुष्ठान या प्रसाद हैं?

हालाँकि साईं बाबा के मंत्रों का जाप करने के लिए किसी सख्त अनुष्ठान या प्रसाद की आवश्यकता नहीं होती है, कुछ भक्त भक्ति के प्रतीक के रूप में दीपक या धूप जलाना पसंद करते हैं। अन्य लोग साईं बाबा की छवि या चित्र पर प्रसाद (पवित्र भोजन) चढ़ा सकते हैं।

क्या साईं बाबा के मंत्रों का जाप विशिष्ट आशीर्वाद या लाभ ला सकता है?

भक्तों का मानना है कि साईं बाबा के मंत्रों का जाप करने से सुरक्षा, आंतरिक शांति, आध्यात्मिक विकास जैसे आशीर्वाद मिल सकते हैं और जीवन की चुनौतियों को हल करने में मदद मिल सकती है। विशिष्ट लाभ व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं।

क्या साईं बाबा के मंत्रों का जाप करने के लिए दिन का कोई अनुशंसित समय है?

साईं बाबा के मंत्रों का जाप करने के लिए दिन का कोई विशेष समय अनुशंसित नहीं है। आप इनका जाप अपने लिए सुविधाजनक किसी भी समय कर सकते हैं। बहुत से लोग इसे अपने दैनिक आध्यात्मिक अभ्यास के भाग के रूप में सुबह या शाम को करना चुनते हैं।
याद रखें कि मंत्र जाप की शक्ति आपकी आस्था, भक्ति और ईमानदारी में निहित है। निरंतर अभ्यास और शुद्ध हृदय आपको साईं बाबा मंत्रों के जाप के सकारात्मक प्रभावों का अनुभव करने में मदद कर सकता है।

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