श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Ji Ki Aarti)

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Ji Ki Aarti) “जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा” एक पूजा क्रिया है जो विश्वकर्मा देवता को समर्पित की जाती है। विश्वकर्मा देवता हिन्दू धर्म में शिल्पकारी और विज्ञान के देवता के रूप में माने जाते हैं। उन्हें कारीगरों और शिल्पकारों का प्रमुख देवता माना जाता है और उनकी पूजा कारीगरों के बर्तन, मशीनरी, और शिल्प कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए की जाती है।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती में उनकी महिमा, कृपा, और आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है। आरती के दौरान भक्त उनके गुणगान करते हैं और उनसे कार्यों में सफलता की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

Vishwakarma Ji Ki Aarti का वीडियो

श्री विश्वकर्मा जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी (Vishwakarma Ji Ki Aarti lyrics in Hindi )

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जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥

आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग मे, ज्ञान विकास किया ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ।
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपाति पावे ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा॥

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श्री विश्वकर्मा जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी (Vishwakarma Ji Ki Aarti lyrics in Hindi )

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .
Sakal sṛshṭi ke karataa, rakshak stuti dharmaa ॥

Aadi sṛshṭi me vidhi ko, shruti upadesh diyaa .
Jiv maatr kaa jag me, jñaan vikaas kiyaa ॥

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .

Dhyaan kiyaa jab prabhu kaa, sakal siddhi aai .
Rishi amgiraa tap se, shaanti nahin paai ॥

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .

Rog grast raajaa ne, jab aashray linaa .
Sankaṭ mochan banakar, duur duahkhaa kinaa ॥

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .

Jab rathakaar dampati, tumhaari ṭer kari .
Sunakar din praarthanaa, vipat hari sagari ॥

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .

Ekaanan chaturaanan, panchaanan raaje.
Tribhuj chaturbhuj dashabhuj, sakal ruup saaje ॥

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .

Dhyaan dhare tab pad kaa, sakal siddhi aave .
Man dvividhaa miṭ jaave, aṭal shakti paave ॥

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .

Shri Vishwakarmaa ki aarati, jo koi gaave .
Bhajat gajaanaand svaami, sukh sampaati paave ॥

Jai Shri Vishwakarma prabhu, Jai Shri Vishwakarma .
Sakal sṛshṭi ke karataa, rakshak stuti dharmaa॥

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Vishwakarma Ji Ki Aarti के लाभ

  1. भक्ति और श्रद्धा की वृद्धि: श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Ji Ki Aarti) का गाना और सुनना भक्तों की भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि करता है। यह भगवान के प्रति आत्मिक समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है.
  2. कार्यों में सफलता: श्री विश्वकर्मा जी की आरती के द्वारा भक्त उनसे कार्यों में सफलता प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं, और उनके आशीर्वाद से कार्यों में समृद्धि होती है.
  3. कारीगरों और उद्योगकर्मियों के लिए महत्वपूर्ण: श्री विश्वकर्मा जी की आरती का विशेष महत्व कारीगरों, उद्योगकर्मियों, और शिल्पकारों के लिए होता है, जो उनके उद्योग और कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए इसका आदर करते हैं.
  4. आत्मा की शांति और सुख: आरती के गाने और सुनने से आत्मा की शांति, सुख, और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. यह भक्त को मानसिक तनाव से राहत दिलाता है.
  5. समाज में एकता का बढ़ावा: श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Ji Ki Aarti) का साझा गाना समाज में एकता और सामाजिक एकात्रिता की भावना को बढ़ावा देता है, जब भक्त साथ मिलकर आरती का आयोजन करते हैं।
  6. आध्यात्मिक विकास: आरती के गाने और सुनने से आध्यात्मिक विकास होता है, और भक्त अपने आध्यात्मिक सफलता की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

Vishwakarma Ji Ki Aarti lyrics pdf

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Vishwakarma Ji Ki Aarti से सम्बंधित प्रश्न

श्री विश्वकर्मा जी की आरती क्या है?

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Ji Ki Aarti) एक पूजा क्रिया है जो विश्वकर्मा देवता को समर्पित की जाती है। इस आरती के माध्यम से भक्त उनकी महिमा का गुणगान करते हैं और उनसे कार्यों में सफलता प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती कब और कैसे की जाती है?

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Ji Ki Aarti) विशेष अवसरों पर गाई जाती है, जैसे कि विश्वकर्मा पूजा या विश्वकर्मा जयंती के दिन। आरती के दौरान, भक्तगण धूप, दीपक, और प्रसाद के साथ आरती गाते हैं।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती का महत्व क्या है?

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Vishwakarma Ji Ki Aarti) का महत्व उनकी पूजा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए होता है। इसके माध्यम से कारीगरों, उद्योगकर्मियों, और शिल्पकारों की सफलता और सुरक्षा की प्रार्थना की जाती है।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती के अन्य प्रमुख आरतियां क्या होती हैं?

श्री विश्वकर्मा जी के अलावा भगवान के विभिन्न रूपों के लिए अन्य भी आरतियां होती हैं, जैसे कि श्री गणेश जी की आरती, श्री हनुमान जी की आरती, और श्री दुर्गा जी की आरती। इन आरतियों का उद्देश्य भगवान के पूजन और आशीर्वाद की प्राप्ति करना होता है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024