Om Jai Jagdish Hare Aarti (ॐ जय जगदीश हरे आरती)

“ओम जय जगदीश आरती” (Om Jai Jagdish Hare Aarti) गाने से हृदय को शुद्धि मिलती है और भगवान के आशीर्वाद से संयम और सहानुभूति बढ़ती है। इस आरती के गान से आध्यात्मिक संबंध मजबूत होते हैं और व्यक्ति अपने अध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रगति करता है। इसके अलावा, यह आरती देवी-देवताओं के श्रद्धा भाव को उत्कृष्ट करती है और भक्ति भाव को स्थायी करती है।

इससे व्यक्ति की मानसिक शक्ति बढ़ती है और उसे आत्मविश्वास का अनुभव होता है। यह आरती शुभकामनाओं को पूर्ण करने में भी सहायक होती है और व्यक्ति को आनंद और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, श्रद्धा और भक्ति से गायी जाने वाली इस आरती से संयम और सभी कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

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ॐ जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स हिंदी में (Om Jai Jagdish Hare Aarti in Hindi)

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ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥

ॐ जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Om Jai Jagdish Hare Aarti in English)

Om Jai Jagdish Hare Aarti image

Om Jaye Jagdish Hare, Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat, Khshan Mein Door Kare॥

Jo Dhaywe Phal Pave, Dukh Vinse Man Ka॥
Sukh Sampati Ghar Aave, Kasht Mite Tan Ka॥

Maat-Pita Tum Mere, Sharan Gahun Kiskee॥
Tum Bin Aur Na Duja, Aas Karun Jiskee॥

Tum Puran Parmatma, Tum Antaryami॥
Par-Brahm Parmeshwar, Tum Sabke Swami॥

Tum Karuna Ke Saagar, Tum Palankarta॥
Main Moorakh Khal Kami, Mein Sewak Tum Swami,
Kripa Karo Bharta …

Tum Ho Ek Agochar, Sabke Pran Pati॥
Kis Vidhi Milun Dayamay, Tumko Main Kumti॥

Deenbandhu Dukh Harta, Thakur Tum Mere, Swami Rakshak Tum Mere॥
Apne Hath Uthaao, Apni Sharan Lagao,
Dwar Para Tere …

Vishay Vikaar Mitaao, Paap Haro Deva॥
Shradha Bhakti Badhaao, Santan Ki Sewa॥

Om Jaye Jagdish Hare, Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat, Khshan Mein Door Kare॥

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Om Jai Jagdish Hare Aarti lyrics pdf

Om Jai Jagdish Hare Aarti से जुड़े सामान्य प्रश्न

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“ओम जय जगदीश हरे आरती” क्या है?

Om Jai Jagdish Hare Aarti एक हिंदू भक्ति गीत है जो अक्सर हिंदू धर्म में प्रमुख देवताओं में से एक, भगवान विष्णु की प्रशंसा में गाया जाता है। यह एक लोकप्रिय धार्मिक रचना है और अक्सर मंदिरों और धार्मिक समारोहों के दौरान इसका प्रदर्शन किया जाता है।

“ओम जय जगदीश हरे आरती” गाने का क्या महत्व है?

Om Jai Jagdish Hare Aarti गाना भगवान विष्णु की स्तुति, कृतज्ञता और भक्ति प्रदान करने का एक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि इससे भक्तों को शांति, समृद्धि और आशीर्वाद मिलता है। आरती देवता से सुरक्षा और मार्गदर्शन पाने के लिए भी की जाती है।

“ओम जय जगदीश हरे आरती” आमतौर पर कब गाया जाता है?

यह आरती आमतौर पर हिंदू धार्मिक समारोहों के दौरान गाई जाती है, खासकर मंदिरों और घरों में शाम की प्रार्थना (संध्या आरती) के दौरान। इसे विशेष अवसरों, त्योहारों और भगवान विष्णु को समर्पित धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान भी किया जा सकता है।

“ओम जय जगदीश हरे आरती” के रचना का श्रेय किसे जाता है ?

Om Jai Jagdish Hare Aarti के रचयिता का श्रेय प्रसिद्ध भारतीय संत और कवि पंडित शारदा राम फिल्लौरी को दिया जाता है। उन्होंने इसकी रचना 19वीं सदी में की थी.

क्या “ओम जय जगदीश हरे आरती” किसी भी भाषा में गाया जा सकता है?

जबकि Om Jai Jagdish Hare Aarti के मूल गीत संस्कृत में हैं, इसे व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए इसे आमतौर पर गाया जाता है और विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाता है। इसे गाते समय शब्दों के अर्थ और महत्व को समझना आवश्यक है, चाहे भाषा कोई भी हो।

क्या “ओम जय जगदीश हरे आरती” गाने से जुड़े कोई विशिष्ट अनुष्ठान हैं?

Om Jai Jagdish Hare Aarti आमतौर पर दीपक या कपूर (आरती दीपक) जलाकर और उसे देवता की मूर्ति या छवि के सामने गोलाकार गति में घुमाकर की जाती है। ऐसा करते समय भक्त अक्सर आरती गाते हैं, और इसके साथ घंटियाँ और अन्य धार्मिक वाद्ययंत्र बजते हैं। आरती को ईमानदारी और भक्ति के साथ गाना महत्वपूर्ण है।

क्या “ओम जय जगदीश हरे आरती” कोई भी गा सकता है, या यह पुजारियों और प्रशिक्षित गायकों के लिए आरक्षित है?

“Om Jai Jagdish Hare Aarti” कोई भी व्यक्ति गा सकता है जो भगवान विष्णु को अपनी भक्ति अर्पित करना चाहता है। यह पुजारियों या प्रशिक्षित गायकों के लिए आरक्षित नहीं है। यह भक्ति की एक सरल और हार्दिक अभिव्यक्ति है जिसे सभी उम्र के भक्तों द्वारा गाया जा सकता है।

क्या इस आरती में विविधताएं या विभिन्न संस्करण हैं?

हां, गीत और धुनों में भिन्नता के साथ Om Jai Jagdish Hare Aarti की विभिन्न क्षेत्रीय विविधताएं और रूपांतर हैं। ये अनुकूलन मूल भक्ति संदेश को बनाए रखते हुए स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं को प्रतिबिंबित कर सकते हैं।

क्या “ओम जय जगदीश हरे आरती” गाते समय पालन करने के लिए कोई विशिष्ट ड्रेस कोड या शिष्टाचार है?

हालाँकि कोई सख्त ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन Om Jai Jagdish Hare Aarti गाने सहित धार्मिक समारोहों में भाग लेते समय शालीनता और सम्मानपूर्वक कपड़े पहनने की प्रथा है। अनुष्ठान के दौरान भक्तों को स्वच्छ और श्रद्धापूर्ण वातावरण बनाए रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त, सम्मान और भक्ति के संकेत के रूप में आरती गाते समय हाथ जोड़कर खड़ा होना या बैठना विनम्र माना जाता है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

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