Shree Jhulelal Chalisa “रतनलाल रतनाणी नंदन ।”श्री झूलेलाल जी, जिन्हें श्री कृष्ण, कान्हा, या गोविन्द के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के प्रमुख भगवानों में से एक हैं। वे हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में महत्त्वपूर्ण रूप से उल्लिखित हैं और महाभारत के “भगवद गीता” में भगवान श्रीकृष्ण के रूप में व्यक्ति की गई हैं। वे भगवान विष्णु के दशावतारों में से एक हैं और धर्म संस्थापना, धर्मरक्षा, और भक्तों की सेवा के लिए जाने जाते हैं।
विषय सूची
श्री झूलेलाल चालीसा के लाभ (Shree Jhulelal Chalisa ke Labh)
- भक्ति और आध्यात्मिक संवाद:
श्री झूलेलाल चालीसा का पाठ करके भक्त भगवान के साथ आध्यात्मिक संवाद में रहते हैं और अपने मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं। - मानसिक शांति:
श्री झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की मानसिक विकास बढ़ता है और मानसिक शांति अनुभव करने में मदद मिलती है। - संतान सुख:
श्रीझूलेलाल चालीसा का पाठ करने से संतान सुख में वृद्धि हो सकती है और पुत्र-पुत्री की प्राप्ति के लिए मदद कर सकती है। - स्वास्थ्य लाभ:
श्री झूलेलाल चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोगों के लिए रक्षा करती है। - सामाजिक और परिवारिक सुख:
श्रीझूलेलाल चालीसा का पाठ करने से सामाजिक और परिवारिक सुख में वृद्धि होती है। - समस्याओं का समाधान:
श्रीझूलेलाल चालीसा का पाठ करने से कई समस्याओं का समाधान मिलता है और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।’
श्री झूलेलाल का वीडियो (Shree Jhulelal Chalisa ka video)
श्री झूलेलाल चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Shree Jhulelal Chalisa Lyrics in Hindi )
॥ दोहा ॥
जय जय जल देवता,
जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय,
झुलेलाल अनूप ॥
॥ चौपाई ॥
रतनलाल रतनाणी नंदन ।
जयति देवकी सुत जग वंदन ॥
दरियाशाह वरुण अवतारी ।
जय जय लाल साईं सुखकारी ॥
जय जय होय धर्म की भीरा ।
जिन्दा पीर हरे जन पीरा ॥
संवत दस सौ सात मंझरा ।
चैत्र शुक्ल द्वितिया भगऊ वारा ॥4॥
ग्राम नसरपुर सिंध प्रदेशा ।
प्रभु अवतरे हरे जन कलेशा ॥
सिन्धु वीर ठट्ठा राजधानी ।
मिरखशाह नऊप अति अभिमानी ॥
कपटी कुटिल क्रूर कूविचारी ।
यवन मलिन मन अत्याचारी ॥
धर्मान्तरण करे सब केरा ।
दुखी हुए जन कष्ट घनेरा ॥8॥
पिटवाया हाकिम ढिंढोरा ।
हो इस्लाम धर्म चाहुँओरा ॥
सिन्धी प्रजा बहुत घबराई ।
इष्ट देव को टेर लगाई ॥
वरुण देव पूजे बहुंभाती ।
बिन जल अन्न गए दिन राती ॥
सिन्धी तीर सब दिन चालीसा ।
घर घर ध्यान लगाये ईशा ॥12॥
गरज उठा नद सिन्धु सहसा ।
चारो और उठा नव हरषा ॥
वरुणदेव ने सुनी पुकारा ।
प्रकटे वरुण मीन असवारा ॥
दिव्य पुरुष जल ब्रह्मा स्वरुपा ।
कर पुष्तक नवरूप अनूपा ॥
हर्षित हुए सकल नर नारी ।
वरुणदेव की महिमा न्यारी ॥16॥
जय जय कार उठी चाहुँओरा ।
गई रात आने को भौंरा ॥
मिरखशाह नऊप अत्याचारी ।
नष्ट करूँगा शक्ति सारी ॥
दूर अधर्म, हरण भू भारा ।
शीघ्र नसरपुर में अवतारा ॥
रतनराय रातनाणी आँगन ।
खेलूँगा, आऊँगा शिशु बन ॥20॥
रतनराय घर ख़ुशी आई ।
झुलेलाल अवतारे सब देय बधाई ॥
घर घर मंगल गीत सुहाए ।
झुलेलाल हरन दुःख आए ॥
मिरखशाह तक चर्चा आई ।
