जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha Lyrics)

जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha Lyrics) एक लोकप्रिय कृष्ण भजन है, जिसे मृदुल कृष्ण शास्त्री जी ने अपने मधुर ध्वनि में प्रस्तुत किया है। इस गीत के माध्यम से भक्त भगवान श्री कृष्ण से उनके रंग रूप और लीलाओ के बारे में पूछते है और श्री कृष्ण उनका उत्तर देते है। मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के मधुर स्वरों में भक्तगण झूमते हुए इस भक्ति गीत का आनंद लें और श्री कृष्ण की जय जयकार करें। यह भक्ति गीत अक्सर कृष्ण मंदिरों में, जन्माष्टमी त्यौहार एवं सत्संग समारोह में सुना जा सकता है।

जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha Lyrics) Details

गीत के बोलजरा इतना बता दे कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों।
गीतकार मृदुल कृष्ण शास्त्री जी
म्यूजिककैलाश कुमार जी
लिरिक्सविपुल जी
म्यूजिक लेबलसुभम ऑडियो वीडियो प्राइवेट लिमिटेड
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जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha Lyrics) हिंदी में

जरा इतना बता दे कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों ।
श्लोक- श्याम का काला बदन,
और श्याम घटा से काला,
शाम होते ही,
गजब कर गया मुरली वाला ॥

जरा इतना बता दे कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों,
तु काला होकर भी जग से,
इतना निराला क्यों ॥

मैंने काली रात में जन्म लिया,
और काली गाय का दूध पीया,
कजरे का रंग भी काला,
कमली का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

सखी रोज़ ही घर में बुलाती है,
और माखन बहुत खिलाती है,
सखिओं का दिल भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

मैंने काले नाग पर नाच किया,
और काले नाग को नाथ लिया,
नागों का रंग भी काला,
यमुना का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

सावन में बिजली कड़कती है,
बादल भी बहुत बरसतें है,
बादल का रंग भी काला,
बिजली का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

सखी नयनों में कजरा लगाती है,
और नयनों में मुझे बिठाती है,
कजरे का रंग भी काला,
नयनों का रंग भी काला,
इसी लिए मै काला ॥

जरा इतना बता दें कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों,
तु काला होकर भी जग से,
इतना निराला क्यों ॥

जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha Lyrics) अंग्रेजी में

Jara Itna Bata De Kanha,
Ki Tera Rang Kala Kyon ।
Shlok- Shyam Ka Kala Badan,
Aur Shyam Ghata Se Kala,
Shaam Hote Hi,
Gajab Kar Gaya Murli Wala ॥

Jara Itna Bata De Kanha,
Ki Tera Rang Kala Kyon,
Tu Kala Hokar Bhi Jag Se,
Itna Nirala Kyon ॥

Mainne Kali Raat Mein Janm Liya,
Aur Kali Gaay Ka Doodh Peeya,
Kajre Ka Rang Bhi Kala,
Kamli Ka Rang Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Sakhi Roz Hi Ghar Mein Bulati Hai,
Aur Makhan Bahut Khilati Hai,
Sakhion Ka Dil Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Mainne Kale Nag Par Nach Kiya,
Aur Kale Nag Ko Nath Liya,
Nagon Ka Rang Bhi Kala,
Yamuna Ka Rang Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Sawan Mein Bijli Kadakti Hai,
Badal Bhi Bahut Barasaten Hai,
Badal Ka Rang Bhi Kala,
Bijli Ka Rang Bhi Kala,
Isee Lie Mai Kala ॥

Sakhi Nainon Mein Kajra Lagati Hai,
Aur Nainon Mein Mujhe Bithati Hai,
Kajre Ka Rang Bhi Kala,
Nainon Ka Rang Bhi Kala,
Isi Liye Mai Kala ॥

Jara Itna Bata Den Kanha,
Ki Tera Rang Kala Kyon,
Tu Kala Hokar Bhi Jag Se,
Itna Nirala Kyon ॥

जरा इतना बता दे कान्हा (Jara Itna Bata De Kanha Lyrics) Pdf


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