Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics (सरस्वती माता की आरती गीत)

सरस्वती माता की आरती (Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics) एक हिंदू भक्ति गीत है जो ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और सीखने की हिंदू देवी देवी सरस्वती को समर्पित है। आरती प्रार्थना का एक रूप है जिसमें आशीर्वाद लेने और भक्ति व्यक्त करने के लिए देवता के सामने एक दीपक या लौ लहराई जाती है।

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Saraswati Mata Ki Aarti का वीडियो

Saraswati Mata Ki Aarti के लाभ:

  1. विद्या में वृद्धि: सरस्वती माता की आरती का पाठ करने से विद्या में वृद्धि होती है। आपके विद्यार्थी जीवन में समझदारी और सम्पूर्णता आती है और आपकी शिक्षा में सफलता मिलती है।
  2. बुद्धि और ज्ञान में विकास: सरस्वती माता की आरती के पाठ से आपके मानसिक दृष्टिकोण, बुद्धि और ज्ञान में विकास होता है। यह आपके मानसिक क्षमता को बढ़ाता है।
  3. कला और साहित्य में उन्नति: सरस्वती माता की आरती का पाठ करने से कला, साहित्य और संगीत में उन्नति होती है। आपकी संवादना और रचनात्मकता में सुधार होता है और आप अद्वितीय रूप से प्रकट होने में सक्षम होते हैं।
  4. विद्या के क्षेत्र में सफलता: सरस्वती माता की आरती का पाठ करने से आपके विद्या के क्षेत्र में सफलता मिलती है। आपके शिक्षा, अध्ययन और प्रेसेंटेशन कौशल में सुधार होता है और आप अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में समर्थ होते हैं।
  5. उद्यमिता और समर्पण: सरस्वती माता की आरती के पाठ से आपकी उद्यमिता और समर्पण की भावना बढ़ती है। आप अपने काम में समर्पित रहते हैं और अपनी संवादनाओं को सफलता की ओर ले जाते हैं।
  6. बुद्धिमत्ता और विचारशीलता: सरस्वती माता की आरती के पाठ से आपकी बुद्धिमत्ता और विचारशीलता में सुधार होता है। आप समस्याओं का समाधान निकालने में सक्षम होते हैं और सही निर्णय लेने में मदद करते हैं।
  7. आत्मविश्वास और सकारात्मकता: सरस्वती माता की आरती के पाठ से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और सकारात्मकता में वृद्धि होती है। आप खुद को सफल होने की स्थिति में पाते हैं और आपका आत्मा संतोषित रहता है।

सरस्वती माता की आरती के पाठ से आपके जीवन में विद्या, ज्ञान, उन्नति, सफलता, आत्म-समर्पण और सकारात्मकता की प्रेरणा मिलती है।

सरस्वती मंत्र

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌॥

हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥

सरस्वती माता की आरती गीत हिंदी में (Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi)

Saraswati Mata Ki Photo
Saraswati Mata Ki Photo

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…..

बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…..

देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय…..

विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय…..

धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय…..

मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय…..

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..

सरस्वती माता की आरती पूजा विधि:

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सरस्वती माता की आरती गीत अंग्रेजी में (Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics in English)

om jay sarasvatii maataa, jay jay sarasvatii maataa.
sad‍guṇ vaibhav shaalinii, tribhuvan vikhyaataa॥

chandravadani padmaasinii, dhruti mangalakaarii.
sohen shubh hams savaarii, atul tejadhaarii ॥ jaya…..

baaen kar men viiṇaa, daaen kar men maalaa.
shiish mukuṭ maṇii sohen, gal motiyan maalaa ॥ jaya…..

devii sharaṇ jo aaen, unakaa uddhaar kiyaa.
paiṭhii mantharaa daasii, raavaṇ samhaar kiyaa ॥ jaya…..

vidyaa jñaan pradaayinii, jñaan prakaash bharo.
moh, ajñaan, timir kaa jag se naash karo ॥ jaya…..

dhuup, diip, phal, mevaa maan sviikaar karo.
jñaanachakshu de maataa, jag nistaar karo ॥ jaya…..

maan sarasvatii kii aaratii jo koii jan gaaven.
hitakaarii, sukhakaarii, jñaan bhaktii paaven ॥ jaya…..

jay sarasvatii maataa, jay jay sarasvatii maataa.
sad‍guṇ vaibhav shaalinii, tribhuvan vikhyaataa॥ jaya…..

om jay sarasvatii maataa, jay jay sarasvatii maataa .
sad‍guṇ vaibhav shaalinii, tribhuvan vikhyaataa॥ jaya…..