भेजा मंत्री क्रोध अधिकाई ॥
मंत्री ने जब बाल निहारा ।
धीरज गया हृदय का सारा ॥24॥
देखि मंत्री साईं की लीला ।
अधिक विचित्र विमोहन शीला ॥
बालक धीखा युवा सेनानी ।
देखा मंत्री बुद्धि चाकरानी ॥
योद्धा रूप दिखे भगवाना ।
मंत्री हुआ विगत अभिमाना ॥
झुलेलाल दिया आदेशा ।
जा तव नऊपति कहो संदेशा ॥28॥
मिरखशाह नऊप तजे गुमाना ।
हिन्दू मुस्लिम एक समाना ॥
बंद करो नित्य अत्याचारा ।
त्यागो धर्मान्तरण विचारा ॥
लेकिन मिरखशाह अभिमानी ।
वरुणदेव की बात न मानी ॥
एक दिवस हो अश्व सवारा ।
झुलेलाल गए दरबारा ॥32॥
मिरखशाह नऊप ने आज्ञा दी ।
झुलेलाल बनाओ बन्दी ॥
किया स्वरुप वरुण का धारण ।
चारो और हुआ जल प्लावन ॥
दरबारी डूबे उतराये ।
नऊप के होश ठिकाने आये ॥
नऊप तब पड़ा चरण में आई ।
जय जय धन्य जय साईं ॥36॥
वापिस लिया नऊपति आदेशा ।
दूर दूर सब जन क्लेशा ॥
संवत दस सौ बीस मंझारी ।
भाद्र शुक्ल चौदस शुभकारी ॥
भक्तो की हर आधी व्याधि ।
जल में ली जलदेव समाधि ॥
जो जन धरे आज भी ध्याना ।
उनका वरुण करे कल्याणा ॥40॥
॥ दोहा ॥
चालीसा चालीस दिन पाठ करे जो कोय ।
पावे मनवांछित फल अरु जीवन सुखमय होय ॥
॥ ॐ श्री वरुणाय नमः ॥
श्री झूलेलाल चालीसा लिरिक्स अंग्रेजी में (Shree Jhulelal Chalisa Lyrics in English)
॥ Doha ॥
Jai Jai Jal Devta,
Jai Jyoti Swaroop ।
Amar Udero Laal Jai,
Jhulelal Anoop ॥॥ Chaupai ॥
Ratanlal Ratnani Nandan ।
Jayati Devki Sut Jag Vandan ॥
Dariyashah Varun Avtari ।
Jai Jai Laal Sain Sukhkari ॥
Jai Jai Hoy Dharm Ki Bhira ।
Jinda Peer Hare Jan Peera ॥
Sanwat Das Sau Saat Manjhra ।
Chaitra Shukla Dwitiya Bhagu Vaara ॥ 4 ॥
Graam Nasarpur Sindh Pradesha ।
Prabhu Avtare Hare Jan Kalesha ॥
Sindhu Veer Thattha Rajdhani ।
Mirkhashah Naoop Ati Abhimani ॥
Kapati Kutil Kroor Koovichari ।
Yavan Malin Man Atyachari ॥
Dharmantaran Kare Sab Kera ।
Dukhi Huye Jan Kasht Ghanera ॥ 8 ॥
Pitavaya Haakim Dhindhora ।
Ho Islam Dharm Chahunora ॥
Sindhi Praja Bahut Ghabrai ।
Isht Dev Ko Ter Lagai ॥
Varun Dev Pooje Bahumbhati ।
Bin Jal Ann Gaye Din Raati ॥
Sindhi Teer Sab Din Chalisa ।
Ghar Ghar Dhyaan Lagaaye Isha ॥ 12 ॥
Garaj Utha Nad Sindhu Sahasa ।
Chaaro Aur Utha Nav Harasha ॥
Varundev Ne Suni Pukaara ।
Prakate Varun Meen Asvaara ॥
Divya Purush Jal Brahma Swarupa ।
Kar Pushtak Navaroop Anoopa ॥
Harshit Huye Sakal Nar Naari ।
Varundev Ki Mahima Nyaari ॥ 16 ॥
Jai Jai Kaar Uthi Chaahunora ।
Gai Raat Aane Ko Bhaunra ॥
mirakhashah Naoop Atyachari ।
nasht Karoonga Shakti Saari ॥
Door Adharm, Haran Bhoo Bhaara ।
Shighr Nasarapur Mein Avtaara ॥
Ratanraay Ratanaani Aangan ।
Kheloonga, Aaoonga Shishu Ban ॥ 20 ॥
Ratanaraay Ghar Khushi Aai ।
Jhulelal Avtaare Sab Dey Badhai ॥
Ghar Ghar Mangal Git Suhaye ।
Jhulelaal Haran Duhkh Aaye ॥
Mirakhashaah Tak Charcha Aai ।
Bheja Mantri Krodh Adhikai ॥
Mantri Ne Jab Baal Nihaara ।
Dhiraj Gaya Hriday Ka Saara ॥ 24 ॥
Dekhi Mantri Sain Ki Lila ।
Adhik Vichitr Vimohan Shila ॥
Balak Dhikha Yuva Senani ।
Dekha Mantri Buddhi Chakraani ॥
Yoddha Roop Dikhe Bhagvaana .
