श्री शनि देव आरती (Shri Shani Dev Ki Aarti)

श्री शनि देव की आरती (Shri Shani Dev Ki Aarti) “जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ” का पाठ अक्सर शनि देव की मूर्ति के सामने किया जाता है, और इसमें शनि देव की महिमा, गुण, और कथाओं का वर्णन होता है। आरती में भक्त शनि देव की प्रार्थना करते हैं कि वे सभी कष्टों को दूर करके उनके जीवन से सुख, समृद्धि, और शांति प्रदान करें। किसी भी देवी देवता की पूजा करने के बाद उनकी श्रद्धा पूर्वक आरती का शास्त्रोंक्त विधान है। शनिवार को पड़ने वाली शनि अमावस्या के दिन शनि देव की इस अत्यंत ही चमत्कारी आरती का गायन करने से शनि महाराज तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।

Shri Shani Dev Ki Aarti का वीडियो

श्री शनि देव आरती लिरिक्स हिंदी में (Shri Shani Dev Ki Aarti lyrics in Hindi )

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जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

shani dev ki photo

श्री शनि देव आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Shri Shani Dev Ki Aarti lyrics in English )

Jai jai Shri Shanidev bhaktan hitakaari .
Suraj ke putr prabhu chhaayaa mahataari ॥
॥ jai jai Shri Shanideva..॥

Shyaam amk vakr dṛshṭ chaturbhujaa dhaari .
Nilaambar dhaar naath gaj ki asavaari ॥
॥ jai jai Shri Shanideva..॥

Kriṭ mukuṭ shish rajit dipat hai lilaari .
Muktan ki maalaa gale shobhit balihaari ॥
॥ jai jai Shri Shanideva..॥

Modak mishṭhaan paan chadhat hain supaari .
Lohaa til tel udad mahishi ati pyaari ॥
॥ jai jai Shri Shanideva..॥

Dev danuj ṛshi muni sumarin nar naari .
Vishvanaath dharat dhyaan sharaṇ hain tumhaari ॥
॥ jai jai Shri Shanideva..॥

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Shri Shani Dev Ki Aarti के लाभ

  • शनि देव को प्रसन्न करने में मदद करती है: श्री शनि देव आरती भगवान शनि को प्रसन्न करने में मदद करती है। शनि देव न्याय और कर्म के देवता हैं। उनकी कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
  • भगवान शनि के आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है: श्री शनि देव आरती भगवान शनि के आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है। शनि देव के आशीर्वाद से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करती है: श्री शनि देव आरती जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। शनि देव के आशीर्वाद से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
  • बुरी शक्तियों से बचाव में मदद करती है: श्री शनि देव आरती बुरी शक्तियों से बचाव में मदद करती है। शनि देव की कृपा से व्यक्ति बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहता है।

Shri Shani Dev Ki Aarti गाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

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  • आरती को शांत और श्रद्धापूर्वक गाया जाना चाहिए।
  • आरती को चकित या जल्दबाजी में नहीं गाया जाना चाहिए।
  • आरती को भगवान शनि की मूर्ति या तस्वीर के सामने गाया जाना चाहिए।
  • आरती को हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर गाया जाना चाहिए।

Shri Shani Dev Ki Aarti lyrics pdf

Shri Shani Dev Ki Aarti से सम्बंधित प्रश्न

श्री शनि देव की आरती क्यों और कब की जाती है?

श्री शनि देव की आरती (Shri Shani Dev Ki Aarti) उनके पूजन के समय गाई जाती है, विशेष रूप से शनिवार को। यह उनके भक्तों द्वारा उनके कृपा और आशीर्वाद के लिए किया जाता है।

श्री शनि देव की आरती के क्या महत्व हैं?

श्री शनि देव की आरती (Shri Shani Dev Ki Aarti) का पाठ उनके भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से वे उनके पूजन से संबंधित भावनाओं को व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा मांगे गए आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।

श्री शनि देव की आरती के लाभ क्या हैं?

श्री शनि देव की आरती का पाठ करने से भक्त उनके कष्टों को दूर कर सकते हैं और उनके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त कर सकते हैं। यह आरती शनि देव की कृपा और आशीर्वाद के लिए भक्तों की प्रार्थना का माध्यम होती है।

श्री शनि देव की आरती का पाठ कैसे किया जाता है?

श्री शनि देव की आरती का पाठ उनकी मूर्ति के सामने किया जाता है। आरती के बोल भक्तों द्वारा गुणगान के साथ गाए जाते हैं और उनकी पूजा के लिए दीपक जलाया जाता है। यह पूजा विधि विभिन्न स्थलों और परंपराओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 10, 2024

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