साईं बाबा आरती गीत (Sai Baba Aarti Lyrics)

आरती(Sai Baba Aarti Lyrics) के बोल साईं बाबा की महिमा और उनके भक्तों को उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। आरती की शुरुआत में, भक्त साईं बाबा के नाम का गुणगान करते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

Sai Baba Aarti का वीडियो

Sai Baba Aarti के लाभ

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  1. आध्यात्मिक अनुभव: साईं बाबा की आरती का पाठ करने से आध्यात्मिक अनुभव में वृद्धि होती है। आप उनके साथ अपनी आत्मा की संवाद बढ़ा सकते हैं और उनके महत्वपूर्ण उपदेशों को अपना सकते है।
  2. शांति और सुख: साईं बाबा की आरती का पाठ करने से आपके जीवन में शांति और सुख की भावना बढ़ती है। आरती के पाठ से आपके मन में चिंताओं का समाधान होता है और आपका मानसिक स्थिति सुधारता है।
  3. भक्ति और समर्पण: साईं बाबा की आरती का पाठ करके आप अपनी भक्ति और समर्पण की भावना को मजबूत करते हैं। आप बाबा के प्रति अपने आदर्श निष्ठा को प्रकट कर सकते हैं और उनके मार्गदर्शन के साथ आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में आग्रहित हो सकते हैं।
  4. आशीर्वाद प्राप्ति: साईं बाबा की आरती का पाठ करने से आप उनके कृपालु आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं। आपके जीवन में सफलता, खुशियाँ और सुखमय अनुभव आ सकते हैं।
  5. सत्संग और सम्प्रेम: साईं बाबा की आरती का पाठ करने से आपका दिल सत्संग और सम्प्रेम की ओर मुख करता है। आपकी आरती की भावना से उनके प्रति अपनी श्रद्धा जगा सकते हैं।
  6. आध्यात्मिक शिक्षा: साईं बाबा की आरती के पाठ से आपको उनके शिक्षाओं का संवाद होता है। आप उनके महत्वपूर्ण उपदेशों को अपने जीवन में अंकित करके आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में प्रगति कर सकते हैं।

साईं बाबा की आरती के पाठ से आप आध्यात्मिक, मानसिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से जीवन को सुखमय और प्रेरणास्त्रोत बना सकते हैं।

साईं बाबा आरती गीत (Sai Baba Aarti Lyrics In Hindi)

श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
जा की कृपा विपुल सुखकारी, दुःख, शोक, संकट, भयहारी।

शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्त्व दिखाया।
कितने भक्त शरण में आए, वे सुख शान्ति निरंतर पाये।

भाव धरै जो मन में जैसा, साईं का अनुभव हो वैसा।
गुरु की उदी लगावे तन को, समाधान लाभत उस तन को।

साईं नाम सदा जो गावे, सो फल जग में शाश्वत पावे।
गुरुवासर करि पूजा सेवा, उस पर कृपा करत गुरुदेवा।

राम, कृष्ण, हनुमान रूप में, दे दर्शन जानत जो मन में।
विविध धर्म के सेवक आते, दर्शन कर इच्छित फल पाते।

जै बोलो साईं बाबा की, जै बोलो अवधूत गुरु की।
साईं की आरती जो कोई गावै, घर में बस सुख मंगल पावे।

अनंतकोटि ब्रम्हांडनायक राजाधिराज योगिराज जय जय जय साईं बाबा की,
आरती श्री साईं गुरुवार की।

आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।

साईं बाबा आरती गीत लिरिक्स अंग्रेजी में (Sai Baba Aarti Lyrics In English)

Sai Baba Ki Aarti Lyrics Ki Photo
Sai Baba

shrii saaiin guruvar kii, paramaanand sadaa suravar kii.
jaa kii kṛpaa vipul sukhakaarii, duahkh, shok, sankaṭ, bhayahaarii.

shiraḍii men avataar rachaayaa, chamatkaar se tattv dikhaayaa.
kitane bhakt sharaṇ men aae, ve sukh shaanti nirantar paaye.

bhaav dharai jo man men jaisaa, saaiin kaa anubhav ho vaisaa.
guru kii udii lagaave tan ko, samaadhaan laabhat us tan ko.

saaiin naam sadaa jo gaave, so phal jag men shaashvat paave.
guruvaasar kari puujaa sevaa, us par kṛpaa karat gurudevaa.

raam, kṛshṇ, hanumaan ruup men, de darshan jaanat jo man men.
vividh dharm ke sevak aate, darshan kar ichchhit phal paate.

jai bolo saaiin baabaa kii, jai bolo avadhuut guru kii.
saaiin kii aaratii jo koii gaavai, ghar men bas sukh mangal paave.

anantakoṭi bramhaanḍanaayak raajaadhiraaj yogiraaj jay jay jay saaiin baabaa kii,
aaratii shrii saaiin guruvaar kii.

aaratii shrii saaiin guruvar kii, paramaanand sadaa suravar kii.