Mantri Hua Vigat Abhimaana ॥
Jhulelaal Diya Aadesha ।
Ja Tav Naoopati Kaho Sandesha ॥ 28 ॥
Mirakhashaah Naoop Taje Gumaana ।
Hindoo Muslim Ek Samaana ॥
Band Karo Nity Atyaachaara ।
Tyaago Dharmaantaran Vichaara ॥
Lekin Mirakhashaah Abhimaani ।
Varunadev Ki Baat Na Maani ॥
ek Divas Ho Ashwa Savaara ।
jhulelaal Gaye Darbaara ॥ 32 ॥
Mirakhashaah Naoop Ne Aagya Di ।
Jhulelaal Banao Bandi ॥
Kiya Swarup Varun Ka Dhaaran ।
Chaaro Aur Hua Jal Plaavan ॥
Darbaari Doobe Utraaye ।
Naoop Ke Hosh Thikaane Aaye ॥
Naoop Tab Pada Charan Mein Aai ।
Jai Jai Dhany Jai Sain ॥ 36 ॥
Vaapis Liya Naoopati Aadesha ।
Door Door Sab Jan Klesha ॥
Sanvat Das Sau Bis Manjhaari ।
Bhaadr Shukl Chaudas Shubhakaari ॥
Bhakto Ki Har Aadhi Vyaadhi ।
Jal Mein Li Jaladev Samaadhi ॥
Jo Jan Dhare Aaj Bhi Dhyaana ।
Unka Varun Kare Kalyaana ॥ 40 ॥
॥ Doha ॥
Chalisa Chalis Din Path Kare Jo Koy ।
Paave Manavanchhit Phal Aru Jivan Sukhmay Hoy ॥
॥ Om Shri Varunay Namah ॥
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श्री झूलेलाल चालीसा लिरिक्स पीडीएफ (Shree Jhulelal Chalisa Lyrics PDF)
श्री झूलेलाल से सम्बंधित सामान्य प्रश्न Shree Jhulelal Chalisa FAQ)
श्री झूलेलाल चालीसाShree Jhulelal Chalisa क्या है?
श्री झूलेलाल चालीसाShree Jhulelal Chalisa एक धार्मिक प्रथना है जो भगवान झूलेलाल को समर्पित की जाती है। यह 40 श्लोकों की एक सार्थक कविता है जिसमें भगवान की महिमा, गुण, और कल्याणकारक गुणगान किए गए हैं।
श्री झूलेलाल चालीसाShree Jhulelal Chalisa का महत्व क्या है?
श्री झूलेलाल चालीसाShree Jhulelal Chalisa का पाठ भगवान झूलेलाल की पूजा, भक्ति, और समर्पण के एक माध्यम के रूप में किया जाता है। इससे भक्तो को आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति, और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
श्री झूलेलाल चालीसाShree Jhulelal Chalisa कैसे पढ़ी जाती है?
श्री झूलेलाल चालीसाShree Jhulelal Chalisa को साधारणत: दिन के किसी भी समय पढ़ा जा सकता है। यह चालीसा ध्यान से और श्रद्धापूर्वक पढ़ी जानी चाहिए |
झूलेलाल चालीसा Shree Jhulelal Chalisaके क्या लाभ होते हैं?
झूलेलाल चालीसा Shree Jhulelal Chalisa का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति, और भगवान के आशीर्वाद का आग्रह होता है।
क्या यह चालीसाShree Jhulelal Chalisa किसी विशेष दिन या तिथि पर पढ़नी चाहिए?
श्री झूलेलाल चालीसाShree Jhulelal Chalisa को किसी विशेष दिन या तिथि पर पढ़ने की कोई विशेष आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन कुछ भक्त विशेष अवसरों पर इसे पढ़ना पसंद करते हैं |
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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।