मेरी माँ के बराबर कोई नहीं (Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi) एक प्रसिद्ध हिंदी भक्ति गीत है जो मां दुर्गा की महिमा और दिव्यता को व्यक्त करता है। इस गाने में देवी मां की अदभुत शक्ति और उनकी उन्नति का गुणगान किया गया है। इस गीत में देवी माँ के उच्च कोटि और अद्भुत रूप का उल्लेख किया गया है। यह गीत माता के प्रति भक्तों द्वारा उनका आध्यात्मिक आधार और प्रेम को व्यक्त किया जाता है।
यह भक्ति भजन नवरात्री त्योहार में अक्सर सुने जाने वाले भक्ति गीतों में से एक गीत है, यह भक्ति भजन यूट्यूब पर 126 M + से अधिक बार देखा गया है, जिससे इसकी लोकप्रियता का पता चलता है।
माँ दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक रूप से अनेक लाभ मिलते हैं। उनकी पूजा करने से सभी कार्य सफल होते हैं और जीवन में समृद्धि का आगमन होता है। इसलिए, मातारानी की पूजा को नियमित रूप से करना बहुत शुभ होता है।
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मेरी माँ के बराबर कोई नहीं (Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi) वीडियो
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं (Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi) हिंदी में
ऊँचा है भवन, ऊँचा मन्दिर
ऊँची है शान मईया तेरी
चरणों में झुके बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी
हे कालरात्रि, हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
जैसे धारा और नदियां
जैसे फूल और बगिया
मेरे इतने ज़्यादा पास है तू
जब ना होगा तेरा आँचल
नैना मेरे होंगे जल-थल
जायेंगे कहाँ फिर मेरे आंसू
दुःख दूर हुआ मेरा सारा
अंधियारों में चमका तारा
नाम तेरा जब भी है पुकारा
सूरज भी यहाँ है चंदा भी
तेरे जैसा उजागार कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
हे कालरात्रि, हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
तेरे मंदिरों में माई
मैंने ज्योत क्या जलायी
हो गया मेरे घर में उजाला
क्या बताऊँ तेरी माया
जब कभी मैं लड़खड़ाया
तूने 10 भुजाओं से सम्भाला
खिल जाती है सूखी डाली
भर जाती है झोली खली
तेरी ही मेहर है मेहरवाली
ममता से तेरी बढ़के मईया
मेरी तो धरोहर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
हे कालरात्रि, हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ, मेरी माँ
मेरी माँ, मेरी माँ
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं (Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi) अंग्रेजी में
Uncha hai bhawan, uncha mandir
Unchi teri shan hai maiya
Charno me jhuke baadal bhi tere
Parvat pe lage saiya teri
Hey Kalratri, hey Kalyani
Tera jod dhara par koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Teri mamta se jo gehra hai
Aisa to sagar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Jaise dhara or nadiyan
Jaise phool or bagiya
Mere itne jyada paas hai tu
Jab na hoga tera aanchal
Mere naina honge jal-thal
Jayenge fir kahan mere aansu
Dukh door hua mera sara
Andhiyaro me chamka tara
Naam tera jab bhi pukara
Sooraj bhi yaha chanda bhi yaha
Tere jaisa ujagar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Hey Kalratri, hey Kalyani
Tera jod dhara par koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Tere mandiro me maai
Maine jyot kya jalayi
Ho gaya mere ghar me ujaala
Kya batau teri maya
Jab kabhi main ladkhadaya
Tune 10 bhujao se sambhala
Khil jati hai sukhi daali
Bhar jati hai jholi khali
Teri hi meher hai Mehrawali
Mamta se teri badhke maiya
Meri to dharohar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Hey Kalratri, hey Kalyani
Tera jod dhara par koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Teri mamta se jo gehra hai
Aisa to sagar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa ke barabar koi nahi
Meri Maa, Meri Maa
Meri Maa, Meri Maa
Meri Maa ke barabar koi nahi
Singer – Jubin Nautiyal
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Navratri Pooja Vidhi (नवरात्रि पूजा विधि):
नवरात्रि पूजा का आयोजन बड़ी भक्ति और श्रद्धा के साथ किया जाता है। यहां एक सामान्य नवरात्रि पूजा की विधि दी गई है:
सामग्री:
- माँ दुर्गा की मूर्ति या छवि
- आरती की थाली
- धूप, दीप, अगरबत्ती
- फूल, पुष्प माला
- प्रसाद – मिठाई, फल, खीर, चावल, दूध
- वस्त्र, चंदन, कुमकुम
- पूजनीय वस्त्र, प्रतिष्ठित जगह
पूजा विधि:
- स्थान सम्बंधित तैयारी: पूजा का स्थल पवित्र और शुद्ध होना चाहिए। पूजा स्थल को सजाने के बाद वहां आसन बिछाएं और उपयुक्त जगह पर माँ दुर्गा की मूर्ति या छवि रखें।
- कलश स्थापना: एक कलश ले और उसमें पानी भरकर उस पर कुछ गंध और कुमकुम डालें। कलश के उपर मुली या सुपारी रखें और उसके चारों ओर मोली बांधें। इसे स्थापित करते समय मंत्रों का जाप करें।
- आरती की तैयारी: आरती की थाली में दीपक, धूप, अगरबत्ती, फूल आदि रखें।
- पूजा की शुरुआत: पूजा की शुरुआत करते समय माँ दुर्गा की मूर्ति का समर्पण करें और उन्हें ध्यान करें।
