माँ अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna chalisa) “नित्य आनंद करिणी माता” एक हिन्दू धार्मिक प्रार्थना है जो माँ अन्नपूर्णा की महिमा और आशीर्वाद के लिए पढ़ी जाती है। अन्नपूर्णा माता हिन्दू धर्म में भोजन की देवी के रूप में पूजी जाती है, और उन्हें जीवन के रोजमर्रा के भोजन का प्रतीक माना जाता है। इस चालीसा का पाठ भक्ति और आशीर्वाद मांगने के उद्देश्य से किया जाता है।
विषय सूची
Maa Annapurna chalisa के लाभ
आध्यात्मिक सुख: माँ अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna chalisa) का पाठ करने से आध्यात्मिक आत्मा को शांति और सुख मिल सकता है। यह एक व्यक्ति के आत्मा को माँ अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से जोड़ सकता है और उनकी आध्यात्मिक उन्नति में मदद कर सकता है।
भोजन की आशीर्वाद: माँ अन्नपूर्णा का नाम भोजन की देवी के रूप में है, इसलिए इस चालीसा का पाठ करने से भोजन के साथ आशीर्वाद मिल सकता है। यह भोजन की कमी से होने वाली समस्याओं को दूर कर सकता है।
आत्मविश्वास और मानसिक शांति: ध्यान और प्राथना के माध्यम से, माँ अन्नपूर्णा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का मानसिक स्थिति में सुधार हो सकता है, और उन्हें आत्मविश्वास और शांति की भावना हो सकती है।
कर्मिक सुधार: चालीसा का पाठ करने से कर्मिक सुधार हो सकता है, और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता की दिशा में मदद मिल सकती है।
Maa Annapurna chalisa का वीडियो
माँ अन्नपूर्णा चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Maa Annapurna chalisa lyrics in Hindi)
॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।
॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता ॥
जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी, अखिल पाप हर भव-भय-हरनी ॥
श्वेत बदन पर श्वेत बसन पुनि, संतन तुव पद सेवत ऋषिमुनि ॥
काशी पुराधीश्वरी माता, माहेश्वरी सकल जग त्राता ॥
वृषभारुढ़ नाम रुद्राणी, विश्व विहारिणि जय ! कल्याणी ॥
पतिदेवता सुतीत शिरोमणि, पदवी प्राप्त कीन्ह गिरी नंदिनि ॥
माँ अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna chalisa) एक प्रार्थना है जो माँ अन्नपूर्णा की महिमा का बखान करती है और उनकी पूजा करने के लिए पढ़ी जाती है। यह चालीसा उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए की जाती है।
माँ अन्नपूर्णा चालीसा(Maa Annapurna chalisa) का पाठ कैसे किया जाता है?
माँ अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna chalisa) को विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ पढ़ा जाता है। आमतौर पर इसे सुबह या संध्या को पढ़ा जाता है। आप इस चालीसा को माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति के सामने या अपने पूजा स्थल पर पढ़ सकते हैं।
माँ अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna chalisa) क्या महत्व है?
माँ अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna chalisa) का पाठ करने से मान्यता है कि माँ अन्नपूर्णा आपके जीवन में धन, संपत्ति, और पूर्णता की बरसात करती हैं। इसका पाठ करने से लोग को अन्न की कमी नहीं होती है और जीवन में सुख-शांति मिलती है।
माँ अन्नपूर्णा की पूजा कब की जाती है?
माँ अन्नपूर्णा की पूजा आमतौर पर नवरात्रि के दौरान की जाती है, जो कि दुर्गा पूजा के रूप में मनाई जाती है। इसके अलावा, विशेष अवसरों पर भी माँ अन्नपूर्णा की पूजा की जा सकती है।
माँ अन्नपूर्णा की आराधना से क्या फायदे होते हैं?
माँ अन्नपूर्णा की आराधना से व्यक्ति को अन्न की कमी नहीं होती है, और वह धन, संपत्ति, और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।
इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
जीतू डनसेना स्नातक के अध्ययन से साथ साथ poojaaarti.com के भजन, चालीसा और आरती के पोस्ट में हमारा सहयोग करती है। उन्हें अध्यात्म के बारे में बारे जानना एवं उनके बारे में लेख लिखना बहुत पसंद है।