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Sai Baba Aarti Lyrics Pooja Vidhi (साईं बाबा की आरती पूजा विधि):

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सामग्री:

  1. साईं बाबा की मूर्ति या फोटो
  2. पूजा की थाली
  3. दीपक और घी
  4. अगरबत्ती और धूप
  5. फूलों की माला
  6. कुछ फूल
  7. पुष्प और फल (चावल, फल, पानी)
  8. पूजा के लिए आरती पाठ पुस्तक
  9. पूजा के लिए बैठने की जगह

पूजा विधि:

  1. पवित्रीकरण: सबसे पहले, हाथ धोकर और पांव धोकर पवित्रीकरण करें।
  2. मंत्र पुकारना: अपनी पूजा स्थल पर बैठकर, साईं बाबा की मूर्ति या फोटो की ओर मुख करके मंत्र पुकारें: “ओम साईं, श्री साईं, जय जय साईं”।
  3. पूजा थाली तैयारी: पूजा की थाली पर साईं बाबा की मूर्ति या फोटो रखें। उसके बाद, दीपक को घी में लिटाकर थाली में रखें।
  4. आरती की शुरुआत: दीपक को जलाकर आरती की शुरुआत करें।
  5. आरती गान: आरती के दौरान आप आरती गान सकते हैं या आरती पाठ पुस्तक का उपयोग कर सकते हैं।
  6. फूलों की माला: आरती के बाद, आप फूलों की माला से साईं बाबा की मूर्ति की पूजा कर सकते हैं।
  7. पुष्प और फल: फूल और फलों की ओफरिंग करें, जैसे कि चावल, फल और पानी।
  8. आरती का समापन: आरती के बाद, साईं बाबा की मूर्ति की ओर प्रणाम करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
  9. दीप और धूप: अगरबत्ती और धूप का आरती करें, जो आरती के दौरान दीपक के आगे घुमाए जाते हैं।
  10. प्रसाद: पूजा के बाद प्रसाद के रूप में कुछ मिठाई या फल बांटें और सभी उपस्थित लोगों को दें।

इस तरह, साईं बाबा की आरती की पूजा विधि का पालन करके आप उनकी भक्ति में आदर्श और सुखमय जीवन प्राप्त कर सकते हैं।

Sai Baba Aarti Lyrics In Hindi Pdf (साईं बाबा आरती गीत पीडीएफ)

Sai Baba Aarti से जुड़े सामान्य प्रश्न

यह आरती किसके लिए है?

यह आरती(Sai Baba Aarti) साईं बाबा के लिए है, जो एक हिंदू संत और आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी में भारत में शिरडी में अपना आश्रम स्थापित किया था। साईं बाबा को उनके करुणा, दया और प्रेम के लिए जाना जाता था।

आरती किस अवसर पर की जाती है?

आरती(Sai Baba Aarti) को आमतौर पर साईं बाबा के मंदिरों में, गुरुवार को या किसी अन्य विशेष अवसर पर की जाती है। आरती को घर पर भी किया जा सकता है।

आरती कैसे की जाती है?

आरती(Sai Baba Aarti) को आमतौर पर एक दीपक, अगरबत्ती और फूलों के साथ की जाती है। भक्त आरती के बोल गाते हैं और साईं बाबा को नमन करते हैं। आरती के अंत में, भक्त साईं बाबा से उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

यहां आरती(Sai Baba Aarti) करने के कुछ चरणों दिए गए हैं:

एक जगह पर बैठें और दीपक, अगरबत्ती और फूल रखें।
आरती के बोल गाना शुरू करें।
साईं बाबा को नमन करें।
आरती के अंत में, साईं बाबा से उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।

आरती(Sai Baba Aarti) करने के कुछ लाभ:

आरती करने से भक्तों को साईं बाबा के प्रति अपना प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करने में मदद मिलती है।
आरती करने से भक्तों को शांति और आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद मिलती है।
आरती करने से भक्तों को साईं बाबा के आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद मिलती है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

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