सुख के सब साथी (Sukh Ke Sab Saathi)एक हिंदी भजन है, जिसे मोहम्मद रफ़ी ने गाया है। यह गीत फिल्म “गोपी” में शामिल है, जो 1972 में रिलीज़ हुई थी। गीत के बोल राजेंद्र कृष्ण ने लिखे हैं और संगीत आनंदजी-विलयजी ने दिया है।
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सुख के सब साथी वीडियो (Sukh Ke Sab Saathi Video)
सुख के सब साथी लिरिक्स हिंदी में (Sukh Ke Sab Saathi Lyrics in Hindi)
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई,
मेरे राम मेरे राम,
तेरा नाम है साचा दूजा न कोई,
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई ।
जीवन आनी जानी छाया,
झूठी माया झूठी काया,
फिर काहे को सारी उमरिया,
पाप की गठरी ढोई ।
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई,
मेरे राम मेरे राम,
तेरा नाम है साचा दूजा न कोई,
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई ।
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा,
ये जग जोगी वाला फेरा,
राजा हो या रंक सभी का,
अंत एक सा होई ।
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई,
मेरे राम मेरे राम,
तेरा नाम है साचा दूजा न कोई,
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई ।
बाहर की तू माटी फांके,
मन के भीतर क्यूं न झांके,
उजले तन पर मान किया और,
मन की मैल न धोई ।
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई,
मेरे राम मेरे राम,
तेरा नाम है साचा दूजा न कोई,
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई ।
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सुख के सब साथी लिरिक्स अंग्रेजी में (Sukh Ke Sab Saathi Lyrics in English)
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi,
Mere Ram Mere Ram,
Tera Naam Ek Sacha Dooja Na Koi,
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi.
Jeevan Aani Jani Chhaya,
Jhuthi Maya Jhuthi Kaya,
Phir Kahe Ko Sari Umariyan,
Paap Ki Gathari Dhoi.
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi,
Mere Ram Mere Ram,
Tera Naam Ek Sacha Dooja Na Koi,
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi.
Na Kuchha Tera Na Kuchha Mera,
Ye Jag Jogiwala Phera,
Raja Ho Ya Rank Sabhi Ka,
Ant Ek Sa Hoi.
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi,
Mere Ram Mere Ram,
Tera Naam Ek Sacha Dooja Na Koi,
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi.
Bahar Ko Tu Matee Phanke,
Man Ke Bheetar Kyon Na Jhanke,
Ujale Tan Par Maan Kiya Aur,
Man Ko Mail Na Dhoi.
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi,
Mere Ram Mere Ram,
Tera Naam Ek Sacha Dooja Na Koi,
Sukh Ke Sab Saathi Dukh Mein Na Koi.
सुख के सब साथी लिरिक्स पीडीएफ (Sukh Ke Sab Saathi Lyrics PDF)
सुख के सब साथी से जुड़े कुछ प्रश्न (Sukh Ke Sab Saathi FAQ)
सुख के सब साथी, दुख में ना कोई गीत का मूल भाव क्या है?
इस गीत का मूल भाव यह है कि सुख में तो सभी साथ होते हैं, लेकिन दुख में कोई नहीं होता। यह गीत हमें यह सिखाता है कि हमें हमेशा अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए।
सुख के सब साथी, दुख में ना कोई गीत का क्या महत्व है?
इस गीत का महत्व यह है कि यह हमें जीवन के सत्य को सिखाता है। यह हमें यह याद दिलाता है कि सुख और दुख दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं। हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए कि दुख कब हमारे जीवन में आ जाए।
सुख के सब साथी,गीत किस गायक द्वारा गाया गया है ?
सुख के सब साथी, गीत मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया है |
सुख के सब साथी, गीत कब आया ?
सुख के सब साथी, गीत 1972 में आया |
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रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।