श्री वैष्णो देवी चालीसा (Shri Vaisnao Devi Chalisa)

श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) के पाठ के बहुत से लाभ और फायदे होते हैं। माँ वैष्णो देवी को हिंदू धर्म में एक पवित्र और महत्वपूर्ण देवी माना जाता है और उन्हें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजते हैं। वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त को अनेक शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।

विषय सूची

Shri Vaisnao Devi Chalisa Paath ke Laabh (चालीसा के पाठ के लाभ):

  1. शक्ति और सामर्थ्य: वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त को शक्ति और सामर्थ्य की अनुभूति होती है। यह चालीसा भक्त को सभी कठिनाइयों को पार करने की शक्ति प्रदान करती है और उन्हें सफलता की प्राप्ति होती है।
  2. भक्ति और श्रद्धा: श्री वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त को भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा की भावना विकसित होती है। इससे भक्त को भगवान के संग एकाग्रता का अनुभव होता है और उन्हें भगवान के दर्शन का अनुभव होता है।
  3. संवेदनशीलता और करुणा: वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त को संवेदनशीलता और करुणा की भावना विकसित होती है। यह चालीसा भक्त को दूसरों के दुखों को समझने और मदद करने की भावना को विकसित करती है।
  4. दोषों का नाश: वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त के जीवन से सभी दोषों का नाश होता है। इससे भक्त को पापों से मुक्ति मिलती है और उन्हें सच्चे मन से भगवान की भक्ति करने की शक्ति प्राप्त होती है।
  5. स्वास्थ्य और दीर्घायु: वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त को शारीरिक स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त होती है। इससे भक्त को रोगों से रक्षा मिलती है और उन्हें दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
  6. मनोविश्राम और ध्यान: वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त को मनोविश्राम और ध्यान की अनुभूति होती है। यह चालीसा भक्त को मानसिक चंचलता से मुक्ति मिलती है और उन्हें ध्यान की शक्ति प्राप्त होती है।

इस तरह, श्री वैष्णो देवी चालीसा के पाठ से भक्त को अनेक शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते है.

Shri Vaisnao Devi Chalisa का वीडियो

श्री वैष्णो देवी चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Shri Vaisnao Devi Chalisa lyrics in Hindi)

