श्री सत्यनारायण भगवान विष्णु के एक रूप हैं, कई लोग सत्यनारायण जी की आरती तभी करते हैं जब उनकी कोई मनोकामना पूरी हो जाती है। Satyanarayan Ji Ki Aarti प्रमुखतः सत्यनारायण भगवान् की पूजा समाप्त होने पर की जाती है। इस आरती से श्रध्दालुओ को मानशिक, आध्यात्मिक और आर्थिक लाभ प्राप्त होते है। सामान्यतः भगवान सत्यनारायण की पूजा गृह प्रवेश , जन्मदिन एवं सालगिरह के विशेष अवसर पर की जाती है।
विषय सूची
Satyanarayan Ji Ki Aarti का वीडियो
श्री सत्यनारायण जी की आरती हिंदी में (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti lyrics in Hindi)
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे ।
नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
प्रकट भए कलि कारण, द्विज को दरस दियो ।
बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी ।
चंद्रचूड़ एक राजा, तिनकी बिपति हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्हीं ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्हीं ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
भाव-भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धर्यो ।
श्रद्धा धारण किन्ही, तिनको काज सरो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
ग्वाल-बाल संग राजा, बन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों, दीन दयालु हरि ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
चढ़त प्रसाद सवायो, कदली फल मेवा ।
धूप-दीप-तुलसी से, राजी सत्यदेवा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे ।
तन-मन-सुख-संपति मनवांछित फल पावै॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
श्री सत्यनारायण जी की आरती अंग्रेजी में (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti lyrics in English)
Jai lakshmi ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Satyanaaraayaṇ svaami, jan-paatak-haraṇaa ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Ratn jadit sinhaasan, adbhut chhavi raaje .
Naarad karat niraajan, ghanṭaa van baaje ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Prakaṭ bhae kali kaaraṇ, dvij ko daras diyo .
Buudho braahmaṇ banakar, kanchan mahal kiyo ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Durbal bhil kaṭhaaro, jin par kṛpaa kari .
Chandrachuud ek raajaa, tinaki bipati hari ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Vaishy manorath paayo, shraddhaa taj dinhin .
So phal bhogyo prabhuji, phir stuti kinhin ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Bhaav-bhakti ke kaaraṇ, chhin-chhin ruup dharyo .
Shraddhaa dhaaraṇ kinhi, tinako kaaj saro ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Gvaal-baal sang raajaa, ban men bhakti kari .
Manavaanchhit phal dinhon, din dayaalu hari ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Chadhat prasaad savaayo, kadali phal mevaa .
Dhuup-dip-tulasi se, raaji satyadevaa ॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
Satyanaaraayaṇaji ki aarati jo koi nar gaave .
Tan-man-sukh-sampati manavaanchhit phal paavai॥
Om Jai Lakshmi Ramaṇaa, svaami jay lakshmi ramaṇaa .
यह आरती भी पढ़े
Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti lyrics pdf
Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti से जुड़े सामान्य प्रश्न
श्री सत्यनारायण जी की आरती क्या है?
श्री सत्यनारायण जी की आरती(Satyanarayan Ji Ki Aarti) एक हिंदू धार्मिक भजन है जो भगवान विष्णु के एक रूप, भगवान सत्यनारायण को समर्पित है। यह सत्यनारायण पूजा के दौरान गाया या गाया जाता है, जो भगवान सत्यनारायण का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाने वाला एक लोकप्रिय हिंदू अनुष्ठान है।
श्री सत्यनारायण जी की आरती कब की जाती है?
Satyanarayan Ji Ki Aarti आम तौर पर सत्यनारायण पूजा के समापन पर की जाती है, जो अक्सर जन्मदिन, सालगिरह, गृहप्रवेश समारोह जैसे विशेष अवसरों पर या भगवान सत्यनारायण से आभार व्यक्त करने और आशीर्वाद लेने के लिए आयोजित की जाती है।
श्री सत्यनारायण जी की आरती का क्या महत्व है?
Satyanarayan Ji Ki Aarti भक्तों के लिए भगवान सत्यनारायण के आशीर्वाद के लिए उनके प्रति अपनी भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि यह भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली लाता है। यह पूजा के पूरा होने और देवता को प्रार्थना अर्पित करने का भी प्रतीक है।
श्री सत्यनारायण जी की आरती कैसे की जाती है?
Satyanarayan Ji Ki Aarti आमतौर पर जलते हुए तेल के दीपक या कपूर से की जाती है, जिसे देवता की मूर्ति या छवि के सामने गोलाकार गति में घुमाया जाता है। भक्त अक्सर भगवान सत्यनारायण को फूल, धूप और अन्य प्रसाद चढ़ाते समय आरती गाते या पढ़ते हैं।
क्या कोई श्री सत्यनारायण जी की आरती कर सकता है, या इसके लिए पुजारी की आवश्यकता है?
यद्यपि एक पुजारी अक्सर Satyanarayan Ji Ki Aarti सहित संपूर्ण सत्यनारायण पूजा आयोजित करने में शामिल होता है, लेकिन यह कड़ाई से आवश्यक नहीं है। भक्त स्वयं भी आरती कर सकते हैं, खासकर यदि वे अनुष्ठान और इसकी प्रक्रियाओं से परिचित हों। हालाँकि, दिशानिर्देशों और अनुष्ठानों का सही ढंग से पालन करना आवश्यक है।
क्या श्री सत्यनारायण जी की आरती करते समय पालन करने के लिए कोई विशेष नियम या दिशानिर्देश हैं?
हां, सत्यनारायण पूजा और आरती से जुड़े विशिष्ट अनुष्ठान और दिशानिर्देश हैं। ये क्षेत्रीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, इसलिए विस्तृत निर्देशों के लिए किसी पुजारी या किसी विश्वसनीय स्रोत से परामर्श करना उचित है। आमतौर पर, स्वच्छता, भक्ति और ईमानदारी पूजा और आरती के आवश्यक पहलू हैं।
श्री सत्यनारायण जी की आरती और सत्यनारायण पूजा करने के क्या लाभ हैं?
माना जाता है कि Satyanarayan Ji Ki Aarti और सत्यनारायण पूजा करने से आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ मिलते हैं। भक्त शांति, समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। इसे पिछले आशीर्वादों के लिए आभार व्यक्त करने और भगवान सत्यनारायण से सुरक्षा और मार्गदर्शन प्राप्त करने के तरीके के रूप में भी देखा जाता है।
आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।
इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
संजय इज़ारदार का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। वे poojaaarti.com में मंदिरो और त्योहारों के पोस्ट में हमारा सहयोग करते है और हमसे शुरुआत से ही जुड़े हुए है।