मेरे बांके बिहारी लाल “Mere Banke Bihari Lal” एक भक्तिगीत है जिसमें भगवान कृष्ण को “बांके बिहारी लाल” कहा गया है। यह गीत कृष्ण मंदिरों में और विभिन्न धार्मिक उपासना के अवसरों पर भक्ति और उत्साह के साथ गाया जाता है। इस गीत के बोल भगवान कृष्ण की दिव्य गुणों और खिलवाड़ी स्वभाव की प्रशंसा करते हैं।
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Mere Banke Bihari Lal गीत का वीडियो
मेरे बांके बिहारी लाल हिंदी में (Mere Banke Bihari Lal lyrics In Hindi)
मेरे बांके बिहारी लाल
मेरे बांके बिहारी लाल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
मेरे बांके बिहारी लाल
मेरे बांके बिहारी लाल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका
तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
तेरे गले वैजयंती माल
तेरे गले वैजयंती माल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
मेरे बांके बिहारी लाल
मेरे बांके बिहारी लाल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
तेरी मुरलिया पे मन मेरा अटका
तेरी मुरलिया पे मन मेरा अटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
तेरे घुंघर वाले बाल
तेरे घुंघर वाले बाल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
मेरे बांके बिहारी लाल
मेरे बांके बिहारी लाल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल
तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
मेरे बांके बिहारी लाल
मेरे बांके बिहारी लाल
तू इतना ना करियो श्रृंगार
नजर तोहे लग जाएगी
प्यारे नजर तोहे लग जाएगी
मेरे बांके बिहारी लाल अंग्रेजी में (Mere Banke Bihari Lal lyrics In English )
Mere Banke Bihari Lal
Mere Banke Bihari Lal
Tu Itana Na Kariyo Shringar
Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Teri Suratiya Pe Man Mora Ataka
Teri Suratiya Pe Man Mora Ataka
Pyara Lage Tera Pila Pataka
Pyara Lage Tera Pila Pataka
Tere Gale Vaijayanti Mal
Tere Gale Vaijayanti Mal
Tu Itana Na Kariyo Shringar
Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Mere Banke Bihari Lal
Mere Banke Bihari Lal
Tu Itana Na Kariyo Shringar
Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Teri Muraliya Pe Mana Mera Ataka
Teri Muraliya Pe Mana Mera Ataka
Pyara Lage Tera Nila Pataka
Pyara Lage Tera Nila Pataka
Tere Ghunghar Wale Bal
Tere Ghunghar Wale Bal
Tu Itana Na Kariyo Shringar
Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Mere Banke Bihari Lal
Mere Banke Bihari Lal
Tu Itana Na Kariyo Shringar
Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Teri Kamariya Pe Mana Mera Ataka
Teri Kamariya Pe Mana Mera Ataka
Pyara Lage Tera Kala Pataka
Pyara Lage Tera Kala Pataka
Teri Tedhi Medhi Chal
Teri Tedhi Medhi Chal
Tu Itana Na Kariyo Shringar
Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Mere Banke Bihari Lal
Mere Banke Bihari Lal
Tu Itana Na Kariyo Shringar
Najar Tohe Laga Jayegi
Pyare Najar Tohe Laga Jayegi
Mere Banke Bihari Lal गीत के फायदे
- आध्यात्मिक उन्नति: “बांके बिहारी लाल” जैसे भक्तिगीत दिव्य से संबंध बनाने और आध्यात्मिक उन्नति की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। बोल अक्सर भगवान कृष्ण की गुणों और कथाओं का वर्णन करते हैं, जिससे श्रोताओं को उनके उपदेश और क्रियाएँ विचारने का अवसर मिलता है।
- तनाव कम करना: भक्तिगान में रमने से मानसिक शांति और सुकून की भावना उत्पन्न हो सकती है। यह ध्यान का एक रूप हो सकता है, जिससे तनाव और चिंता के स्तर कम हो सकते हैं।