- मंत्रोच्चारण: माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें, जैसे कि ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ या ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’।
- पूजा और अर्चना: माँ दुर्गा की मूर्ति की पूजा करें, पुष्प, धूप, दीप आदि से उन्हें अर्चित करें।
- आरती: पूजा की अंत में माँ दुर्गा की आरती करें और उनकी प्रार्थना करें कि वे आपकी जीवन में आनंद, शांति और सफलता लेकर आएं।
- प्रसाद: पूजा के बाद प्रसाद को माँ दुर्गा के चरणों में रखें और उसे बाद में भक्तों को बाँटें।
- व्रत और उपवास: नवरात्रि के दौरान व्रत और उपवास का पालन करें, जिसमें आप खाने-पीने की विशेष बातों का ध्यान रखें।
नवरात्रि पूजा विधि एक सामान्य रूप है, हर क्षेत्र में इसमें थोड़ी भिन्नता हो सकती है। आपके पास अपने परिप्रेक्ष्य में विधियों की जानकारी होनी चाहिए और यदि आपको कोई विशेष आवश्यकता हो, तो स्थानीय पंडित से सलाह लें।
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं (Meri Maa Ke Barabar Koi Nahi) गीत के लाभ
- आध्यात्मिक अनुभव: यह गीत मां दुर्गा की पूजा और आदर्शों को प्रकट करता है, जिससे आध्यात्मिक अनुभव बढ़ सकता है। इसके माध्यम से भक्त उनके संगीत और भगवान के प्रति भक्ति की भावना को अभिव्यक्त कर सकते हैं।
- आशीर्वाद प्राप्ति: मां दुर्गा की पूजा और उनके भक्ति भजन के द्वारा भक्तों को माता के आशीर्वाद प्राप्त हो सकते हैं।
- भक्ति और समर्पण: यह भजन भक्ति और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित करता है, जिससे भक्त अपने आराध्य देवी माता के प्रति अपनी समर्पण भावना को प्रकट कर सकते हैं।
- आत्म-शांति: गीत गाने और सुनने से आत्मा को शांति मिल सकती है। इसका सुनना और गाना मानसिक चिंता और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
- सामाजिक समृद्धि: यह गीत समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है, क्योंकि लोग इसका साथ मिलकर गाते हैं और इसका आनंद लेते हैं।
- संगीतिक मनोरंजन: इस गीत का संगीत और गायन भक्तों को संगीतिक मनोरंजन प्रदान करता है और उन्हें आनंदित कर सकता है।
माँ दुर्गा FAQ
माँ दुर्गा कौन है?
माँ दुर्गा हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी है जो शक्ति और साहस की प्रतीक है। वह नवरात्रि के दौरान पूजी जाती है और उसके विभिन्न रूपों की भक्ति की जाती है।
नवरात्रि क्या है?
नवरात्रि एक हिन्दू त्योहार है जो माता दुर्गा के नौ दिनों तक की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार वर्षा ऋतु के अंत में मनाया जाता है और इसके दौरान माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है।
माँ दुर्गा के कितने रूप होते हैं?
माँ दुर्गा के नौ प्रमुख रूप होते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। ये रूप हैं: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
दुर्गा पूजा कब और कैसे मनाई जाती है?
दुर्गा पूजा नवरात्रि के दौरान मनाई जाती है, जिसमें माता दुर्गा की पूजा और उनके विभिन्न रूपों की भक्ति की जाती है। पूजा में विशेष रूप से कन्या पूजन, हवन, आरती और प्रसाद शामिल होते हैं।
दुर्गा पूजा का महत्व क्या है?
दुर्गा पूजा माता दुर्गा के शक्ति और साहस की प्रतीक होने के साथ-साथ अच्छे के खिलाफ बुराई की जीत का प्रतीक भी है। इसके द्वारा लोग आत्म-निर्भरता, साहस और न्याय की महत्वपूर्ण मानसिकता को प्राप्त करते हैं।
दुर्गा अष्टमी और नवमी को क्यों मनाई जाती है?
दुर्गा अष्टमी और नवमी नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन को संकेत करते हैं और इन दिनों पर माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। ये दिन माता दुर्गा के उत्तरी और पश्चिमी दिशा में उनकी विजय का प्रतीक होते हैं।
दुर्गा पूजा के दौरान कौन-कौन सामग्री का उपयोग किया जाता है?
दुर्गा पूजा के दौरान कन्या पूजन, हवन, आरती और प्रसाद के लिए पुष्प, धूप, दीप, फल, सुगंधित द्रव्य, मिठाई, नीविद्य, चावल, काजल, कपूर, गंध, बेल पत्र, बर्तन आदि का उपयोग किया जाता है।
दुर्गा माता के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण बातें?
माता दुर्गा को ‘नवदुर्गा’ के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है “नौ देवीयों की देवी”। वह सिंह वाहिनी और वज्र की धारण करने वाली हैं और उनके प्रत्येक रूप का अपना विशिष्ट महत्व होता है।
माँ दुर्गा की कहानियाँ क्या हैं?
माता दुर्गा के कई प्रसिद्ध कथाएं हैं, जैसे कि महिषासुरमर्दिनी, दुर्गा सप्तशती, कात्यायनी कथा आदि, जो उनकी भक्ति और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं।
माँ दुर्गा के मंत्र और जाप का महत्व क्या है?
माँ दुर्गा के मंत्र और जाप का मान्यता से महत्व है। ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ और ‘सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके’ जैसे मंत्र दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए उपयोग होते हैं।
यह थी कुछ महत्वपूर्ण माँ दुर्गा के बारे में प्रश्नों की उत्तर। ध्यान दें कि ये सामग्री केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है और आपको अपने धार्मिक गुरु या पंडित से पूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
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