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॥ दोहा॥

गरुड़ वाहिनी वैष्णवी

त्रिकुटा पर्वत धाम

काली, लक्ष्मी, सरस्वती,

शक्ति तुम्हें प्रणाम

॥ चौपाई ॥

नमो: नमो: वैष्णो वरदानी,

कलि काल मे शुभ कल्याणी।

मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी,

पिंडी रूप में हो अवतारी॥

देवी देवता अंश दियो है,

रत्नाकर घर जन्म लियो है।

करी तपस्या राम को पाऊँ,

त्रेता की शक्ति कहलाऊँ॥

कहा राम मणि पर्वत जाओ,

कलियुग की देवी कहलाओ।

विष्णु रूप से कल्कि बनकर,

लूंगा शक्ति रूप बदलकर॥

तब तक त्रिकुटा घाटी जाओ,

गुफा अंधेरी जाकर पाओ।

काली-लक्ष्मी-सरस्वती माँ,

करेंगी पोषण पार्वती माँ॥

ब्रह्मा, विष्णु, शंकर द्वारे,

हनुमत, भैरों प्रहरी प्यारे।

रिद्धि, सिद्धि चंवर डुलावें,

कलियुग-वासी पूजत आवें॥

पान सुपारी ध्वजा नारीयल,

चरणामृत चरणों का निर्मल।

दिया फलित वर मॉ मुस्काई,

करन तपस्या पर्वत आई॥

कलि कालकी भड़की ज्वाला,

इक दिन अपना रूप निकाला।

कन्या बन नगरोटा आई,

योगी भैरों दिया दिखाई॥

रूप देख सुंदर ललचाया,

पीछे-पीछे भागा आया।

कन्याओं के साथ मिली मॉ,

कौल-कंदौली तभी चली मॉ॥

देवा माई दर्शन दीना,

पवन रूप हो गई प्रवीणा।

नवरात्रों में लीला रचाई,

भक्त श्रीधर के घर आई॥

योगिन को भण्डारा दीनी,

सबने रूचिकर भोजन कीना।

मांस, मदिरा भैरों मांगी,

रूप पवन कर इच्छा त्यागी॥

बाण मारकर गंगा निकली,

पर्वत भागी हो मतवाली।

चरण रखे आ एक शीला जब,

चरण-पादुका नाम पड़ा तब॥

पीछे भैरों था बलकारी,

चोटी गुफा में जाय पधारी।

नौ मह तक किया निवासा,

चली फोड़कर किया प्रकाशा॥

आद्या शक्ति-ब्रह्म कुमारी,

कहलाई माँ आद कुंवारी।

गुफा द्वार पहुँची मुस्काई,

लांगुर वीर ने आज्ञा पाई॥

भागा-भागा भैंरो आया,

रक्षा हित निज शस्त्र चलाया।

पड़ा शीश जा पर्वत ऊपर,

किया क्षमा जा दिया उसे वर॥

अपने संग में पुजवाऊंगी,

भैंरो घाटी बनवाऊंगी।

पहले मेरा दर्शन होगा,

पीछे तेरा सुमिरन होगा॥

बैठ गई माँ पिण्डी होकर,

चरणों में बहता जल झर झर।

चौंसठ योगिनी-भैंरो बर्वत,

सप्तऋषि आ करते सुमरन॥

घंटा ध्वनि पर्वत पर बाजे,

गुफा निराली सुंदर लागे।

भक्त श्रीधर पूजन कीन,

भक्ति सेवा का वर लीन॥

सेवक ध्यानूं तुमको ध्याना,

ध्वजा व चोला आन चढ़ाया।

सिंह सदा दर पहरा देता,

पंजा शेर का दु:ख हर लेता॥

जम्बू द्वीप महाराज मनाया,

सर सोने का छत्र चढ़ाया ।

हीरे की मूरत संग प्यारी,

जगे अखण्ड इक जोत तुम्हारी॥

आश्विन चैत्र नवरात्रे आऊँ,

पिण्डी रानी दर्शन पाऊँ।

सेवक’ कमल’ शरण तिहारी,

हरो वैष्णो विपत हमारी॥

॥ दोहा ॥

कलियुग में महिमा तेरी,

है माँ अपरंपार

धर्म की हानि हो रही,

प्रगट हो अवतार

॥ इति श्री वैष्णो देवी चालीसा ॥

श्री वैष्णो देवी चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Shri Vaisnao Devi Chalisa lyrics in Hindi)

श्री वैष्णो देवी जी
श्री वैष्णो देवी जी

॥ Doha ॥

garud vaishnavee

trikuta parvat dhaam

kaalee, lakshmee, sarasvatee,

shakti paksh praarthana

॥ Chaupaee ॥

namo: namo: vaishno vaibhavee,

kali kaal mein kalyaan shubhee.

mani parvat par jyoti vivaah,

pindee roop mein ho avataaree.

devee devata ansh diyo hai,

ratnaakar ka janm sinh raashi mein hota hai.

kari tapasya raam ko paoon,

treta kee shakti kahalaoon.

kaha raam mani parvat jao,

kaliyug kee devee kahalao.

vishnu roop se kalki aagaman,

loong shakti roop matharee.

tab tak trikuta ghaatee jao,

gupha andheree paryatak pao.

kaalee-lakshmee-sarasvatee maan,

poshan poshan paarvatee maan.

brahma, vishnu, shankar dvaare,

hanumat bhairon prahari priye.

riddhi, siddhi chanvar dulaaven,

kaliyug-vaasee poojat aaven.

paan supaaree jhanda naareeyal,

charanaamrt stej ka nirmal.

diya phalit var moskaee,

karn tapasya parvat aaee.

kaalee kaalakee bhayankar dhamaake,

ik din apana roop aaut.

ban kanya nagarota aaee,

yogee bhairon prakat hue.

roop dekh sundar laalachaya,

peechhe-peechhe bhaaga aaya.

kanyaon ke saath milee maan,

kaul-kandaulee vahee chalee mo.

deva maee darshan deena,

pavan roop ho gaya visheshagya.

navaraatron mein leela rachaee,

bhakt shreedhar ke ghar aaee.

yogin ko bhandaara deenee,

sabane rasoeekar bhojan keena.

maans, sosej bhaeeyon ko chhoot,

roop pavan kar chaahat.

ban bigul ganga nikalee,

parvat bhaagee ho matavaalee.

charan rekha aa ek sheela jab,

charan-paaduka naam pej taib.

peechhe bhairon the balakaaree,

chotee gupha mein jaay padaaree.

nau maah tak nivaas,

chala phodakar prakaasha.

aadya shakti-brahm kumaaree,

kahalaee maan aur kunvaaree.

gupha pravesh dvaar masaee,

langoor veer aagya ne paee.

bhaaga-bhaaga bhainro aaya,

raksha hit nij shastr shastr.

post kee gaee jhalak ja parvat oopar,

kshama karen use var.

apane sang mein pujavaoongee,

bhainro vailee bonaakunagee.

pahale mera darshan hoga,

peechhe tera sumiran hoga.

baith gayee maan pindee baar,

stej mein bahata jal jhar jhar.

chaunsath yoginee-bhainro baravat,

saptrshi aastu sumaran.

ghanta dhvani parvat par baje,

gupha niraalee sundar laage.

bhakt shreedhar poojan keen,

bhakti seva ka var leen.

sevak dhyaanoon tumako dhyaan,

dhvaja va chola anaachadaya.

sinh sada dar pahara deta hai,

panja sher ka du:kh har leta hai.

jamboo dveep mahaaraaj manaaya gaya,

sar sone ka chhatrachhaaya.

maan ka moorat sang mitr,

jage akhand ik jot vivaah.

aashvin chaitr nakshatre oon,

pindee raanee darshan paoon.

sevak kamal sharan tihaaree,

haro vaishno vipat hamaaree.