- सांस्कृतिक संबंध: भक्तिगीत बहुत सारी संस्कृतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, और उन्हें गाने से सांस्कृतिक पहचान और सहगमन की भावना बढ़ सकती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: भक्तिगीत सुनने या गाने से सकारात्मक भावनाओं और खुशी की भावना उत्पन्न हो सकती है। यह जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर यात्रा करने में मदद कर सकता है।
- मानसिकता: जब आप भक्तिगीत गाते हैं या सुनते हैं, तो आप अक्सर वर्तमान क्षण में पूरी तरह से उपस्थित हो जाते हैं। यह ध्यान और केंद्रशीलता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
- समुदाय और एकता: समूह में गाने में भाग लेने या भक्तिगीत सुनने से समुदाय और एकता की भावना उत्पन्न हो सकती है, सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देती है।
- आस्था की अभिव्यक्ति: भक्तिगीत एक तरीका प्रदान करते हैं कि व्यक्तियों अपने चयनित देवता के प्रति अपनी आस्था और भक्ति की अभिव्यक्ति कर सकें, अपने आध्यात्मिक संबंध को गहरा करने में मदद करते हैं।
- प्रेरणा: भक्तिगीत में भगवान कृष्ण के साथ जुड़ी कथाएँ और उपदेश प्रेरणा का स्रोत सकती है जो एक धार्मिक और मानवीय जीवन जीने के लिए एक स्रोत बन सकते हैं।
- आत्म-शुद्धि: कभी-कभी, भक्तिगीत के साथ में भावनाओं को रिहा करने और आत्म-शुद्धि की भावना का एक स्रोत प्रदान कर सकते हैं, जिससे व्यक्तियों को अपनी भावनाओं को बाहर निकालने का एक माध्यम मिलता है।
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Mere Banke Bihari Lal lyrics Pdf
Mere Banke Bihari Lal से सम्बंधित सामान्य प्रश्न
बांके बिहारी कौन हैं?
बांके बिहारी, जिन्हें बड़ी भक्ति से “बांके बिहारी लाल” भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध भगवान कृष्ण की मूर्ति हैं। वे मुख्य रूप से मथुरा के श्री बनके बिहारी मंदिर में पूजे जाते हैं।
बांके बिहारी मंदिर कहां स्थित है?
श्री बनके बिहारी मंदिर मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर श्री कृष्ण के आदर्श रूप “बांके बिहारी लाल” की मूर्ति की विशेष पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
बांके बिहारी मंदिर के क्या महत्वपूर्ण उपवास हैं?
बांके बिहारी मंदिर में कई महत्वपूर्ण उपवास हैं, जैसे कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी (पारणा एकादशी), कार्तिक मास में बड़ी एकादशी, माघ मास में जानकी जान्मोत्सव (विवाह पंचमी) आदि।
बांके बिहारी के विशेष भक्ति संग्रहलय की बातें?
बांके बिहारी मंदिर में एक विशेष भक्ति संग्रहलय है जो उनके लीलाओं, कथाओं, और उनके विभिन्न आवतारों को प्रस्तुत करता है। यहां विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री, आरतियाँ, भजनों की चित्रण, आदि देखने को मिलती है।
कौन सी आरती बांके बिहारी मंदिर में आदिकाल से की जाती है?
बांके बिहारी मंदिर में “श्री ठाकुर जी की आरती” नामक आरती आदिकाल से की जाती है और यह एक महत्वपूर्ण पूजा प्रथा है।
बांके बिहारी की कहानियों में क्या खास है?
बांके बिहारी की कई प्रसिद्ध कहानियाँ हैं, जिनमें उनकी बचपन की लीलाएँ, नंद किशोर की कथाएँ, और उनके भक्तों के साथ विशेष संबंधों की कहानियाँ शामिल हैं।
बांके बिहारी के भक्तों की कौन-कौन सी विशेष परंपराएँ हैं?
बांके बिहारी के भक्तों की कई परंपराएँ हैं, जैसे कि श्री चैतन्य महाप्रभु और संत तुलसीदास जी आदि। इनमें से एक प्रमुख परंपरा है गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय, जिसने बांके बिहारी के भक्ति में विशेष रूप से योगदान किया।
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