बाबा बालकनाथ जी की आरती(Baba Balaknath Ji Ki Aarti) बाबा बालकनाथ का आशीर्वाद, सुरक्षा और मार्गदर्शन पाने के लिए की जाती है। यह बाबा के प्रति भक्ति और कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है। बाबा बालकनाथ जी की आरती आमतौर पर धार्मिक समारोहों, त्योहारों और गुरुवार के दिन की जाती है, जो बाबा बालकनाथ की पूजा के लिए शुभ माना जाता है।
बाबा बालक नाथ (Baba Balaknath), जिन्हें सिद्ध बाबा बालक नाथ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक पूजनीय व्यक्ति हैं, खासकर भारत के हिमाचल प्रदेश में। उन्हें पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता में गहराई से निहित एक रहस्यमय जीवन कहानी वाले दिव्य प्राणी के रूप में सम्मानित किया जाता है।
बाबा बालक नाथ (Baba Balaknath), असाधारण शक्तियों वाले एक शाश्वत बाल-योगी के रूप में चित्रित किया जाता है, माना जाता है कि उनका जन्म चमत्कारिक रूप से रेत की एक गांठ से हुआ था, जो उनके दिव्यता का एक प्रमाण है।
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Baba Balaknath Ji Ki Aarti का विडियो
बाबा बालकनाथ जी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Baba Balaknath Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi )
ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
दस जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
बालक उमर सुहानी,
नाम बालक नाथा,
अमर हुए शंकर से,
सुन के अमर गाथा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
शीश पे बाल सुनैहरी,
गले रुद्राक्षी माला,
हाथ में झोली चिमटा,
आसन मृगशाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
सुंदर सेली सिंगी,
वैरागन सोहे,
गऊ पालक रखवालक,
भगतन मन मोहे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
अंग भभूत रमाई,
मूर्ति प्रभु रंगी,
भय भज्जन दुःख नाशक,
भरथरी के संगी ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
रोट चढ़त रविवार को,
फल, फूल मिश्री मेवा,
धुप दीप कुदनुं से,
आनंद सिद्ध देवा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
भक्तन हित अवतार लियो,
प्रभु देख के कल्लू काला,
दुष्ट दमन शत्रुहन,
सबके प्रतिपाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
श्री बालक नाथ जी की आरती,
जो कोई नित गावे,
कहते है सेवक तेरे,
मन वाच्छित फल पावे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
बाबा बालकनाथ जी की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Baba Balaknath Ji Ki Aarti in English )
ॐ Jai Kaladhari Hare,
Swami Jai Paunahari Hare,
Bhakt Janon Ki Naiya,
Das Janon Ki Naiya,
Bhav Se Paar Kare,
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Balak Umar Suhani,
Naam Balak Natha,
Amar Hue Shankar Se,
Sun Ke Amar Gatha ।
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Sheesh Pe Bal Sunaihari,
Gale Rudrakshi Mala,
Hath Mein Jholi Chimata,
Aasan Mrgashala ।
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Sundar Seli Singee,
Vairagan Sohe,
Gau Palak Rakhavalak,
Bhagatan Mann Mohe ।
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Ang Bhabhoot Ramai,
Murti Prabhu Rangi,
Bhay Bhanjan Duhkh Nashak,
Bharathari Ke Sangi ।
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Rot Chadhat Raviwar Ko,
Phal, Phool Mishri Mewa,
Dhup Deep Kudanun Se,
Aanand Siddh Dewa ।
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Bhaktan Hit Avatar Liyo,
Prabhu Dekh Ke Kallu Kala,
Dusht Daman Shatruhan,
Sabake Pratipala ।
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Shri Balak Nath Ji Ki Aarti,
Jo Koi Nit Gave,
Kahate Hai Sewak Tere,
Man Vancchhit Phal Pawe ।
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
ॐ Jai Kaladhari Hare,
Swami Jai Paunahari Hare,
Bhakt Janon Ki Naiya,
Das Janon Ki Naiya,
Bhav Se Paar Kare,
ॐ Jai Kaladhari Hare ॥
