Brihaspati Ji Ki Aarti (बृहस्पति जी की आरती)

बृहस्पति जी की आरती (Brihaspati Ji Ki Aarti) “ॐ जय बृहस्पति देवा” एक हिंदू भक्ति गीत है जो भगवान बृहस्पति को समर्पित है, जिन्हें गुरु या बृहस्पति के नाम से भी जाना जाता है। आरती प्रार्थना का एक रूप है जिसमें आशीर्वाद लेने और भक्ति व्यक्त करने के लिए देवता के सामने दीपक या कपूर की लौ लहराना शामिल है।

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बृहस्पति जी की आरती लिरिक्स हिंदी में (Brihaspati Ji Ki Aarti lyrics in Hindi)

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ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।
छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे।
जेष्टानंद बंद सो-सो निश्चय पावे।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

बृहस्पति जी की आरती लिरिक्स अंग्रेजी में (Brihaspati Ji Ki Aarti lyrics in English)

Brihaspati Ji Ki Aarti Photo
Brihaspati Ji Ki Aarti Photo

om jay bṛhaspati devaa, jay bṛhaspati devaa.
chhin-chhin bhog lagaauun, kadalii phal mevaa..
om jay bṛhaspati devaa..

tum puurṇ paramaatmaa, tum amtaryaamii.
jagatapitaa jagadiishvar, tum sabake svaamii..
om jay bṛhaspati devaa..

charaṇaamṛt nij nirmal, sab paatak hartaa.
sakal manorath daayak, kṛpaa karo bhartaa..
om jay bṛhaspati devaa..

tan, man, dhan arpaṇ kar, jo jan sharaṇ pade.
prabhu prakaṭ tab hokar, aakar dvaar khade..
om jay bṛhaspati devaa..

diinadayaal dayaanidhi, bhaktan hitakaarii.
paap dosh sab hartaa, bhav bandhan haarii..
om jay bṛhaspati devaa..

sakal manorath daayak, sab samshay taaro.
vishay vikaar miṭaao, santan sukhakaarii..
om jay bṛhaspati devaa..

jo koii aaratii terii prem sahit gaave.
jeshṭaanand band so-so nishchay paave..
om jay bṛhaspati devaa..

बृहस्पति जी की आरती को करने से आपको जीवन में सफलता, शिक्षा, धन, और धार्मिक उन्नति की वृद्धि होती है। यह आरती आपके विचारों को सफलता की दिशा में मोड़ती है और आपके प्रयासों को समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाती है।

Brihaspati Ji Ki Aarti Benefit (बृहस्पति जी की आरती करने के लाभ):

  1. शिक्षा में वृद्धि:
    आरती करने से बृहस्पति ग्रह की कृपा से आपकी शिक्षा में वृद्धि हो सकती है, जिससे आपकी विद्या का स्तर ऊंचा हो सकता है।
  2. व्यापार और व्यवसाय में सफलता:
    आरती करने से बृहस्पति ग्रह के प्रभाव से आपके व्यापारिक और व्यवसायिक प्रयास में सफलता मिल सकती है।
  3. धन की प्राप्ति:
    बृहस्पति जी की कृपा से आपके पास धन की वृद्धि हो सकती है और आपके आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
  4. सामाजिक सम्मान:
    यह आरती आपके सामाजिक स्थिति और सम्मान में वृद्धि कर सकती है, जो आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में महत्वपूर्ण है।
  5. आध्यात्मिक विकास:
    बृहस्पति जी की आरती करने से आपका आध्यात्मिक विकास हो सकता है और आप धार्मिक मार्ग पर अधिक चिंतन करने लग सकते हैं।
  6. बुराईयों से मुक्ति:
    बृहस्पति जी की आरती से आप अशुभ ग्रहों के दुख और बुराईयों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

बृहस्पति जी की आरती का पालन करके आप अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं और उच्च स्तर पर सफलता प्राप्त करने में मदद पा सकते हैं।

Brihaspati Ji Ki Aarti Pooja Vidhi (बृहस्पति जी की आरती पूजा विधि):

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सामग्री:

  1. बृहस्पति जी की मूर्ति या तस्वीर
  2. पूजा की थाली
  3. दीपक और घी
  4. अगरबत्ती या धूप
  5. कपूर
  6. फूल, मिठाई और फल (आपकी आरती की संपर्क्षिता के अनुसार)
  7. पूजा के लिए पानी और आचमन की बर्तन

पूजा विधि:

  1. पूजा की थाली पर बृहस्पति जी की मूर्ति या तस्वीर को रखें।
  2. थाली पर फूल, मिठाई और फल रखें।
  3. दीपक को घी से भरकर रखें और उसे जलाएं।
  4. अगरबत्ती या धूप को भी जलाएं और धूप की धुंध से मूर्ति की आरती करें।
  5. कपूर को आरती करने के बाद जलाएं और मूर्ति की आरती करें।
  6. अपने हाथों में पानी की बर्तन लें और आचमन करें।
  7. अब बृहस्पति जी की आरती को गाएं या पढ़ें। आप बृहस्पति जी की आरती के लिए विभिन्न आरती की पाठ प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें आरती करने की प्रक्रिया के अनुसार अनुकरण कर सकते हैं।
  8. आरती के बाद, प्रसाद को थाली पर रखें और इसे ब्रह्मिण, पंडित या गरीबों को दान करें।
  9. पूजा की थाली के सामग्री को संग्रहित करें और इसे आपके पूजा स्थल पर रखें।

बृहस्पति जी की आरती का पालन नियमित रूप से करने से आपको उनकी कृपा मिल सकती है और आपके जीवन में सफलता और खुशियाँ आ सकती हैं।

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Brihaspati Ji Ki Aarti Pdf (बृहस्पति जी की आरती पीडीएफ)

Brihaspati Ji FAQ in Hindi :

बृहस्पति भगवान कौन हैं?

