गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti) “जयति जय गायत्री माता” गायत्री माता की महिमा की प्रशंसा करने के लिए गाई जाती है। गायत्री माता हिन्दू धर्म के त्रिदेवी देवताओं में से एक मानी जाती है, और वे ब्रम्हदेव की पत्नी हैं। गायत्री माता की आरती के पाठ से भक्तों को मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह आरती भक्तों के आध्यात्मिक उन्नति में भी मदद कर सकती है।
विषय सूची
Gayatri Mata Ki Aarti का वीडियो
Gayatri Mata Ki Aarti के लाभ
- मन को शांति और शांति मिलती है। गायत्री माता की आरती एक बहुत ही पवित्र और दिव्य अनुष्ठान है। यह मन को शांत और शांतिपूर्ण बनाता है। यह तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है।
- गायत्री माता की कृपा प्राप्त होती है। गायत्री माता को ज्ञान और प्रकाश की देवी माना जाता है। उनकी आरती करने से भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है। यह भक्तों को ज्ञान, बुद्धि और विवेक प्रदान करता है।
- जीवन में बाधाएं दूर होती हैं। गायत्री माता को सभी बाधाओं को दूर करने वाली देवी माना जाता है। उनकी आरती करने से भक्तों के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। यह भक्तों को सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है।
गायत्री माता जी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Gayatri Mata Ki Aarti in Hindi )
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ।।
जयति जय गायत्री माता
आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जन जग पालन कर्त्री ।
दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्रय दैन्य हर्त्री ।।
जयति जय गायत्री माता
ब्रहृ रुपिणी, प्रणत पालिनी, जगतधातृ अम्बे ।
भवभयहारी, जनहितकारी, सुखदा जगदम्बे ।।
जयति जय गायत्री माता
भयहारिणि भवतारिणि अनघे, अज आनन्द राशी ।
अविकारी, अघहरी, अविचलित, अमले अविनाशी ।।
जयति जय गायत्री माता
कामधेनु सत् चित् आनन्दा, जय गंगा गीता ।
सविता की शाश्वती शक्ति तुम सावित्री सीता ।।
जयति जय गायत्री माता
ऋग्, यजु, साम, अथर्व, प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्त्रार सुषुम्ना, शोभा गुण गरिमे ।।
जयति जय गायत्री माता
स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रहाणी, राधा, रुद्राणी ।
जय सतरुपा, वाणी, विघा, कमला, कल्याणी ।।
जयति जय गायत्री माता
जननी हम है, दीन हीन, दुःख दरिद्र के घेरे ।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत, तऊ बालक है तेरे ।।
जयति जय गायत्री माता
स्नेहसनी करुणामयि माता, चरण शरण दीजै ।
बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे, दया दृष्टि कीजै ।।
जयति जय गायत्री माता
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव, द्वेष हरिये ।
शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिये ।।
जयति जय गायत्री माता
तुम समर्थ सब भाँति तारिणी, तुष्टि, पुष्टि त्राता ।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ।।
जयति जय गायत्री माता
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ।।
जयति जय गायत्री माता..
गायत्री माता जी की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Gayatri Mata Ki Aarti in English )
Jayti jai gayatri mata, jayti jai gayatri mata
Sat maarag par hamen chalaao, jo hai sukhadaataa
Jayti jai gayatri mata
Aadi shakti tum alakh nirañjan jag paalan kartrii
Duahkh, shok, bhay, klesh, kalah daaridray dainy hartrii
Jayti jai gayatri mata
Brahṛ rupiṇii, praṇat paalinii, jagatadhaatṛ ambe
Bhavabhayahaarii, janahitakaarii, sukhadaa jagadambe
Jayti jai gayatri mata
Bhayahaariṇi bhavataariṇi anaghe, aj aanand raashii
Avikaarii, aghaharii, avichalit, amale avinaashii
Jayti jai gayatri mata
Kaamadhenu sat chit aanandaa, jai gangaa giitaa
Savitaa kii shaashvatii shakti tum saavitrii siitaa
Jayti jai gayatri mata
Rig, yaju, saam, atharv, praṇayinii, praṇav mahaamahime
Kuṇḍalinii sahastraar sushumnaa, shobhaa guṇ garime
Jayti jai gayatri mata
Svaahaa, svadhaa, shachii, brahaaṇii, raadhaa, rudraaṇii
Jai satarupaa, vaaṇii, vighaa, kamalaa, kalyaaṇii
jayti jai gayatri mata
Jananii ham hai, diin hiin, duahkh daridr ke ghere
Yadapi kuṭil, kapaṭii kapuut, tauu baalak hai tere
Jayti jai gayatri mata
Snehasanii karuṇaamayi mata, charaṇ sharaṇ diijai
Bilakh rahe ham shishu sut tere, dayaa dṛshṭi kiijai
Jayti jai gayatri mata
Kaam, krodh, mad, lobh, dambh, durbhaav, dvesh hariye
Shuddh buddhi, nishpaap hṛday, man ko pavitr kariye
Jayti jai gayatri mata
Tum samarth sab bhaanti taariṇii, tushṭi, pushṭi traataa
Sat maarg par hamen chalaao, jo hai sukhadaataa
Jayti jai gayatri mata
Jayti jai gayatri mata, jayti jai gayatri mata
Sat maarag par hamen chalaao, jo hai sukhadaataa
Jayti jai gayatri mata..
यह आरती भी अवश्य पढ़े
Gayatri Mata Ki Aarti lyrics pdf
Gayatri Mata Ki Aarti से सम्बंधित प्रश्न
गायत्री माता कौन हैं?
गायत्री माता हिन्दू धर्म में देवी के रूप में पूजी जाने वाली दिव्य शक्ति हैं, जो सूर्यदेव की शक्ति के रूप में जानी जाती हैं। वह ज्ञान, प्राण, और सत्य की प्रतीक हैं और गायत्री मंत्र का अद्भुत महत्व है।
गायत्री मां का मंत्र क्या है और इसका महत्व क्या है?
गायत्री मां का मंत्र है: “ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्।” इस मंत्र का पाठ करने से आध्यात्मिक जागरूकता, मानसिक शांति, और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti) कब और कैसे की जाती है?
गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti) का पाठ सुबह और संध्या के समय किया जाता है। आरती के पाठ के दौरान विशेष प्रकार के दीपक और प्रार्थना के साथ माता की पूजा की जाती है।
गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti) के क्या लाभ हैं?
गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti) का पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति, सफलता, और धार्मिकता की भावना पैदा हो सकती है। यह आरती भक्तों को दिव्य ऊर्जा का अहसास कराती है और उनके जीवन में सुख, समृद्धि, और आनंद की प्राप्ति में मदद करती है।
गायत्री माता की पूजा का महत्व क्या है?
गायत्री माता की पूजा भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक विकास और दिव्य ऊर्जा के साथ सफलता की प्राप्ति में मदद कर सकती है। गायत्री मां का मंत्र पूजा के समय जपने से आत्मा का शुद्धिकरण होता है और व्यक्ति की धार्मिक उन्नति होती है।
आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।
इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
संजय इज़ारदार का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। वे poojaaarti.com में मंदिरो और त्योहारों के पोस्ट में हमारा सहयोग करते है और हमसे शुरुआत से ही जुड़े हुए है।