श्री कृष्ण जी की आरती (Shri krishna ji ki aarti)

श्री कृष्ण जी की आरती (Shri krishna ji ki aarti) “आरती कुंजबिहारी की” करने से धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है और सभी दोष मिट जाते हैं | सुबह के समय स्नान ध्यान करने के बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल पर धूप दीप आदि प्रज्वल्लित करने के बाद आरती का पाठ करें तथा को फूल अर्पित करें।

Shri krishna ji ki aarti का वीडियो

श्री कृष्ण जी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Shri krishna ji ki aarti lyrics in Hindi)

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

Krishna bhagwan ki photo

श्री कृष्ण जी की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Shri krishna ji ki aarti lyrics in English)

aarti kunjabihari ki,
shri giridhar kṛshṇ muraari ki ॥
aarti kunjabihari ki,
shri giridhar kṛshṇ muraari ki ॥

gale men baijanti maalaa,
bajaavai murali madhur baalaa .
shravaṇ men kuṇḍal jhalakaalaa,
nand ke aanand nandalaalaa .
gagan sam amg kaanti kaali,
raadhikaa chamak rahi aali .
latan men ṭhaadhe banamaali
bhramar si alak,
kastuuri tilak,
chandr si jhalak,
lalit chhavi shyaamaa pyaari ki,
shri giridhar kṛshṇ muraari ki ॥
॥ aarti kunjabihari ki…॥

kanakamay mor mukuṭ bilasai,
devataa darasan ko tarasain .
gagan son suman raasi barasai .
baje murachang,
madhur miradang,
gvaalin sang,
atul rati gop kumaari ki,
shri giridhar kṛshṇamuraari ki ॥
॥ aarti kunjabihari ki…॥

jahaan te prakaṭ bhai gangaa,
sakal man haariṇi shri gangaa .
smaran te hot moh bhangaa
basi shiv sis,
jaṭaa ke bich,
harai agh kich,
charan chhavi shribanavaari ki,
shri giridhar kṛshṇamuraari ki ॥
॥ aarti kunjabihari ki…॥

chamakati ujjval taṭ renuu,
baj rahi vṛndaavan benuu .
chahun disi gopi gvaal dhenuu
hamsat mṛdu mand,
chaandani chand,
kaṭat bhav phand,
ṭer sun din dukhaari ki,
shri giridhar kṛshṇamuraari ki ॥
॥ aarti kunjabihari ki…॥

aarti kunjabihari ki,
shri giridhar kṛshṇ muraari ki ॥
aarti kunjabihari ki,
shri giridhar kṛshṇ muraari ki ॥

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Shri krishna ji ki aarti के लाभ

  • आध्यात्मिक लाभ: आरती का गायन भक्तों में श्रद्धा और भक्ति की भावना को बढ़ाता है। यह आरती श्री कृष्ण से आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने की कामना करती है।
  • सामाजिक लाभ: आरती के आयोजन से सामाजिक सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग एक साथ आकर अपने धर्म और संस्कृति का आनंद ले सकते हैं।
  • पारिवारिक लाभ: आरती का गायन पारिवारिक एकता और प्रेम को बढ़ावा देता है। यह एक ऐसा अवसर है जब परिवार के सदस्य एक साथ आकर भगवान की आराधना कर सकते हैं।
  • व्यक्तिगत लाभ: आरती का गायन व्यक्ति को शांति और आराम प्रदान करता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो सभी प्राणियों के रक्षक हैं। इसलिए, उनकी आरती करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

Shri krishna ji ki aarti lyrics pdf

Shri krishna ji ki aarti से सम्बंधित प्रश्न

श्री कृष्ण जी की आरती कब गाई जाती है?

श्री कृष्ण जी की आरती (Shri krishna ji ki aarti) विशेष रूप से जन्माष्टमी के दिन गाई जाती है। जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का दिन है, जो हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन, भक्त श्री कृष्ण जी की पूजा और आरती करते हैं।

श्री कृष्ण जी की आरती कैसे गाई जाती है?

श्री कृष्ण जी की आरती (Shri krishna ji ki aarti) को एक समूह में या एकल व्यक्ति द्वारा गाया जा सकता है। आरती के दौरान, भक्त भगवान कृष्ण जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने खड़े होते हैं। आरती के गीत गाते हुए, भक्त भगवान कृष्ण जी की आराधना करते हैं और उनके गुणों का गुणगान करते हैं।

श्री कृष्ण जी की आरती का महत्व क्या है?

श्री कृष्ण जी की आरती (Shri krishna ji ki aarti) का महत्व इस प्रकार है:

आध्यात्मिक लाभ: आरती का गायन भक्तों में श्रद्धा और भक्ति की भावना को बढ़ाता है। यह आरती श्री कृष्ण जी से आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने की कामना करती है।
सामाजिक लाभ: आरती के आयोजन से सामाजिक सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग एक साथ आकर भगवान की आराधना कर सकते हैं।
व्यक्तिगत लाभ: आरती का गायन व्यक्ति को शांति और आराम प्रदान करता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है।

श्री कृष्ण जी की आरती एक शक्तिशाली उपाय है जो भक्तों को आध्यात्मिक, सामाजिक, और व्यक्तिगत लाभ प्रदान कर सकती है।

श्री कृष्ण जी की आरती का शुभ समय क्या है?

श्री कृष्ण जी की आरती (Shri krishna ji ki aarti) का सबसे शुभ समय सुबह के समय है। सुबह के समय, वातावरण शांत और सुखद होता है, जो आरती के गायन के लिए अनुकूल होता है। इसके अलावा, सुबह के समय मन शांत और एकाग्र होता है, जो आरती के अर्थ को समझने और उसका लाभ उठाने में मदद करता है।

श्री कृष्ण जी की आरती कहाँ की जा सकती है?

श्री कृष्ण जी की आरती (Shri krishna ji ki aarti) घर पर, मंदिर में, या किसी अन्य पवित्र स्थान पर की जा सकती है।

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