गंगा मैया जी की आरती (Ganga maiya ji ki aarti) एक प्रसिद्ध हिंदू आरती है जो माँ गंगा की पूजा के लिए गाई जाती है। आरती में, भक्त माँ गंगा का अभिवादन करते हैं, उनके गुणों का गुणगान करते हैं, और उनकी कृपा से मनवांछित फल प्राप्त करने की आशा करते हैं।
आरती को आमतौर पर एक दीपक या लौ के सामने गाया जाता है। आरती के दौरान, भक्त माँ गंगा को फूल, प्रसाद और धूप अर्पित करते हैं। आरती के अंत में, भक्त माँ गंगा से अपने और अपने परिवार की रक्षा करने की प्रार्थना करते हैं। गंगा मैया की आरती करने से जीवन सुखमय होता है और धन की कभी कमी नहीं होती है। गंगा माँ की आरती से भोले शंकर का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विषय सूची
Ganga maiya ji ki aarti का वीडियो
गंगा मैया जी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Ganga maiya ji ki aarti lyrics in Hindi)
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मन वांशित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुखदाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
एक बार ही जो तेरी, शरणागति आता ।
यम की त्रास मिटाकर, परम गति पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
आरती मात तुम्हारी, जो जान नित्त जाता ।
दास वाही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मन वांशित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
गंगा मैया जी की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Ganga maiya ji ki aarti lyrics in English)
Om jai Gange maataa, maiyaa jay gange maataa .
Jo nar tumako dhyaataa, man vaanshit phal paataa ॥
Om jay gange maataa…
Chandr sii jyot tumhaarii, jal nirmal aataa .
Sharaṇ pade jo terii, so nar tar jaataa ॥
Om jay gange maataa…
Putr sagar ke taare, sab jag ko jñaataa .
Kṛpaa dṛshṭi ho tumhaarii, tribhuvan sukhadaataa ॥
Om jay gange maataa…
Ek baar hii jo terii, sharaṇaagati aataa .
Yam kii traas miṭaakar, param gati paataa ॥
Om jay gange maataa…
Aarti maat tumhaarii, jo jaan nitt jaataa .
Daas vaahii sahaj men, mukti ko paataa ॥
Om jay gange maataa…
Om jay gange maataa, shrii gange maataa .
Jo nar tumako dhyaataa, man vaanshit phal paataa ॥
Om jay gange maataa…
यह आरती भी पढ़े
Ganga maiya ji ki aarti lyrics pdf
Ganga maiya ji ki aarti से जुड़े सामान्य प्रश्न
प्रश्न 1 : “ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता” आरती कब और किसने लिखी थी?
उत्तर: यह आरती की उत्पत्ति का कोई निश्चित प्रमाण नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह बहुत प्राचीन है। यह आरती कई संस्कृत ग्रंथों में मिलती है, जिनमें गंगा पुराण और गंगा स्तोत्र शामिल हैं।
प्रश्न 2: “ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता” आरती को किस अवसर पर गाया जाता है?
उत्तर: यह आरती माँ गंगा की पूजा के दौरान गाई जाती है। यह आरती गंगा दशहरा, गंगा स्नान और अन्य गंगा-उत्सवों पर भी गाई जाती है।
प्रश्न 3: “ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता” आरती की लोकप्रियता का क्या कारण है?
उत्तर: इस आरती की लोकप्रियता के कई कारण हैं। सबसे पहले, यह आरती माँ गंगा की भक्ति का एक सुंदर और भावपूर्ण गायन है। दूसरा, आरती का संगीत बहुत ही मनमोहक है। तीसरा, यह आरती भारत के सभी हिस्सों में प्रचलित है। इन सभी कारणों से, यह आरती हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय है।
- “ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता” आरती को आमतौर पर एक दीपक या लौ के सामने गाया जाता है।
- आरती के दौरान, भक्त माँ गंगा को फूल, प्रसाद और धूप अर्पित करते हैं।
- आरती के अंत में, भक्त माँ गंगा से अपने और अपने परिवार की रक्षा करने की प्रार्थना करते हैं।
आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।
इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
संजय इज़ारदार का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। वे poojaaarti.com में मंदिरो और त्योहारों के पोस्ट में हमारा सहयोग करते है और हमसे शुरुआत से ही जुड़े हुए है।