भैरव गायत्री मंत्र (Bhairav Gayatri Mantra) मंत्र भैरव को समर्पित एक मंत्र है। जिसे काल भैरव के नाम से भी जाना जाता है। भैरव भगवान शिव का वह स्वरूप हैं जो समय की गति पर नज़र रखते हैं। जो व्यक्ति भगवान भैरव की पूजा करता है उसे शत्रुओं पर विजय, भौतिक सुख-सुविधाएं और सफलता मिलती है। भगवान भैरव की पूजा करने से कष्टों और पीड़ाओं से छुटकारा मिलता है। सूर्योदय के समयभैरव गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
भैरव गायत्री मंत्र (Bhairav Gayatri Mantra)
ॐ कालाकालाय विधमहे,
कालाअथीथाया धीमहि,
तन्नो काल भैरवा प्रचोदयात ll
Om Kaalakaalaaya Vidmahe,
Kaalaatheethaaya dheemahi,
Tanno Kaala Bhairava Prachodayat ll
भैरव गायत्री मंत्र विधि (Bhairav Gayatri Mantra Vidhi)
- पूजा स्थल की तैयारी:
शुभ और साफ सुथरा स्थान चुनें। अपनी सुविधा के अनुसार आसान बनाकर बैठे। - ध्यान:
मन को शांति में लाने के लिए कुछ देर तक ध्यान करें। मन को शुद्ध करने के लिए अपने इष्ट देवता की स्मृति करें। - संकल्प:
मंत्र जप की शुरुआत से पहले मन में संकल्प करें कि आप इसे श्रद्धा भाव से कर रहे हैं। - मंत्र जप:
रुद्राक्ष माला या कंठी का उपयोग करते हुए मंत्र का जप करें: माला को एक बीज़ के समाप्त होने पर एक माला को दूसरे बीज़ पर मोड़ेंऔर साथ ही गिनते जाये। - पूजा:
मंत्र जप के बाद काल भैरव की मूर्ति या फोटो की पूजा करें।तिलक, दीप, धूप, अक्षत, और फूल चढ़ाएं। - आरती:
काल भैरव की आरती करे। - प्रणाम:
अपने इष्ट देवता और काल भैरव को प्रणाम करें और उनसे मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
भैरव गायत्री मंत्र लाभ (Bhairav Gayatri Mantra Benefit)
- भैरव की कृपा प्राप्त:
भैरव भगवान शिव के एक क्रोध रूप हैं, जो भक्तों को अपने आशीर्वाद प्रदान करते हैं। भैरव गायत्री मंत्र का जाप करने से भक्तों को भैरव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे वे अपने जीवन में सफलता और सुख प्राप्त करते हैं। - शत्रुओं पर विजय प्राप्त :
भैरव को शत्रुओं का नाश करने वाला माना जाता है। भैरव गायत्री मंत्र का जाप करने से भक्तों को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद मिलती है। - आर्थिक समृद्धि :
भैरव को धन और समृद्धि का देवता माना जाता है। भैरव गायत्री मंत्र का जाप करने से भक्तों को आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। - कष्टों से मुक्ति:
भैरव को कष्टों को दूर करने वाला माना जाता है। भैरव गायत्री मंत्र का जाप करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। - आध्यात्मिक विकास :
भैरव को आध्यात्मिक विकास का मार्गदर्शक माना जाता है। भैरव गायत्री मंत्र का जाप करने से भक्तों को आध्यात्मिक विकास प्राप्त होता है। - भय और अशांति का निवारण:
काल भैरव मंत्र के जाप से भय और अशांति का सामना करने की क्षमता मिलती है और व्यक्ति आत्मिक शांति की स्थिति में रहता है। - काल सर्व शक्तिमान:
काल भैरव को सर्व शक्तिमान कहा जाता है, इसलिए उसके मंत्र का जाप साक्षात काल रूपी शक्ति से जुड़ा होता है और व्यक्ति को सबकुछ करने की शक्ति प्रदान करता है।
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