Saraswati mata ki aarti(सरस्वती माता जी की आरती)

सरस्वती माता की आरती(Saraswati mata ki aarti) करने से भक्तों के ज्ञान में वृद्धि होती है, और हम किसी भौतिक सुख सुविधा से वंचित नहीं रहते। माँ सरस्वती को शिक्षा और संगीत की देवी माना जाता है एवं उनका वाहन हंस है। कहा जाता है की जितने भी उच्च कोटि के कवि एवं लेखक है वे माँ सरस्वती की उपासना से ही विद्वान बने है।

Saraswati mata ki aarti का वीडियो

सरस्वती माता की आरती लिरिक्स हिंदी में (Saraswati mata ki aarti lyrics in Hindi)

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ओइम् जय वीणे वाली, मैया जय वीणे वाली
ऋद्धि-सिद्धि की रहती, हाथ तेरे ताली
ऋषि मुनियों की बुद्धि को, शुद्ध तू ही करती
स्वर्ण की भाँति शुद्ध, तू ही माँ करती ॥ 1 ॥

ज्ञान पिता को देती, गगन शब्द से तू
विश्व को उत्पन्न करती, आदि शक्ति से तू ॥ 2 ॥

हंस-वाहिनी दीज, भिक्षा दर्शन की
मेरे मन में केवल, इच्छा तेरे दर्शन की ॥ 3 ॥

ज्योति जगा कर नित्य, यह आरती जो गावे
भवसागर के दुख में, गोता न कभी खावे ॥ 4 ॥

ओइम् जय वीणे वाली, मैया जय वीणे वाली|

Saraswati mata ki photo

सरस्वती माता की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Saraswati mata ki aarti lyrics in English)

Om jai viṇe vaali, maiya jai viṇe vaali
ṛddhi-siddhi kii rahatii, haath tere taalii
ṛshi muniyon kii buddhi ko, shuddh tuu hii karatii
svarṇ kii bhaanti shuddh, tuu hii maan karatii ॥ 1 ॥

Gyan pitaa ko detii, gagan shabd se tuu
vishv ko utpann karatii, aadi shakti se tuu ॥ 2 ॥

hams-vaahinii diij, bhikshaa darshan kii
mere man men keval, ichchhaa tere darshan kii ॥ 3 ॥

jyoti jagaa kar nity, yah aaratii jo gaave
bhavasaagar ke dukh men, gotaa n kabhii khaave ॥ 4 ॥

Om jai viṇe vaali, maiya jai viṇe vaali

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥2॥

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Saraswati mata ki aarti lyrics pdf

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Saraswati Mata ki Aarti से सम्बंधित प्रश्न

सरस्वती माता की आरती क्या है ?

Saraswati Mata ki Aarti एक हिंदू प्रार्थना है जो देवी सरस्वती की पूजा करती है। देवी सरस्वती को ज्ञान, विद्या और संगीत की देवी माना जाता है। आरती में देवी सरस्वती की प्रशंसा की जाती है और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की जाती है।

सरस्वती माता की आरती कैसे की जाती है ?

सरस्वती माता की आरती आमतौर पर एक मंदिर या घर में की जाती है। आरती करने के लिए, एक दीपक, धूप और फूलों की माला की आवश्यकता होती है। आरती के दौरान, देवी सरस्वती की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक, धूप और फूलों की माला चढ़ाई जाती है। फिर, आरती के मंत्र गाए जाते हैं।

सरस्वती माता की आरती के क्या फायदे है ?

सरस्वती माता की आरती करने से कई लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि आरती करने से देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है। इससे ज्ञान, विद्या और संगीत में उन्नति होती है। इसके अलावा, आरती करने से मन को शांति और सुकून मिलता है।

सरस्वती माता की आरती कब की जाती है?

सरस्वती माता की आरती आमतौर पर बसंत पंचमी के दिन की जाती है। बसंत पंचमी को देवी सरस्वती की पूजा का दिन माना जाता है। इसके अलावा, सरस्वती माता की आरती किसी भी दिन की जा सकती है।share

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024