॥ Doha ॥

kaliyug mein teree mahima,

maan aparampaar hai

dharm kee haani ho rahee hai,

pragat ho avataar

॥ iti shree vaishno devee chaaleesa ॥

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Shri Vaisnao Devi Chalisa pdf (श्री वैष्णो देवी जी की चालीसा पीडीएफ)

Shri Vaisnao Devi Chalisa से जुड़े सामान्य प्रश्न

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श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) क्या है?

श्री वैष्णो देवी चालीसा (Shri Vaisnao Devi Chalisa) एक हिंदू भक्ति भजन है जो देवी वैष्णो देवी को समर्पित है। इसमें 40 छंद (चालीसा) शामिल हैं जो दिव्य मां की स्तुति करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।

कौन हैं माता वैष्णो देवी?

देवी वैष्णो देवी हिंदू देवी महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का स्वरूप हैं। उन्हें हिंदू धर्म में, विशेष रूप से भारत के जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में, अत्यधिक पूजनीय देवी माना जाता है। तीर्थयात्री उनका आशीर्वाद लेने के लिए वैष्णो देवी मंदिर जाते हैं।

श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) का पाठ करने का क्या महत्व है?

माना जाता है कि श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) का पाठ करने से आध्यात्मिक शांति और देवी वैष्णो देवी का आशीर्वाद मिलता है। भक्तों का मानना है कि यह उनकी इच्छाओं को पूरा करने, सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें शांति और खुशी प्रदान करने में मदद कर सकता है।

चालीसा का पाठ आमतौर पर कैसे किया जाता है?

भक्त श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) का पाठ भक्ति और ईमानदारी से करते हैं। इसका उच्चारण अक्सर धार्मिक समारोहों के दौरान किया जाता है, खासकर वैष्णो देवी मंदिर जाते समय। कई लोग अपनी नियमित पूजा दिनचर्या के हिस्से के रूप में भी इसका प्रतिदिन पाठ करते हैं।

क्या कोई श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) का पाठ कर सकता है?

हाँ, कोई भी श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) का पाठ कर सकता है, चाहे उसकी उम्र या लिंग कुछ भी हो। यह भक्तिपूर्ण प्रार्थना का एक रूप है जो उन सभी के लिए खुला है जो देवी वैष्णो देवी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।

क्या चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष समय या अवसर है?

हालाँकि आप चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) का पाठ किसी भी समय कर सकते हैं, कुछ भक्त इसे अपनी दैनिक प्रार्थना के हिस्से के रूप में सुबह या शाम को करना पसंद करते हैं। यह आमतौर पर धार्मिक त्योहारों और वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थ यात्रा के दौरान भी पढ़ा जाता है।

क्या चालीसा पढ़ने का कोई विशेष तरीका है?

श्री वैष्णो देवी चालीसा(Shri Vaisnao Devi Chalisa) का पाठ कैसे करें, इस पर कोई सख्त नियम नहीं है, लेकिन आमतौर पर इसे भक्ति और शुद्ध हृदय से करने की सलाह दी जाती है। कुछ लोग चालीसा का पाठ करते हुए दीया जलाना और फूल चढ़ाना पसंद करते हैं।

क्या चालीसा का पाठ करने से विशेष मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं?

भक्तों का मानना है कि श्री वैष्णो देवी चालीसा (Shri Vaisnao Devi Chalisa) का सच्चे मन से पाठ करने से उनकी मनोकामनाएं और इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। हालाँकि, जोर अक्सर भौतिक लाभ के बजाय आध्यात्मिक आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करने पर होता है।

क्या देवी वैष्णो देवी से जुड़ी कोई अन्य प्रार्थना या अनुष्ठान हैं?

हाँ, Shri Vaisnao Devi Chalisa के अलावा, भक्त अक्सर “वैष्णो देवी आरती” का पाठ करते हैं और वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा करते हैं, जिसमें पवित्र गुफा मंदिर की यात्रा शामिल होती है जहाँ माना जाता है कि देवता निवास करते हैं।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

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