बृहस्पति भगवान हिन्दू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख देवता हैं जिन्हें गुरु भी कहा जाता है। वे देवराज इंद्र के गुरु थे और विद्या, धर्म, विद्या, दान, विवाह, संगीत, वाणी और बुद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

बृहस्पति भगवान की कहानी क्या है?

बृहस्पति भगवान की कई कहानियाँ हैं। उनमें से एक कहानी है कि उन्होंने समुद्र मंथन के समय अमृत कलश को सुरक्षित रखने के लिए उनके बेटे बुध की मदद की थी।

बृहस्पति भगवान के क्या उपासना साधने चाहिए?

बृहस्पति भगवान की उपासना करते समय ध्यान, मनन, और जप का महत्व होता है। उनके मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करने से उनकी कृपा प्राप्त हो सकती है।

बृहस्पति भगवान के क्या उपाय किए जाते हैं?

बृहस्पति भगवान के उपाय के रूप में आप गुरुवार के दिन पर उनकी पूजा और आरती कर सकते हैं। आप खिचड़ी, यथाशक्ति अगरबत्ती, विद्या संबंधित उपहार आदि उपयोग करके भी उनके उपासना कर सकते हैं।

बृहस्पति ग्रह के दोष क्या होते हैं?

बृहस्पति ग्रह के दोष के फलस्वरूप व्यक्ति की शिक्षा, ज्ञान या सामाजिक सफलता में अड़चनें हो सकती हैं। यह दोष विशेष ग्रहों के संयोजन और स्थिति पर निर्भर कर सकते हैं।

बृहस्पति ग्रह का प्रभाव किस प्रकार होता है?

बृहस्पति ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, विद्या, धर्म, धन, विवाह और शिक्षा के क्षेत्र में होता है। यह उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और सफलता को भी प्रभावित कर सकता है।

बृहस्पति भगवान के व्रत क्या होते हैं?

बृहस्पति भगवान के व्रत गुरुवार के दिन या पूर्णिमा के दिन किए जाते हैं। इन व्रतों के द्वारा व्यक्ति उनकी कृपा प्राप्त करते हैं और उनके दोषों से मुक्ति पाने का प्रयास करते हैं।

बृहस्पति ग्रह के कुंडली में महत्व क्या होता है?

बृहस्पति ग्रह की स्थिति कुंडली में व्यक्ति की ज्ञान, विद्या, धर्म, धन और सामाजिक प्रतिष्ठा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण होती है। उनकी स्थिति और संयोजन व्यक्ति के जीवन के प्रमुख पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं।

बृहस्पति ग्रह के प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है?

बृहस्पति ग्रह के प्रभाव से बचने के लिए आप उनके उपाय और व्रतों का पालन कर सकते हैं। आप उनके मंत्र का जाप कर सकते हैं, उनकी पूजा आरती कर सकते हैं और विशेष व्रतों को मान सकते हैं जो उनके प्रभाव को न्यायिक कर सकते हैं।

बृहस्पति ग्रह का महत्व किस प्रकार से व्यक्ति के जीवन में दिखता है?

बृहस्पति ग्रह का महत्व व्यक्ति के जीवन में उनकी शिक्षा, ज्ञान, विद्या, धर्म, सामाजिक सफलता और आर्थिक स्थिति में दिखता है। उनकी प्रभावित स्थिति व्यक्ति के प्रत्येक पहलू पर प्रभाव डाल सकती है और उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित कर सकती है।

बृहस्पति भगवान के उपासना के क्या फायदे होते हैं?

बृहस्पति भगवान की उपासना से व्यक्ति को ज्ञान, विद्या, धर्म, धन, संगीत, विवाहित जीवन में सुख, और सामाजिक सफलता मिल सकती है। वे उनके भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी करने में मदद कर सकते हैं।

बृहस्पति भगवान के उपाय कैसे किए जाते हैं?

बृहस्पति भगवान के उपाय के रूप में आप उनकी पूजा, आरती, जप और व्रत का पालन कर सकते हैं। आप गुरुवार के दिन उनकी पूजा कर सकते हैं और उनके मंत्र का जाप कर सकते हैं जो आपके उपाय को प्रभावित कर सकते हैं।

बृहस्पति भगवान के पारंपरिक मंत्र क्या हैं?

बृहस्पति भगवान के पारंपरिक मंत्र में से एक मंत्र है, “ॐ बृं बृहस्पतये नमः”। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को बृहस्पति भगवान की कृपा प्राप्त हो सकती है।

बृहस्पति भगवान के प्रसाद में क्या शामिल होता है?

बृहस्पति भगवान के प्रसाद में आमतौर पर यथाशक्ति मिठाई, फल, पानी, फूल आदि शामिल हो सकते हैं। आपकी श्रद्धा और आराधना के अनुसार आप प्रसाद को तैयार कर सकते हैं।

बृहस्पति ग्रह का प्रभाव किस प्रकार से कम किया जा सकता है?

बृहस्पति ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए आप उनके उपाय और व्रतों का पालन कर सकते हैं। आप उनके प्रभाव को शुभ दिशा में ले जाने के लिए गुरु मंत्र का जाप कर सकते हैं और विशेष उपायों का पालन कर सकते हैं।

यह थे कुछ मुख्य और आम प्रश्न बृहस्पति भगवान के बारे में। आपकी श्रद्धा और आराधना के साथ, आप उनके उपासना के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकते हैं।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

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