Saraswati Mata Ki Aarti Pooja Vidhi (सरस्वती माता की आरती की पूजा विधि) :

सामग्री:

  1. सरस्वती माता की मूर्ति या छवि
  2. दीपक और घी
  3. अखंड दिया और कपूर
  4. फूल, मिठाई और प्रसाद
  5. आरती की थाली
  6. आरती की मंडली
  7. पूजन सामग्री (कुमकुम, चावल, दूध, फूल, नीम्बू आदि)

पूजा विधि:

  1. पूजा स्थल को सफा और सुरक्षित बनाएं। वास्तविक पूजा ग्रंथ या वेबसाइट से आरती के गीत के शब्द खोजकर प्रिंट करें या स्मार्टफोन या उपकरण पर डाउनलोड करें।
  2. पूजा समय के पहले, सार्वजनिक पूजा के लिए मूर्ति या छवि की आवश्यकता होती है। पूजा के लिए यह स्थान विशेष रूप से स्थित होता है।
  3. आरती की थाली को साफ़ पानी से धोकर सूखा लें। उसमें दीपक रखें और उसमें घी डालें। दीपक की बत्ती रोशन करें।
  4. आरती की मंडली में अखंड दिया और कपूर रखें।
  5. मूर्ति या छवि के सामने बैठकर पूजा करें। कुमकुम, चावल, दूध, फूल, नीम्बू आदि से पूजन करें।
  6. पूजा सामग्री को पूजा की मंडली में सामान्य रूप से व्यवस्थित करें।
  7. पूजा आरती की मंडली के आस-पास चक्रवर्ती दिशा में चलते हुए आरती की थाली को घुमाएं।
  8. आरती की गीत का पाठ करें और इस दौरान आरती की थाली को मंद-मंद घुमाएं।
  9. आरती के बाद दीपक को मूर्ति या छवि की ओर ले जाएं और उसे समर्पित करें।
  10. मुख्य आरती के बाद, अखंड दिया के साथ सरस्वती माता की खास आरती भी करें।
  11. पूजा सामग्री को दी में भांट कर उसे और फूल, मिठाई, प्रसाद आदि को मूर्ति या छवि के सामने रखें।
  12. पूजा समापन करें और ब्रह्मणों या पुरोहितों को दान दें।

सरस्वती माता की आरती की पूजा विधि का पालन करके आप उन्हें समर्पित होकर उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।

Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics Pdf

सरस्वती माता से संबंधित प्रमुख प्रश्नों के उत्तर (FAQ)

सरस्वती माता कौन हैं?

सरस्वती माता हिन्दू धर्म में ज्ञान, कला, शिक्षा, संगीत, क्रियात्मकता और विद्या की देवी मानी जाती हैं।

सरस्वती माता के क्या संक्षिप्त रूप हैं?

सरस्वती माता के संक्षिप्त रूप में वीणा या वीणावादन के साथ चित्रित होती हैं, जिनका अर्थिक और आध्यात्मिक महत्व होता है।

क्या सरस्वती माता की पूजा कैसे की जाती है?

सरस्वती माता की पूजा में उनके प्रतिमा, मूर्ति या छवि को सजाकर पूजा की जाती है। दीपक, फूल, फल, मिठाई आदि के साथ विशेष पूजा की जाती है।

क्या सरस्वती पूजा के आसपास कुछ विशेष तिथियाँ होती हैं?

हां, सरस्वती पूजा वसंत पंचमी के दिन मनाई जाती है, जो वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत होता है।

क्या सरस्वती माता की कोई विशेष मंत्राएँ होती हैं?

हां, सरस्वती पूजा वसंत पंचमी के दिन मनाई जाती है, जो वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत होता है।

सरस्वती माता की कौन-कौन सी विशेष आरतियाँ हैं?

कुछ प्रसिद्ध सरस्वती माता की आरतियाँ हैं, जैसे “जय सरस्वती माता” और “सरस्वती माता की आरती”।

सरस्वती माता का क्या प्रतीक होता है?

सरस्वती माता के प्रतीक में वीणा, किताब, बटुक, स्वान, हंस आदि शामिल होते हैं, जो उनके विभिन्न विद्याओं और कलाओं को प्रतिनिधित्व करते हैं।

क्या सरस्वती माता के पर्व में विद्यार्थियों के लिए कोई विशेष आयोजन होता है?

हां, वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सफलता के लिए पूजा आयोजित की जाती है।

क्या सरस्वती माता की कोई अन्य पूजा तिथियाँ होती हैं?

नियमित आरतियों के अलावा, बसंत पंचमी के अलावा नवरात्रि के दौरान भी सरस्वती माता की पूजा की जाती है।

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