Baba Balaknath Ji Ki Aarti aur Pooja Vidhi (बाबा बालक नाथ जी की आरती और पूजा विधि):
Baba Balaknath Ji Ki Aarti (बाबा बालक नाथ जी की आरती):
आरती की थाली में दिया, धूप, चम्पा, रोली, अक्षत, फूल आदि रखें।
आरती की शुरुआत करने से पहले, पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और बाबा बालक नाथ की मूर्ति को पानी और गंध से सुना कर धोकर पूजन करें।
आरती के दौरान आप बाबा बालक नाथ (Baba Balaknath) की आरती गाते हुए उनकी मूर्ति को घूमते हुए आरती कर सकते हैं। आपके पास Baba Balaknath Ji Ki Aarti की कई वरियां उपलब्ध हो सकती हैं, आप उनमें से कोई भी आरती चुन सकते हैं जो आपको पसंद हो। आरती के दौरान धूप दीपक भी जलाएं।
Baba Balaknath Ji Ki Aarti के बाद, आपको प्रसाद बांटना चाहिए। आपका प्रसाद बाबा बालक नाथ को भेंट करने का एक तरीका होता है।
Baba Balaknath Ji Ki Pooja Vidhi (बाबा बालक नाथ जी की पूजा विधि):
- पूजा का आयोजन करने से पहले, आपको साफ-सफाई करनी चाहिए और पूजा स्थल को पवित्र बनाना चाहिए।
- बाबा बालक नाथ (Baba Balaknath) की मूर्ति को पानी से धोकर साफ करें।
- पूजा के लिए बाबा बालक नाथ की प्रतिमा, चित्र या मूर्ति को सजाकर रखें।
- पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करें और फिर बाबा बालक नाथ की पूजा करें।
- बाबा बालक नाथ को फूल, अक्षत, रोली, चावल, दीपक, धूप, नैवेद्य (प्रसाद), और जल दें।
- मंत्रों का जाप करते हुए भगवान बाबा बालक नाथ को अपनी श्रद्धा और भक्ति से पूजें।
- आप उनकी कथा, आरती, भजन आदि का पाठ कर सकते हैं और उनके गुणों का भक्ति भाव से गान कर सकते हैं।
- पूजा के बाद, प्रसाद को बांटें और उसे सभी को खिलाएं।
यह एक सामान्य आरती और पूजा विधि है जो बाबा बालक नाथ की पूजा के लिए अनुसरण की जा सकती है। आप अपनी श्रद्धा और आवश्यकताओं के आधार पर इसे अनुकूलित कर सकते हैं।
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बाबा बालकनाथ FAQ (Frequently Asked Questions)
बाबा बालकनाथ कौन हैं?
उत्तर: बाबा बालकनाथ, जिनके असली नाम बाबा सिद्ध भगत है, भारतीय परम्परागत धार्मिक व्यक्तित्वों में से एक हैं। वे हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के चकमोह गांव में स्थित बाबा बालकनाथ मंदिर के मुख्य देवता हैं।
बाबा बालकनाथ की कहानियाँ क्या हैं?
उत्तर: बाबा बालकनाथ की कई चरित्रित लोककथाएं और किस्से लोगों के बीच प्रसिद्ध हैं। इन कहानियों में वे अपने तपस्या, धार्मिकता, और दिव्य शक्तियों के साथ जुड़े हैं।
बाबा बालकनाथ के मंदिर कहाँ स्थित है?
उत्तर: बाबा बालकनाथ का मंदिर हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है, और यह हमीरपुर जिले के चकमोह गांव नामक स्थान पर स्थित है।
बाबा बालकनाथ के मंदिर में कैसे पहुँच सकते हैं?
उत्तर: बाबा बालकनाथ के मंदिर में पहुँचने के लिए आपको हिमाचल प्रदेश के किसी नगर या शहर से मंदिर की ओर जाना होगा। वहां से आपको पैदल यात्रा करनी होगी या आप वाहन का भी उपयोग कर सकते हैं।
बाबा बालकनाथ के मंदिर में क्या विशेषता है?
उत्तर: बाबा बालकनाथ के मंदिर को भगवान शिव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। मंदिर के पास एक गुफा है, जिसमें बाबा बालकनाथ ने अपनी तपस्या की थी।
बाबा बालकनाथ के बारे में कितनी पुस्तकें उपलब्ध हैं?
उत्तर: बाबा बालकनाथ के जीवन और कथाओं पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं, जो उनके चरित्र, तपस्या और उनके दिव्य आदर्शों को विवरणित करती हैं।
बाबा बालकनाथ के बारे में कोई आधिकारिक वेबसाइट है?
उत्तर: हां, बाबा बालकनाथ के बारे में आधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध है, जिसमें उनके जीवन, कथाएँ, और मंदिर की जानकारी दी गई है।
बाबा बालकनाथ जी के चरणों में जाने का क्या महत्व है?
उत्तर: बाबा बालकनाथ के चरणों में जाने का मान्यता से माना जाता है कि यह श्रद्धालुओं को आशीर्वाद और शक्ति प्रदान करता है। यह उनके दिव्यता और धार्मिक महत्व का प्रतीक होता है।
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Baba Balaknath Ji Ki Aarti Pdf (बाबा बालकनाथ जी की आरती)
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